Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Awareness

पर्यटन में मध्यप्रदेश की नई उड़ान: 2024 में 13 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे!!

घास के मैदानों से मजबूत होता नौरादेही का वन्यजीव संरक्षण!!!!

मध्य प्रदेश में स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व न केवल राज्य का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है , बल्कि यह जैव विविधता , पारिस्थितिकी और वन्यजीवन संरक्षण की दिशा में एक नया उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है। यहां विस्थापन के बाद खाली हुए गांवों की जमीन पर विकसित किए गए घास के मैदानों ने न सिर्फ परिदृश्य को बदला है , बल्कि वन्य प्रजातियों के लिए एक अनुकूल आवास भी उपलब्ध कराया है। खास तौर पर शाकाहारी जानवरों की संख्या में जो तीव्र वृद्धि हुई है , उसने इस क्षेत्र को वन्यजीव पर्यटन और बाघों के संरक्षण दोनों ही दृष्टियों से और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। विस्थापन से अवसर तक वर्ष 2010 में अफ्रीकी चीतों को भारत में बसाने के लिए नौरादेही क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया था। इस पहल के तहत 2014 में गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके परिणामस्वरूप कई गांवों को हटाकर उनकी जमीन को पुनः प्राकृतिक आवास में परिवर्तित किया गया। भले ही नौरादेही को आधिकारिक रूप से 20 सितंबर 2023 को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला , लेकिन उससे पूर्व ही संरक्षण कार्य प्रारंभ हो चुके थे। सागर और नरसिंहपुर जि...

जब तर्कशीलता बनती है प्रतिरोध: हैबरमास की दृष्टि में संवाद!!!!

जुर्गन हैबरमास ( J ü rgen Habermas) समकालीन युग के सबसे प्रभावशाली दार्शनिकों और समाजशास्त्रियों में गिने जाते हैं। वे फ्रैंकफर्ट स्कूल की परंपरा से जुड़े आलोचनात्मक सिद्धांत ( Critical Theory) के प्रमुख प्रतिनिधि हैं। हैबरमास का दर्शन लोकतंत्र , संवाद , सार्वजनिक क्षेत्र , और संप्रेषण ( communication) पर आधारित है। उन्होंने आधुनिकता , तर्कशीलता ( rationality), नैतिकता और सामाजिक न्याय के पुनराविष्कार में अद्वितीय योगदान दिया है। हैबरमास का जन्म जर्मनी के डसेलडोर्फ में नाज़ी शासन के दौरान 18 जून 1929 में हुआ। उनके बचपन का अनुभव और द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका ने उनकी सोच को गहराई से प्रभावित किया। वे एक धार्मिक परिवार से आए ,   लेकिन बाद में उनका रुझान धर्मनिरपेक्ष तर्क और लोकतांत्रिक मूल्यों की ओर हुआ। हैबरमास ने गोएथ विश्वविद्यालय , फ्रैंकफर्ट से दर्शन , इतिहास , मनोविज्ञान और साहित्य का अध्ययन किया। वे थिओडोर अडोर्नो और मैक्स होरकहाइमर जैसे फ्रैंकफर्ट स्कूल के प्रमुख चिंतकों के शिष्य रहे। उन्होंने 1960 के दशक में अपने पहले प्रमुख ग्रंथ The Structural Transformation of the P...

बेसहारा बच्चों को कानूनी पहचान दिलाने की एक मानवीय पहल: साथी अभियान!!!!

बेसहारा और निराश्रित बच्चों की जिंदगी में सबसे बड़ी कमी होती है – पहचान की। बिना पहचान के न तो वे स्कूल जा सकते हैं , न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकते हैं और न ही किसी सरकारी योजना का हिस्सा बन सकते हैं। इस समस्या को समझते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ( NALSA), नई दिल्ली ने " साथी अभियान" शुरू किया है , जो देशभर में तथा मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण , जबलपुर के माध्यम से प्रभावी रूप से चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य “ साथी अभियान” का मुख्य उद्देश्य है – 18 वर्ष से कम आयु के बेसहारा बच्चों को कानूनी पहचान प्रदान करना , ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और उन्हें शिक्षा , स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिल सके। यह अभियान 5 अगस्त 2025 तक चलाया जा रहा है , और इसका संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ( DLSA) और जिला प्रशासन के समन्वय से किया जा रहा है। साथी अभियान की विस्तृत अवधारणा इस राष्ट्रीय अभियान का पूरा नाम है: SAATHI – "Survey for Aadhaar and Access to Tracking and Holistic Inclusion" यह केवल आधार कार्ड बनाने तक सीमि...

स्वस्थ समाज की ओर एक दृढ़ संकल्प!!!!

आज का भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है – विज्ञान , तकनीक , शिक्षा , स्वास्थ्य और वैश्विक पहचान के क्षेत्र में। लेकिन इस विकास यात्रा में एक ऐसी सामाजिक चुनौती भी है , जो राष्ट्र की ऊर्जा , विशेषकर युवा शक्ति को भीतर से खोखला कर रही है – वह है नशे की लत । इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक और जन-सहभागिता पर आधारित पहल की शुरुआत की – नशा मुक्त भारत अभियान ( NMBA) । अभियान की शुरुआत और विस्तार 15 अगस्त 2020 को जब पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था , तब इस दिन एक नई सामाजिक क्रांति की नींव रखी गई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रारंभ किया गया नशा मुक्त भारत अभियान , प्रारंभ में 272 जिलों में लागू किया गया था। लेकिन इसकी सफलता और आवश्यकताओं को देखते हुए इसे 2022 में 372 जिलों तक विस्तारित किया गया और 2023 से देश के सभी जिलों में लागू कर दिया गया। उद्देश्य नशा नहीं , नव निर्माण इस अभियान का मूल उद्देश्य केवल नशे से मुक्ति दिलाना नहीं , बल्कि समाज में वैज्ञानिक सोच , आत्म-विश्वास और जीवन मूल्यों को पुनर्स्थापित करना है। यह अभियान युवाओं को जागरूक...

इंदौर में मेट्रो की सवारी - स्वच्छता के बाद सुविधा की बारी!!!!

भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। यह शहर सिर्फ सफाई , अनुशासन और नागरिक सहभागिता के लिए नहीं , बल्कि आधुनिक शहरी विकास और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी देश का नेतृत्व करने लगा है। अब इंदौर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है -  मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत। 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भोपाल से वर्चुअली इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर यात्री सेवा का शुभारंभ किया। यह दिन न केवल इंदौर के लिए , बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव का क्षण रहा। क्या है सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर ? इंदौर मेट्रो का सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर लगभग 6 किलोमीटर लंबा है और यह येलो लाइन का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह कॉरिडोर शहर के सबसे तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र - सुपर कॉरिडोर - में बनाया गया है , जो कि शहरी विस्तार और औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है। इस कॉरिडोर से मेट्रो सेवा की शुरुआत होने से शहर के लाखों नागरिकों को एक तेज़ , सुगम और विश्वसनीय यात्रा सुविधा मिलेगी। इस कॉरिडोर में कुल 5 स्टेशन शामिल हैं: 1. ...