Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Collage

पर्यटन में मध्यप्रदेश की नई उड़ान: 2024 में 13 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे!!

मध्यप्रदेश को रेल संपर्क का नया तोहफा तीन नई ट्रेनों से विकास, यात्रा को मिलेगा बढ़ावा!!!!

मध्यप्रदेश के निवासियों के लिए मई 2025 के अंतिम सप्ताह में एक बेहद उत्साहजनक घोषणा सामने आई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में राज्य को तीन नई ट्रेन सेवाओं की सौगात देने की बात कही , जो आने वाले महीने जून में शुरू की जाएगी। ये ट्रेनें न केवल राज्य के भीतर और बाहर के प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ेंगी , बल्कि इससे शिक्षा , रोजगार , व्यापार और पर्यटन को भी अभूतपूर्व गति मिलेगी। तीन नई ट्रेनें मध्यप्रदेश से देश के तीन प्रमुख राज्यों की कनेक्टिविटी रेल मंत्री द्वारा घोषित तीन नई ट्रेनें हैं – रीवा से पुणे , जबलपुर से रायपुर और ग्वालियर से बेंगलुरु। इन सभी सेवाओं को केंद्र सरकार की ' संपर्क और समावेशन ' नीति का हिस्सा माना जा सकता है , जिसका उद्देश्य है छोटे और मध्यम शहरों को बड़े शैक्षणिक , औद्योगिक और तकनीकी केंद्रों से जोड़ना। 1.  रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे सेवा – शिक्षा और रोजगार की ओर एक आसान रास्ता रीवा और सतना जैसे शहरों के छात्र वर्षों से पुणे की ओर उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। अब जब सीधी ट्रेन सेवा शुरू होगी , तो न केवल छात्रों को राहत मिलेगी ,...

आधुनिक तकनीक से खेती में नया उजाला सागर जिले के किसानों की प्रेरणादायक कहानियाँ!!!!

भारत में कृषि केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि जीवनशैली और सांस्कृतिक धरोहर भी है। आज जब जलवायु परिवर्तन, सीमित जल संसाधन और पारंपरिक खेती की चुनौतियाँ किसानों के सामने हैं, ऐसे समय में सरकारी योजनाएँ और आधुनिक तकनीकें नई आशा की किरण बनकर उभरी हैं। मध्यप्रदेश के सागर जिले से चार ऐसे किसानों की कहानियाँ सामने आई हैं जिन्होंने इन संसाधनों का समुचित उपयोग कर खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला है। ये कहानियाँ केवल सफलता की नहीं, बल्कि परिवर्तन, संकल्प और सतत विकास की प्रेरणा भी हैं। नंदकिशोर पटैल – शेडनेट हाउस से मिली 4 लाख की शुद्ध आय जिला सागर के ग्राम हफसिली के निवासी नंदकिशोर पटैल ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत शेडनेट हाउस की स्थापना की और उसमें खीरे की खेती कर अपनी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि की। शेडनेट हाउस की सहायता से उन्होंने फसल को प्राकृतिक आपदाओं और कीटों से सुरक्षित रखा, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ। उनकी कुल आय 5 लाख रुपये रही, जिसमें से शुद्ध लाभ 4 लाख रुपये रहा। नंदकिशोर पटैल की यह कहानी यह दिखाती है कि यदि किसान योजनाओं की सही जानकारी लेकर उन्हे...

मध्‍यप्रदेश को गर्व का क्षण: छतरपुर के कसवा घुवारा की क्रांति गौंड का हुआ इंग्‍लैड दौरे के लिए टीम इंडिया में चयन!!

मध्यप्रदेश के सागर संभाग अंतर्गत छतरपुर क्षेत्र के कसवा घुवारा की धरती पर जन्मी कु. क्रांति गौंड ने भारतीय महिला क्रिकेट में ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में चयनित होकर न केवल अपने गांव का नाम रोशन किया है , बल्कि समूचे बुंदेलखंड अंचल को गर्व की अनुभूति कराई है। 11 अगस्त 2003 को जन्मी क्रांति आज युवाओं , विशेषकर ग्रामीण बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। उनकी सफलता इस बात का जीवंत प्रमाण है कि प्रतिभा गांव की गलियों से निकलकर भी राष्ट्रीय स्तर पर दमदार उपस्थिति दर्ज करा सकती है। क्रांति गौंड का पूरा परिवार ग्राम घुवारा में निवास करता है। उनके पिता श्री मुन्ना सिंह पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर जिला छतरपुर के थाना भगवां की घुवारा चौकी में पदस्थ हैं। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली क्रांति ने कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की राह बनाई। यह उनकी मेहनत , लगन और परिवार के सहयोग का प्रतिफल है कि आज वे राष्ट्रीय टीम में जगह बना पाई हैं। एक प्रेरणादायक सफर घुवारा की बेटी क्रांति गौंड ने यह सिद्ध कर दिया कि लगन , मेहनत और आत्मबल से हर बा...

स्व-सहायता समूह से मिली उड़ान, कचरे से खड़ा किया कारोबार!!!!

कुछ कर गुजरने के लिए धन की ही नहीं, बल्कि मजबूत मन, सच्ची लगन और एक उपयोगी विचार की आवश्यकता होती है। जब इन सभी का संगम होता है, तो व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अवसर तलाश कर सकता है। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है, मण्डी बाम्होरा विकासखण्ड बीना की श्रीमती जमना अहिरवार की, जिन्होंने कूड़े-कचरे को अपना हथियार बनाकर न केवल अपना बल्कि अपने परिवार और समूह की अन्य महिलाओं का जीवन बदल दिया। यात्रा की शुरुआत  श्रीमती जमना अहिरवार की कहानी एक साधारण महिला की असाधारण सोच का परिणाम है। वे अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह से जुड़ी थी, और धीरे-धीरे समूह के माध्यम से उन्होंने सामूहिकता, आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्वावलंबन की शक्ति को समझा। समूह का पूरा होने के बाद उन्हें 6 लाख रुपये की लिंकेज राशि प्राप्त हुई। इसी से उन्होंने 2 लाख रुपये का ऋण लिया और उसे आधार बनाकर फेंके जाने वाले कचरे के व्यापार की ओर कदम बढ़ाया। उन्होंने कचरा खरीदना शुरू किया, उसे प्रोसेस करके बाजार में बेचना शुरू किया और धीरे-धीरे अपने छोटे से कारोबार को एक मजबूत उद्यम में बदल दिया। बैंक लिंकेज का अर्थ है स्व-सहायता समूहों (SH...

अब हर मददगार बनेगा हीरो – सड़क सुरक्षा में नागरिकों की मदद को प्रोत्साहन!!!!

भारत में सड़क दुर्घटना एक गंभीर मामला रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में घायल होते या मारे जाते हैं, जिनमें से कई की मृत्यु इसलिए हो जाती है, क्योंकि समय पर उन्हें प्राथमिक उपचार या अस्पताल नहीं मिल पाता। ऐसे में केंद्र सरकार ने 2021 में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए "गुड सेमेरिटन योजना" की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य सड़क हादसों में घायल लोगों की जान बचाने वाले नागरिकों को सम्मानित और सुरक्षित करना है। इसी के साथ मध्यप्रदेश सरकार ने इस योजना को अपनी स्वीकृति देकर प्रदेश में लागू करने की घोषणा की है। जिसे 2025 में मई के अंत तक शु‍रू किया जाएगा। जिसमें प्रोत्‍साहन राशि 25 हजार देने की बात कही गई है।  भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा 15 अक्टूबर 2021 से इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की जान बचाने वाले नागरिकों को सम्मानित करना है। इस योजना का नाम है – ‘गुड सेमेरिटन को पुरस्कार देने की योजना’, जो ऐसे नागरिकों को प्रोत्साहित करती है जो ‘गो...

डॉ. यादव ने दिखाई हरी झंडी, 2100वें मेट्रो कोच का हुआ शुभारंभ!!!!

भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और स्वदेशी निर्माण क्षमताओं में तेज़ी से हो रहे विस्तार ने देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश अब मेट्रो और रेल कोच निर्माण के क्षेत्र में एक उभरता हुआ केंद्र बनता जा रहा है। राज्य में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) जैसी अग्रणी कंपनी द्वारा अत्याधुनिक निर्माण इकाइयों की स्थापना एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध हो रही है। रायसेन जिले में स्थापित की जा रही नई बीईएमएल इकाई न केवल औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। बेंगलुरू में बीईएमएल द्वारा निर्मित 2100वें मेट्रो कोच को राष्ट्र को समर्पित करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो 'मेड इन इंडिया' अभियान की सफलता और भारत की तकनीकी दक्षता का प्रतीक है। BEML आखिर क्या है? भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) भारत सरकार के अधीन एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो खनन, निर्माण, रेलवे, मेट्रो और रक्षा क्षेत्रों के लिए भारी मशीनरी और वाहनों का निर्माण करती है। जो एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थ मूव...

ग्रीन एनर्जी स्वच्छ भविष्य की ओर एक ठोस कदम!!!!

आज की दुनिया पर्यावरण प्रदूषण , जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संकट जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। ऐसे समय में "ग्रीन एनर्जी" यानी स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा मानवता के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है। यह न केवल ऊर्जा का एक सुरक्षित स्रोत है , बल्कि यह पृथ्वी और मानव जीवन दोनों को दीर्घकालिक लाभ पहुँचाती है। ग्रीन एनर्जी आज केवल तकनीकी नवाचार नहीं , बल्कि एक ज़रूरी जीवनदृष्टि बन चुकी है। ग्रीन एनर्जी क्या है ? ग्रीन एनर्जी वह ऊर्जा है जो ऐसे प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होती है जो बार-बार नवीनीकृत हो सकते हैं और जिनसे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता। इसमें मुख्य रूप से सौर ऊर्जा (सूरज की रोशनी) , पवन ऊर्जा (हवा) , जल ऊर्जा (नदियों और बाँधों से) , बायोमास (जैविक कचरे से) , और भू-तापीय ऊर्जा (पृथ्वी की अंदरूनी गर्मी) शामिल हैं। ग्रीन एनर्जी से न धुआँ निकलता है , न प्रदूषण फैलता है और न ही प्राकृतिक संसाधनों की अत्यधिक दोहन की ज़रूरत पड़ती है। ग्रीन एनर्जी का इतिहास (शुरुआत) ग्रीन एनर्जी का विचार नया नहीं है। प्राचीन काल में मनुष्य सूर्य और हवा की शक्ति का उपयोग नावें चलाने , अना...

बाघों की बढ़ती संख्‍या नौरादेही टाइगर रिजर्व में अब 23 बाघ!!!!

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व , वीरांगना रानी दुर्गावती नौरादेही टाइगर रिजर्व से वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणकर्ताओं के लिए बेहद सुखद समाचार सामने आया है। रिजर्व की बाघिन N-112 ने एक बार फिर चार शावकों को जन्म दिया है। यह न केवल जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है , बल्कि इस क्षेत्र में बाघों की स्थिर और बढ़ती आबादी का भी संकेत है। बाघिन N-112 और उसका वंश: राधा की विरासत आगे बढ़ रही है इस खबर को खास बनाने वाली बात यह है कि बाघिन N-112 कोई साधारण बाघिन नहीं , बल्कि “मदर ऑफ नौरादेही ” कही जाने वाली बाघिन राधा की पहली संतान है। वर्ष 2019 में जब राधा ने नौरादेही में पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया था , तभी से वह नौरादेही की पहचान बन गई। अब राधा नानी बन चुकी हैं , और उनकी बेटी N-112 ने दूसरी बार चार बच्चों को जन्म देकर इस वंश को आगे बढ़ाया है। यह दूसरी बार है जब बाघिन N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले भी उसने चार बच्चों को जन्म दिया था , जिनमें तीन मादा (बाघिन) और एक नर (बाघ) था। वे शावक लगभग 22 महीने तक अपनी मां के साथ रहे। जैसे ही वे स्व...

अब विशेषज्ञ डॉक्टरों से सीधी बात, टेलीमेडिसिन सुविधा की हुई शुरुआत!!!!

प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को डिजिटल रूप से सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए उपमुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेंद्र शुक्‍ल ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में टेलीमेडिसिन सेंटर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अब मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से सीधे बात करने और उचित उपचार प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह सुविधा उन मरीजों के लिए वरदान सिद्ध होगी जो दूर-दराज के गांवों में रहते हैं और जिन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों तक पहुंचने में कठिनाई होती है। अब वे टेलीमेडिसिन/वीडियो कॉन्फ्रेंस/वर्चुअल माध्यम से आसानी से चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त कर सकेंगे। उपमुख्यमंत्री श्री शुक्‍ल ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा की प्राथमिकताओं में से एक है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण अंचलों के उन पीड़ित व्यक्तियों तक विशेषज्ञ सलाह पहुंचाना है , जिन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता। अब उन्हें बिना किसी आर्थिक बोझ के समय पर सलाह और दवाईयां मिल सकेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि टेलीमेडिसिन...

निजामपुर का वो पहला नाम, जिसने कक्षा 10वीं की दहलीज़ पार की!!!!

बाराबंकी जिले के एक छोटे से गांव निजामपुर में आज उम्मीद की एक नई किरण फूटी है। यह वह गांव है , जहां कोई भी 10 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाया था। लेकिन पहली बार , इस गांव के एक लड़के ने 10 वीं की परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया है। यह उपलब्धि हासिल की है 15 साल के रामसेवक ने , जिसने 55% अंक प्राप्त कर परीक्षा उत्तीर्ण की। उसने गरीबी , उपेक्षा और कठिन परिस्थितियों को चुनौती देते हुए न केवल अपने सपनों को जिंदा रखा , बल्कि पूरे गांव के भविष्य को भी एक नई दिशा देने का कार्य किया है। गांव की तस्वीर और हालात निजामपुर , बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर दूर स्थित है। यह अहमदपुर ग्राम पंचायत का एक मजरा है , जहां कुल मिलाकर करीब 30 घर हैं और सभी दलित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। गांव की कुल आबादी 250 से 300 के बीच है और यहां के अधिकतर लोग मजदूरी करते हैं – कुछ स्थानीय स्तर पर , तो कुछ बाहर जाकर। गांव में एक प्राथमिक स्कूल है और उसी के सामने एक छोटा-सा मंदिर। लेकिन शिक्षा का स्तर इतना पिछड़ा हुआ था कि गांव में आज तक कोई भी 10 वीं पास नहीं कर पाया था। पहली बार इस रेखा को पार किया है ...