31 मार्च को गवेषणा मानवोत्थान एवं पर्यावरण तथा स्वास्थ्य समिति द्वारा जिज्ञासा वाचनालय में एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विषय था— "उचित आहार, उचित विहार, उचित उपचार के द्वारा मधुमेह (डायबिटीज/शुगर) से मुक्ति कैसे पाएं?" इस चर्चा में प्रमुख वक्ता डॉ. नरेंद्र पाटिल ने अपने अनुभव साझा किए।
उन्होंने बताया कि कोशिकाओं के लिए ऊर्जा कहाँ से आती है। हम जो कुछ भी खाते हैं, वह पाचन के बाद ग्लूकोज के रूप में रक्त में प्रवेश करता है। यह ग्लूकोज मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से प्राप्त होता है। अग्न्याशय इंसुलिन नामक हार्मोन स्रावित करता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है। इंसुलिन हमारे खून में ग्लूकोज (रक्त शर्करा) के स्तर को संतुलित करने और ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुँचाने में मुख्य भूमिका निभाता है। यदि हमारे शरीर में इंसुलिन नहीं बनता है, तो यह एक गंभीर समस्या है। इसके कारण रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
Type-2 Diabetes और उसके कारण
डॉ. नरेंद्र
पाटिल ने Type-2 Diabetes के बारे में
जानकारी देते हुए बताया कि यह मुख्य रूप से हमारी गलत जीवनशैली के कारण होता है।
इसमें गलत समय पर खान-पान, पोषणयुक्त आहार न लेना, सही समय पर न सोना आदि कारण प्रमुख हैं।
उन्होंने मधुमेह के कुछ प्रमुख कारण बताए:
मोटापा (Obesity)
– वजन बढ़ने के कारण
मानसिक तनाव
(Stress)
– अत्यधिक तनाव लेने से
अनुवांशिकता
(Genetic)
– पारिवारिक इतिहास के कारण
गलत खान-पान
– असंतुलित और अस्वास्थ्यकर भोजन करने से
दैनिक जीवनशैली में सुधार आवश्यक
इसके बाद
उन्होंने बताया कि हमें क्या खाना चाहिए, कितना
खाना चाहिए और कब खाना चाहिए— यह जानना आवश्यक है। प्रतिदिन व्यायाम करना सभी के
लिए जरूरी है, चाहे वह मधुमेह का मरीज हो या न हो। हमें अपने
जीने के तरीके को सुधारना होगा, जिसमें—
✔ रोज़ाना
7-8 घंटे की नींद लेना
✔ सही
समय पर सोना और जागना
✔ सही
समय पर भोजन करना
✔ स्वस्थ
जीवनशैली अपनाना
जब मधुमेह की शुरुआत होती है, तब लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन यह एक गंभीर बीमारी है। इसके कारण शरीर के अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं, जैसे आँखों की रोशनी कम होना, किडनी खराब होना, हार्ट अटैक आना, यहाँ तक कि अंग काटने की नौबत आना आदि
युवाओं में भी बढ़ रहा है मधुमेह
आजकल 20 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में भी मधुमेह देखा जा रहा है। इसका मुख्य कारण बदलता हुआ खान-पान है। यदि हम पुराने समय की बात करें, तो हमारे पूर्वज कंद-मूल और पौष्टिक आहार का सेवन करते थे, लेकिन वर्तमान समय में जंक फूड और अन्य अस्वास्थ्यकर पदार्थों का अधिक सेवन किया जा रहा है। यही कारण है कि आज कई प्रकार की बीमारियाँ तेजी से फैल रही हैं, जिनमें मधुमेह भी एक है।
उचित
आहार के नियम
✔ हरी सब्ज़ियाँ और
कच्चा सलाद खाएँ।
✔ भोजन
इस तरह करें— एक रोटी के साथ एक कटोरी दाल और एक कटोरी सब्ज़ी।
✔ खाने
के दौरान मोबाइल या टीवी न देखें, क्योंकि इससे भोजन पर
ध्यान नहीं रहता और पाचन प्रक्रिया सही ढंग से नहीं होती।
✔ रात
का भोजन 8 बजे तक कर लेना चाहिए और खाने के बाद कम से कम 2
घंटे तक जागना चाहिए।
✔ सुबह
का नाश्ता रात के खाने के कम से कम 14 घंटे के अंतराल के बाद
करें।
स्वास्थ्य
ही सबसे बड़ा धन
कार्यक्रम के
अंत में डॉ. नरेंद्र पाटिल ने कहा— "हमने क्या खोया है? हमने अपना स्वास्थ्य खोया है। और
सभी को अच्छा स्वास्थ्य चाहिए। बिना प्रयास किए हम अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त नहीं
कर सकते। मोबाइल की बुरी आदत छोड़नी चाहिए, क्योंकि यह भी कई
बीमारियों का कारण बन रहा है।"
उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन का कुछ उद्देश्य होना चाहिए,
जिससे हमें सच्चा आनंद प्राप्त हो। संसार के पदार्थों से हमें
क्षणिक सुख मिलता है, लेकिन वह जल्दी समाप्त हो जाता है। इन्हीं
शब्दों के साथ उन्होंने अपनी वाणी को विराम दिया।
इस कार्यक्रम
में गवेषणा समिति के अध्यक्ष श्री मनोहर चौरसिया, डॉ. चंदन सिंह, डॉ. दिनेश कुमार और जिज्ञासा
लाइब्रेरी के सभी छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
The News Grit, 01/04/2025
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