Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Health

RBI ने रेपो रेट में की साल में दूसरी बार 25 बे‍सिस की कटौती!!!!

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य!!!!

हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस न केवल अच्छे स्वास्थ्य और तंदुरुस्त जीवन के महत्व को रेखांकित करता है , बल्कि इसका एक ऐतिहासिक महत्व भी है। इसी दिन वर्ष 1948 में WHO की स्थापना हुई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा , स्विट्ज़रलैंड में स्थित है। इस वर्ष 2025 की थीम “ स्वस्थ शुरुआत , आशाजनक भविष्य” माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और कल्याण पर केंद्रित है। यह विषय इस सच्चाई की ओर इशारा करता है कि स्वस्थ परिवारों और समुदायों की नींव मां और बच्चे की भलाई में निहित है। जब एक महिला सुरक्षित गर्भावस्था और प्रसव अनुभव करती है , और जब एक नवजात बच्चे को जीवन के पहले महीनों में पर्याप्त देखभाल मिलती है , तभी समाज का भविष्य उज्ज्वल बनता है। मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य मौजूदा हालात और चुनौतियाँ आज भी दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाओं की मौजूदगी के बावजूद , हर साल लगभग 3 लाख महिलाएँ गर्भावस्था या प्रसव के दौरान जान गंवा देती हैं। इसके अलावा , 20 लाख से ज्यादा नवजात शिशु अपने पहले महीने में ही मर जाते हैं , और करीब 20 लाख शिशु ...

नशे के दुष्परिणामों के खिलाफ लड़ाई छात्रावासों में बनेगी नशा-मुक्ति समितियां!!!!

मध्यप्रदेश में नशा-मुक्त भारत अभियान के तहत एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। अब सभी छात्रावासों में नशा-मुक्ति समितियां बनाई जाएंगी। ये समितियां स्कूल और कॉलेजों में काम करेंगी और छात्रों को नशे के नुकसान के बारे में बताएंगी। इस बारे में एक राज्य स्तर की बैठक भी हुई , जिसे प्रमुख सचिव सोनाली पोंक्षे वायंगणकर ने संभाला। भारत सरकार ने अगस्त 2020 में ' नशा-मुक्त भारत ' अभियान शुरू किया। इसका मुख्य मकसद लोगों को नशे के नुकसान के बारे में जागरूक करना और इसके खिलाफ एक जन जागरण लाना है। इस अभियान में प्रदेश के सभी 55 जिलों को शामिल किया गया है। सरकार यह चाहती है कि यह अभियान सिर्फ बड़े शहरों तक ही न रहे, बल्कि गांवों और स्कूलों में भी इसे फैलाया जाए। नशा-मुक्ति समितियों का गठन राज्य की बैठक में तय किया गया कि सभी छात्रावासों में नशा-मुक्ति समितियां बनाई जाएंगी। इन समितियों का काम होगा छात्रों को नशे के नुकसान के बारे में बताना और उन्हें नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना। इनका मकसद है छात्रों में जागरूकता बढ़ाना और उनके सोच में सकारात्मक बदलाव लाना। मास्टर वॉलंटियर्स का योगदान न...

मधुमेह से मुक्ति उचित आहार, विहार और उपचार का महत्त्व

31 मार्च को गवेषणा मानवोत्थान एवं पर्यावरण तथा स्वास्थ्य समिति द्वारा जिज्ञासा वाचनालय में एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विषय था— " उचित आहार , उचित विहार , उचित उपचार के द्वारा मधुमेह (डायबिटीज/शुगर) से मुक्ति कैसे पाएं ?" इस चर्चा में प्रमुख वक्ता डॉ. नरेंद्र पाटिल ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कोशिकाओं के लिए ऊर्जा कहाँ से आती है। हम जो कुछ भी खाते हैं , वह पाचन के बाद ग्लूकोज के रूप में रक्त में प्रवेश करता है। यह ग्लूकोज मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से प्राप्त होता है। अग्न्याशय इंसुलिन नामक हार्मोन स्रावित करता है , जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है। इंसुलिन हमारे खून में ग्लूकोज (रक्त शर्करा) के स्तर को संतुलित करने और ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुँचाने में मुख्य भूमिका निभाता है। यदि हमारे शरीर में इंसुलिन नहीं बनता है , तो यह एक गंभीर समस्या है। इसके कारण रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है , जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। Type-2 Diabetes और उसके कारण डॉ. नरेंद्र पाटिल ने ...

पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम से बच्चों की आधारशिला होगी मजबूत!!

सागर जिले मे 2555 आंगनवाड़ी कार्यकर्तायें परियोजना स्तरीय 32   बैच में पोषण भी पढ़ाई भी से प्रशिक्षित: आंगनवाड़ीयों में बच्चों मे दिव्यांगता की भी होंगी पहचान , जन्म से 3 वर्ष  के बच्‍चे को मिलेगी नवचेतना , 3 से 6 वर्ष के बच्चों की बनेगी आधार शिला। कलेक्टर श्री संदीप जी आर के मार्गदर्शन मे संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार जिले मे कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय पोषण भी पढ़ाई भी का प्रशिक्षण अलग अलग 32 बेचों में परियोजना मुख्यालयों पर परियोजना अधिकारियों द्वारा आयोजित किया गया। पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश त्रिपाठी से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने आंगनवाडी केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी के रुप मे विकसित कर उनमे जन्म से तीन वर्ष के बच्चों को नवचेतना ,   तीन से छः वर्ष के बच्चों को आधार शिला एवं जन्म से छः वर्ष के बच्चों मे दिव्यांगता की पहचान हेतु पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम आरम्भ किया है। अजीम प्रेम जी फाउंडेशन समन्वय द्वारा चलाया गया कार्यक्रम जिले में इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विग...

AIIMS नई दिल्‍ली और SAMEER बीच चिकित्‍सा इलेक्‍ट्रानिक्‍स उपकरण के विकास को लेकर हुआ समझौता!!!!

NMR विभाग के 32वें स्‍थापना दिवस पर 25 मार्च को सोसायइटी फॉर एम्‍लाइड माइक्रोवेव इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च ( S AMEER ) और ( AIIMS ) ने मिलकर एक दूसरे के सहयोग से चिकित्‍सा उपकरणों के विकास करने पर एमओयू ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। ताकि दोनों संस्‍थान उच्‍च क्षेत्र/निम्‍न क्षेत्र चुम्‍बकीय अनुदान इमेंजिंग (एमआरआई) परमाणु चुम्‍बकीय अनुदान (एनएमआर) प्रणालियों को विकसित करने और चिकित्‍सा अनुप्रयोगों के लिए रेडियो आवृत्ति , आरएफ , माइक्रोवेव , प्रणालियों और संबंद्ध क्षेत्रों में अनुसाधन को बढ़ावा देने के लिए सहयोत्‍मक रूप से काम कर सके। इस समझौता ज्ञापन में पांच प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं: 1. चिकित्सा उपकरणों के विकास में सहयोगात्मक अनुसंधान। 2. समीर , मुंबई द्वारा विकसित स्वदेशी 1.5 टी एमआरआई प्रणाली का नैदानिक ​​ सत्यापन। 3. तस्‍वीर संवर्द्धन और त्वरित इमेजिंग के लिए एआई/एमएल में सहयोगात्मक अनुसंधान। 4. उच्च/निम्न क्षेत्र एमआरआई स्कैनर के उप-प्रणालियों का डिजाइन और विकास। 5. उच्च क्षेत्र जीव एमआरआई स्कैनर के लिए आरएफ उप-प्रणालियों का विकास। भारत में एमआरआई तकनीक का वि...

Yes we can End TB Theme के साथ मनाया गया इस बार विश्व टीबी दिवस!!!!

टीबी बीमारी से लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) तथा अन्य संस्थाओं ने 24 मार्च को विश्व टीबी की दिवस के रूप में घोषित किया है। 24 मार्च को इस दिवस को मनाने की एक एहम बात यह है , की जर्मन वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने 1882 में माइक्रोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु की खोज की थी। जो की टीबी बीमारी का कारण है , इस खोज ने टीवी के निदान और इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है , तथा 1905 में रॉबर्ट कोच को इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस दिन को मनाने का मकसद सभी को टीवी के खतरों के लक्षणों और बचाव के तरीके से अवगत कराना और इसके प्रति जागरूकता फैलाना है। वर्ष 2000 से अभी तक टीबी से निपटने के वैश्विक प्रयासों ने अनुमानित 7.9 करोड़ लोगों की जान बचाई है। विश्व टीबी दिवस दुनिया की जानलेवा बीमारियों में से एक (टीबी) को समाप्त करने पर जोर देता है। इस अवसर पर क्‍या कहा WHO के महानिदेशक ने डॉ.  टैडोस ऐडरेनाॅम गैबरेयेसस,  डो WHO के महानिदेशक , ने कहा , " पिछले 20 वर्षों में टीबी के खिलाफ जो बड़ी प्रगति हुई है , वह अब खतरे में है। इसका म...

भोपाल एम्स में हृदय रोगों के इलाज में बड़ी सफलता, पहली बार हुआ TAVI!!!!

मध्य प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई है। मध्‍यप्रदेश मेंमें पहली बार किसी शासकीय अस्पताल में ट्रांसकैथेटर एऑर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन ( TAVI) की प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई। यह प्रक्रिया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में संपन्न हुई , जो कि प्रदेश में चिकित्सा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है। क्या है TAVI प्रक्रिया ? TAVI एक न्यूनतम इनवेसिव हृदय वॉल्व प्रतिस्थापन तकनीक है , जो उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए ओपन हार्ट सर्जरी का एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में पैर की धमनी के माध्यम से एक कृत्रिम हृदय वाल्व को हृदय तक पहुंचाया जाता है और इसे प्रभावित वाल्व के स्थान पर प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया की विशेषता यह है कि इसमें चीरा लगाने , सामान्य एनेस्थीसिया देने या वेंटिलेटर के उपयोग की आवश्यकता नहीं होती , जिससे मरीज की तेजी से रिकवरी संभव होती है और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। डॉक्टरों और चिकित्सा दल की भूमिका इस उपलब्धि को एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक प्र...