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ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

नोम चोम्स्की: हमारे समय की अंतरात्मा और आलोचनात्मक विवेक की आवाज़!!!!

नोम चोम्स्की हमारे समय के सबसे प्रभावशाली बुद्धिजीवियों में से एक हैं। वे भाषा-विज्ञान , राजनीति , मीडिया आलोचना और वैश्विक सत्ता संरचनाओं पर अपने तीक्ष्ण विश्लेषण के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी सोच ने न केवल अकादमिक जगत को बल्कि आम जनमानस को भी झंकझोरा है। आज जब लोकतंत्र , स्वतंत्रता और न्याय की अवधारणाएं लगातार चुनौती के घेरे में हैं , तब चोम्स्की की वैचारिक स्पष्टता और नैतिक प्रतिबद्धता हमें दिशा देने का कार्य करती है। इसीलिए , यह लेख उनके विचारों और योगदान की प्रासंगिकता को समझने का एक विनम्र प्रयास है। नोम चोम्स्की ( Noam Chomsky) का जन्म 7 दिसंबर 1928 को फिलाडेल्फिया , अमेरिका में हुआ था। वे एक बहुचर्चित अमेरिकी भाषाविद् , दार्शनिक , राजनीतिक विचारक , सामाजिक आलोचक और मानवाधिकारों के प्रखर पक्षधर हैं। वे एमआईटी ( Massachusetts Institute of Technology) में लंबे समय तक प्रोफेसर रहे हैं। चोम्स्की को आधुनिक भाषाविज्ञान का जनक माना जाता है। वे विश्लेषणात्मक दर्शन तथा मीडिया व राजनीति की आलोचनात्मक व्याख्या के लिए भी विख्यात हैं। भाषाविज्ञान , राजनीतिक दर्शन और सामाजिक आलोचना , मीडिया व...

भारत में पहली बार बाघ, तेंदुआ और चीता एक साथ!!!!

भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साकार होने जा रही है। मध्यप्रदेश के सागर जिले में स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व ( पूर्व नाम नौरादेही अभयारण्य) को अब देश का पहला ऐसा टाइगर रिजर्व बनने का गौरव प्राप्त होगा , जहां बाघ , तेंदुआ और चीता – बिग कैट फैमिली के तीन प्रमुख सदस्य – एक साथ प्राकृतिक आवास में रहेंगे। यह न केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए भी एक अनूठा प्रयोग होगा। चीतों की वापसी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भारत में अंतिम बार चीता ( Asiatic Cheetah) को 1947 में छत्तीसगढ़ (अब छत्तीसगढ़ राज्य , तब मध्य प्रदेश का हिस्सा) के कोरिया ज़िले में देखा गया था। उस समय राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने तीन चीतों का शिकार किया था। यही घटना भारत में चीतों के प्राकृतिक रूप से पाए जाने का अंतिम रिकॉर्डेड उदाहरण मानी जाती है।   इसके बाद भारत सरकार ने लंबे समय तक चीतों के न मिलने और शिकार के चलते उनकी प्रजाति को लुप्त मान लिया , और 1952 में भारत सरकार ने औपचारिक रूप से चीते को "विलुप्त" ( Extinct) घोषित कर दिया। इसके बाद से भारत में चीते की पुनर्स्थापना को लेकर कई बा...

मध्‍यप्रदेश को गर्व का क्षण: छतरपुर के कसवा घुवारा की क्रांति गौंड का हुआ इंग्‍लैड दौरे के लिए टीम इंडिया में चयन!!

मध्यप्रदेश के सागर संभाग अंतर्गत छतरपुर क्षेत्र के कसवा घुवारा की धरती पर जन्मी कु. क्रांति गौंड ने भारतीय महिला क्रिकेट में ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में चयनित होकर न केवल अपने गांव का नाम रोशन किया है , बल्कि समूचे बुंदेलखंड अंचल को गर्व की अनुभूति कराई है। 11 अगस्त 2003 को जन्मी क्रांति आज युवाओं , विशेषकर ग्रामीण बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। उनकी सफलता इस बात का जीवंत प्रमाण है कि प्रतिभा गांव की गलियों से निकलकर भी राष्ट्रीय स्तर पर दमदार उपस्थिति दर्ज करा सकती है। क्रांति गौंड का पूरा परिवार ग्राम घुवारा में निवास करता है। उनके पिता श्री मुन्ना सिंह पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर जिला छतरपुर के थाना भगवां की घुवारा चौकी में पदस्थ हैं। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली क्रांति ने कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की राह बनाई। यह उनकी मेहनत , लगन और परिवार के सहयोग का प्रतिफल है कि आज वे राष्ट्रीय टीम में जगह बना पाई हैं। एक प्रेरणादायक सफर घुवारा की बेटी क्रांति गौंड ने यह सिद्ध कर दिया कि लगन , मेहनत और आत्मबल से हर बा...

स्व-सहायता समूह से मिली उड़ान, कचरे से खड़ा किया कारोबार!!!!

कुछ कर गुजरने के लिए धन की ही नहीं, बल्कि मजबूत मन, सच्ची लगन और एक उपयोगी विचार की आवश्यकता होती है। जब इन सभी का संगम होता है, तो व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अवसर तलाश कर सकता है। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है, मण्डी बाम्होरा विकासखण्ड बीना की श्रीमती जमना अहिरवार की, जिन्होंने कूड़े-कचरे को अपना हथियार बनाकर न केवल अपना बल्कि अपने परिवार और समूह की अन्य महिलाओं का जीवन बदल दिया। यात्रा की शुरुआत  श्रीमती जमना अहिरवार की कहानी एक साधारण महिला की असाधारण सोच का परिणाम है। वे अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह से जुड़ी थी, और धीरे-धीरे समूह के माध्यम से उन्होंने सामूहिकता, आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्वावलंबन की शक्ति को समझा। समूह का पूरा होने के बाद उन्हें 6 लाख रुपये की लिंकेज राशि प्राप्त हुई। इसी से उन्होंने 2 लाख रुपये का ऋण लिया और उसे आधार बनाकर फेंके जाने वाले कचरे के व्यापार की ओर कदम बढ़ाया। उन्होंने कचरा खरीदना शुरू किया, उसे प्रोसेस करके बाजार में बेचना शुरू किया और धीरे-धीरे अपने छोटे से कारोबार को एक मजबूत उद्यम में बदल दिया। बैंक लिंकेज का अर्थ है स्व-सहायता समूहों (SH...

अब हर मददगार बनेगा हीरो – सड़क सुरक्षा में नागरिकों की मदद को प्रोत्साहन!!!!

भारत में सड़क दुर्घटना एक गंभीर मामला रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में घायल होते या मारे जाते हैं, जिनमें से कई की मृत्यु इसलिए हो जाती है, क्योंकि समय पर उन्हें प्राथमिक उपचार या अस्पताल नहीं मिल पाता। ऐसे में केंद्र सरकार ने 2021 में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए "गुड सेमेरिटन योजना" की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य सड़क हादसों में घायल लोगों की जान बचाने वाले नागरिकों को सम्मानित और सुरक्षित करना है। इसी के साथ मध्यप्रदेश सरकार ने इस योजना को अपनी स्वीकृति देकर प्रदेश में लागू करने की घोषणा की है। जिसे 2025 में मई के अंत तक शु‍रू किया जाएगा। जिसमें प्रोत्‍साहन राशि 25 हजार देने की बात कही गई है।  भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा 15 अक्टूबर 2021 से इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की जान बचाने वाले नागरिकों को सम्मानित करना है। इस योजना का नाम है – ‘गुड सेमेरिटन को पुरस्कार देने की योजना’, जो ऐसे नागरिकों को प्रोत्साहित करती है जो ‘गो...

डॉ. यादव ने दिखाई हरी झंडी, 2100वें मेट्रो कोच का हुआ शुभारंभ!!!!

भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और स्वदेशी निर्माण क्षमताओं में तेज़ी से हो रहे विस्तार ने देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश अब मेट्रो और रेल कोच निर्माण के क्षेत्र में एक उभरता हुआ केंद्र बनता जा रहा है। राज्य में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) जैसी अग्रणी कंपनी द्वारा अत्याधुनिक निर्माण इकाइयों की स्थापना एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध हो रही है। रायसेन जिले में स्थापित की जा रही नई बीईएमएल इकाई न केवल औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। बेंगलुरू में बीईएमएल द्वारा निर्मित 2100वें मेट्रो कोच को राष्ट्र को समर्पित करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो 'मेड इन इंडिया' अभियान की सफलता और भारत की तकनीकी दक्षता का प्रतीक है। BEML आखिर क्या है? भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) भारत सरकार के अधीन एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो खनन, निर्माण, रेलवे, मेट्रो और रक्षा क्षेत्रों के लिए भारी मशीनरी और वाहनों का निर्माण करती है। जो एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थ मूव...

CBSE 12वीं बोर्ड 2025 विजयवाड़ा टॉप पर!!!!

CBSE 12 वीं बोर्ड 2025 विजयवाड़ा टॉप पर !!!! केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( CBSE) ने 13 मई 2025 को 12 वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों की घोषणा कर दी है। यह परिणाम 2024-25 सत्र की बोर्ड परीक्षाओं के लिए घोषित किया गया है , जो 15 फरवरी से 4 अप्रैल 2025 तक आयोजित हुई थीं। इस वर्ष का परिणाम कई दृष्टियों से उल्लेखनीय रहा है – न केवल छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है , बल्कि सफलता दर में भी सकारात्मक बढ़ोतरी देखने को मिली है। कुल आंकड़े: पंजीकरण , परीक्षा और परिणाम इस वर्ष कुल 17,04,367 छात्रों ने 12 वीं बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था , जिनमें से 16,92,794 छात्र परीक्षा में सम्मिलित हुए और 14,96,307 छात्र सफल घोषित हुए। परिणामस्वरूप कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 88.39% रहा , जो कि पिछले वर्ष ( 87.98%) से 0.41% अधिक है। क्षेत्रवार प्रदर्शन: कहाँ सबसे अच्छे परिणाम आए ? CBSE ने अपने विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों के अनुसार परिणाम घोषित किए हैं। विजयवाड़ा क्षेत्र ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है जहां 99.60% छात्र उत्तीर्ण हुए। इसके बाद त्रिवेन्द्रम ( 99.32%) और चेन्नई ( 97.39%) का स्थान रहा।...