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पर्यटन में मध्यप्रदेश की नई उड़ान: 2024 में 13 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे!!

जब तर्कशीलता बनती है प्रतिरोध: हैबरमास की दृष्टि में संवाद!!!!

जुर्गन हैबरमास ( J ü rgen Habermas) समकालीन युग के सबसे प्रभावशाली दार्शनिकों और समाजशास्त्रियों में गिने जाते हैं। वे फ्रैंकफर्ट स्कूल की परंपरा से जुड़े आलोचनात्मक सिद्धांत ( Critical Theory) के प्रमुख प्रतिनिधि हैं। हैबरमास का दर्शन लोकतंत्र , संवाद , सार्वजनिक क्षेत्र , और संप्रेषण ( communication) पर आधारित है। उन्होंने आधुनिकता , तर्कशीलता ( rationality), नैतिकता और सामाजिक न्याय के पुनराविष्कार में अद्वितीय योगदान दिया है। हैबरमास का जन्म जर्मनी के डसेलडोर्फ में नाज़ी शासन के दौरान 18 जून 1929 में हुआ। उनके बचपन का अनुभव और द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका ने उनकी सोच को गहराई से प्रभावित किया। वे एक धार्मिक परिवार से आए ,   लेकिन बाद में उनका रुझान धर्मनिरपेक्ष तर्क और लोकतांत्रिक मूल्यों की ओर हुआ। हैबरमास ने गोएथ विश्वविद्यालय , फ्रैंकफर्ट से दर्शन , इतिहास , मनोविज्ञान और साहित्य का अध्ययन किया। वे थिओडोर अडोर्नो और मैक्स होरकहाइमर जैसे फ्रैंकफर्ट स्कूल के प्रमुख चिंतकों के शिष्य रहे। उन्होंने 1960 के दशक में अपने पहले प्रमुख ग्रंथ The Structural Transformation of the P...

बेसहारा बच्चों को कानूनी पहचान दिलाने की एक मानवीय पहल: साथी अभियान!!!!

बेसहारा और निराश्रित बच्चों की जिंदगी में सबसे बड़ी कमी होती है – पहचान की। बिना पहचान के न तो वे स्कूल जा सकते हैं , न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकते हैं और न ही किसी सरकारी योजना का हिस्सा बन सकते हैं। इस समस्या को समझते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ( NALSA), नई दिल्ली ने " साथी अभियान" शुरू किया है , जो देशभर में तथा मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण , जबलपुर के माध्यम से प्रभावी रूप से चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य “ साथी अभियान” का मुख्य उद्देश्य है – 18 वर्ष से कम आयु के बेसहारा बच्चों को कानूनी पहचान प्रदान करना , ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और उन्हें शिक्षा , स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिल सके। यह अभियान 5 अगस्त 2025 तक चलाया जा रहा है , और इसका संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ( DLSA) और जिला प्रशासन के समन्वय से किया जा रहा है। साथी अभियान की विस्तृत अवधारणा इस राष्ट्रीय अभियान का पूरा नाम है: SAATHI – "Survey for Aadhaar and Access to Tracking and Holistic Inclusion" यह केवल आधार कार्ड बनाने तक सीमि...

खंडवा में महिला के साथ क्रूर अत्याचार की घटना!!!!

मध्यप्रदेश के खंडवा ज़िले से हाल ही में सामने आई एक बेहद दर्दनाक और क्रूर घटना ने पूरे समाज की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। यह सिर्फ एक आपराधिक वारदात नहीं है , बल्कि हमारे सभ्य कहे जाने वाले समाज के भीतर छुपी बर्बरता का नग्न रूप है। 45 वर्षीय एक आदिवासी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद जिस अमानवीयता से उसकी देह को क्षत-विक्षत किया गया , वह न केवल हमारे कानून तंत्र बल्कि सामाजिक नैतिकता की भी खुली विफलता है। घटना का वर्णन: निर्भया की भयावह पुनरावृत्ति ? दिनांक 23 मई 2025 की रात खंडवा के इतवा गांव में यह वीभत्स घटना घटित हुई। पीड़िता अपने गाँव के पास ही एक विवाह समारोह से लौट रही थी , जब दो पड़ोसी युवक - हरि ( 40) और सुनील ( 35), जो उसी कोरकू आदिवासी समुदाय से हैं - उसे बहलाकर हरि के घर ले गए। वहाँ दोनों ने उसके साथ न केवल दुष्कर्म किया , बल्कि उसे ऐसी शारीरिक और मानसिक पीड़ा दी जो किसी अत्यंत क्रूर कांड से कम नहीं। पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट और आरोपियों से पूछताछ में जो तथ्य सामने आए , वे दिल दहला देने वाले हैं। आरोप है कि हरि ने यौन अत्याचार की सीमा पार करते हुए महिला के privat...

प्राकृतिक खेती अपनाएं, रासायनिक उर्वरकों से दूरी बनाएँ!!!!

सागर जिले में कृषि के क्षेत्र में एक नई पहल की गई है, जिसका उद्देश्य है किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और खेती की आधुनिक तकनीकों को प्रोत्साहित करना। इस दिशा में कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. के नेतृत्व में कई योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। प्राकृतिक खेती और हाइड्रोपोनिक माइक्रोग्रीन्स की ओर बढ़ते कदम कलेक्टर संदीप जी.आर. ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हों। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से न केवल मिट्टी उर्वरता नष्ट होती है, बल्कि यह फसलों की गुणवत्ता पर भी प्रभाव डालता है। इसके स्थान पर यदि किसान जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनाएं, तो उन्हें बेहतर उत्पादन के साथ-साथ अच्छे दाम भी प्राप्त हो सकते हैं। उन्होंने हाइड्रोपोनिक माइक्रोग्रीन्स योजना का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह तकनीक कम पानी में अधिक उपज देने में सक्षम है। इसमें न तो मिट्टी की आवश्यकता होती है और न ही अधिक भूमि की। यह प्रणाली विशेष रूप से शहरी या सीमित स्थानों वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श है। कलेक्टर ने जानक...

आधुनिक तकनीक से खेती में नया उजाला सागर जिले के किसानों की प्रेरणादायक कहानियाँ!!!!

भारत में कृषि केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि जीवनशैली और सांस्कृतिक धरोहर भी है। आज जब जलवायु परिवर्तन, सीमित जल संसाधन और पारंपरिक खेती की चुनौतियाँ किसानों के सामने हैं, ऐसे समय में सरकारी योजनाएँ और आधुनिक तकनीकें नई आशा की किरण बनकर उभरी हैं। मध्यप्रदेश के सागर जिले से चार ऐसे किसानों की कहानियाँ सामने आई हैं जिन्होंने इन संसाधनों का समुचित उपयोग कर खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला है। ये कहानियाँ केवल सफलता की नहीं, बल्कि परिवर्तन, संकल्प और सतत विकास की प्रेरणा भी हैं। नंदकिशोर पटैल – शेडनेट हाउस से मिली 4 लाख की शुद्ध आय जिला सागर के ग्राम हफसिली के निवासी नंदकिशोर पटैल ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत शेडनेट हाउस की स्थापना की और उसमें खीरे की खेती कर अपनी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि की। शेडनेट हाउस की सहायता से उन्होंने फसल को प्राकृतिक आपदाओं और कीटों से सुरक्षित रखा, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ। उनकी कुल आय 5 लाख रुपये रही, जिसमें से शुद्ध लाभ 4 लाख रुपये रहा। नंदकिशोर पटैल की यह कहानी यह दिखाती है कि यदि किसान योजनाओं की सही जानकारी लेकर उन्हे...

1976 का सबीना पार्क टेस्ट: जब क्रिकेट के मैदान पर साहस और हिंसा आमने-सामने थे!!!!

क्रिकेट को अक्सर "जेंटलमैन का खेल" कहा जाता है , लेकिन 21 से 25 अप्रैल 1976 के बीच जमैका के सबीना पार्क में खेले गए भारत और वेस्ट इंडीज के बीच चौथे टेस्ट मैच ने इस धारणा को गहराई से चुनौती दी। यह मैच न केवल वेस्ट इंडीज की आक्रामक गेंदबाजी रणनीति के लिए , बल्कि भारतीय बल्लेबाज अंशुमान गायकवाड़ की अद्वितीय साहसिक पारी के लिए भी याद किया जाता है। पृष्ठभूमि: पोर्ट ऑफ स्पेन की ऐतिहासिक जीत इस टेस्ट से पहले , भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन में 403 रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक चेज़ करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। इस जीत ने वेस्ट इंडीज की क्रिकेट बादशाहत को चुनौती दी और कप्तान क्लाइव लॉयड को गहरी चिंता में डाल दिया। उन्होंने अपने गेंदबाजों से तीखे शब्दों में कहा , " आखिर कितना स्कोर बना कर दें कि तुम लोग डिफेंड कर पाओ ?"   इस बयान ने आगामी टेस्ट में वेस्ट इंडीज की आक्रामक रणनीति की नींव रखी। सबीना पार्क: एक युद्धभूमि 21 अप्रैल 1976 को शुरू हुए चौथे टेस्ट मैच से पहले सीरीज़ में दोनों देश 1-1 से बराबर थे. वेस्ट इंडीज़ उस वक्त 1975 की वर्ल्ड चैंपियन थी। तब वेस्ट इंडीज़ के...

ड्रोन से बदलती ज़िंदगी: साक्षी और कई महिलाएं जो बदल रही हैं खेतों की तस्वीर!!!!

भारत की कृषि परंपरागत रूप से श्रम-प्रधान रही है , लेकिन अब इस क्षेत्र में तकनीक की नई बयार बह रही है। "नमो ड्रोन दीदी योजना" इसी बदलाव का प्रतीक बनकर सामने आई है। जो न केवल कृषि कार्यों को आधुनिक बना रही है , बल्कि महिलाओं को भी तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर कर रही है। यह योजना उन महिलाओं की कहानी कहती है जो खेतों में सिर्फ श्रमिक नहीं , बल्कि तकनीकी नवाचार की अगुवाई कर रहीं है। साक्षी पांडे की कहानी: बदलाव की मिसाल मध्यप्रदेश के सागर ज़िले के पडरिया गांव की रहने वाली साक्षी पांडे इस योजना की एक सशक्त उदाहरण हैं। मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के तहत वे इफको द्वारा संचालित 15 दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ीं। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क था , जिसमें उन्हें ड्रोन उड़ाने , उसकी तकनीक समझने और कीटनाशक व उर्वरक के छिड़काव की विधियों का व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। प्रशिक्षण के बाद उन्हें मार्च 2023 में एक ड्रोन , एक इलेक्ट्रिक व्हीकल और एक जनरेटर उपलब्ध कराया गया – ये सभी भी योजना के अंतर्गत निःशुल्क दिए गए संसाधन थे। अब साक्षी किसानों के खेतों मे...