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मालथौन में सिविल न्यायालय भवन का उद्घाटन डिजिटल न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम!!!!

मालथौन में सिविल न्यायालय भवन का उद्घाटन डिजिटल न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम!!!!

सागर जिला के मालथौन में 12 करोड़ रुपये की लागत से बने सिविल न्यायालय भवन का उद्घाटन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री सुरेश कुमार कैथ ने किया। इस मौके पर उन्होंने न्यायालय की प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने , और देरी को खत्म करने पर जोर दिया। साथ ही , न्यायालय भवन को कार्य स्थल के साथ-साथ कर्म स्थल भी बनाएं। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री सुरेश कुमार कैथ ने अपने संबोधन में कहा कि आज के डिजिटल युग में न्याय प्रणाली को भी आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाना समय की आवश्यकता है। ई-प्रक्रिया को अपनाकर न्यायालयीन कार्यों में पारदर्शिता , गति और सुविधा लाई जा सकती है। इससे न केवल न्याय में तेजी आएगी , बल्कि आम नागरिकों को भी सुलभ , सरल और सस्ता न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब न्याय में देर होती है , तो समाज में असंतोष बढ़ता है , और ये कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। इसलिए , न्यायाधीशों और वकीलों को मिलकर कोशिश करनी चाहिए कि लम्बित केस जल्दी निपटें। उन्होंने न्यायपालिका के सभी सदस्यों से यह भी अनुरोध किया कि वे अदालत को सिर्फ काम करने की जगह न समझें , बल...

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य!!!!

हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस न केवल अच्छे स्वास्थ्य और तंदुरुस्त जीवन के महत्व को रेखांकित करता है , बल्कि इसका एक ऐतिहासिक महत्व भी है। इसी दिन वर्ष 1948 में WHO की स्थापना हुई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा , स्विट्ज़रलैंड में स्थित है। इस वर्ष 2025 की थीम “ स्वस्थ शुरुआत , आशाजनक भविष्य” माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और कल्याण पर केंद्रित है। यह विषय इस सच्चाई की ओर इशारा करता है कि स्वस्थ परिवारों और समुदायों की नींव मां और बच्चे की भलाई में निहित है। जब एक महिला सुरक्षित गर्भावस्था और प्रसव अनुभव करती है , और जब एक नवजात बच्चे को जीवन के पहले महीनों में पर्याप्त देखभाल मिलती है , तभी समाज का भविष्य उज्ज्वल बनता है। मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य मौजूदा हालात और चुनौतियाँ आज भी दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाओं की मौजूदगी के बावजूद , हर साल लगभग 3 लाख महिलाएँ गर्भावस्था या प्रसव के दौरान जान गंवा देती हैं। इसके अलावा , 20 लाख से ज्यादा नवजात शिशु अपने पहले महीने में ही मर जाते हैं , और करीब 20 लाख शिशु ...

नशे के दुष्परिणामों के खिलाफ लड़ाई छात्रावासों में बनेगी नशा-मुक्ति समितियां!!!!

मध्यप्रदेश में नशा-मुक्त भारत अभियान के तहत एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। अब सभी छात्रावासों में नशा-मुक्ति समितियां बनाई जाएंगी। ये समितियां स्कूल और कॉलेजों में काम करेंगी और छात्रों को नशे के नुकसान के बारे में बताएंगी। इस बारे में एक राज्य स्तर की बैठक भी हुई , जिसे प्रमुख सचिव सोनाली पोंक्षे वायंगणकर ने संभाला। भारत सरकार ने अगस्त 2020 में ' नशा-मुक्त भारत ' अभियान शुरू किया। इसका मुख्य मकसद लोगों को नशे के नुकसान के बारे में जागरूक करना और इसके खिलाफ एक जन जागरण लाना है। इस अभियान में प्रदेश के सभी 55 जिलों को शामिल किया गया है। सरकार यह चाहती है कि यह अभियान सिर्फ बड़े शहरों तक ही न रहे, बल्कि गांवों और स्कूलों में भी इसे फैलाया जाए। नशा-मुक्ति समितियों का गठन राज्य की बैठक में तय किया गया कि सभी छात्रावासों में नशा-मुक्ति समितियां बनाई जाएंगी। इन समितियों का काम होगा छात्रों को नशे के नुकसान के बारे में बताना और उन्हें नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना। इनका मकसद है छात्रों में जागरूकता बढ़ाना और उनके सोच में सकारात्मक बदलाव लाना। मास्टर वॉलंटियर्स का योगदान न...

मध्यप्रदेश में 4,302.87 करोड़ की सड़क परियोजनाओं से विकास की रफ्तार बढ़ेगी!!!!

मध्यप्रदेश में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 4,302.87 करोड़ रुपये की लागत से 4 बड़ी सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इस खबर पर खुशी जताई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का धन्यवाद किया। उनका मानना है कि ये प्रोजेक्ट प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के अलावा आर्थिक , सामाजिक और औद्योगिक विकास में भी मदद करेंगे। संदलपुर से नसरुल्लागंज बायपास तक बनेगा 43.200 किमी का 4- लेन राष्ट्रीय राजमार्ग भोपाल जिले में राष्‍ट्रीय राजमार्ग-146 के संदलपुर से नसरुल्लागंज बायपास तक 43.200 किलोमीटर लंबा यह रास्ता 1535.66 करोड़ रुपये की लागत से 4 लेन में विकसित करने की स्वीकृति दी गई है। यह रास्ता एक अहम लिंक की तरह काम करता है,   जो राष्ट्रीय राजमार्ग- 47, राष्ट्रीय राजमार्ग- 46 और राष्ट्रीय राजमार्ग- 45 को आपस में जोड़ता है। इस परियोजना के तहत यातायात की समग्र दक्षता में सुधार होगा और मालवाहन के लिए भी यात्रा सुगम होगी। इसके अलावा , आम नागरिकों के लिए यह मार्ग सुरक्षित और समय बचाने वाला स...

सीएम राइज स्कूलों का नया नाम अब 'सांदीपनि विद्यालय' होगा!!!!

सीएम राइज स्कूल अब सांदीपनि विद्यालय के नाम से जाने जाएंगे , ऐसा ऐलान किया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने। ये जानकारी उन्होंने भोपाल के अरेरा कॉलोनी में स्थित शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ( ओल्ड कैम्पियन ) में आयोजित स्कूल चलें हम कार्यक्रम के दौरान दी , जिसमें नए और चल रहे सीएम राइज स्कूल शामिल हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने सबसे पहले ' स्कूल चलें हम ' का शुरू किया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का सामना किया , तब उन्होंने शिक्षा की अहमियत को समझा और इसी वजह से सांदीपनि आश्रम में पढ़ाई की। उस समय ये ' स्कूल चलें हम ' का एक तरह का अभियान था। उन्होंने श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती का जिक्र करते हुए बच्चों को सच्ची दोस्ती और अनुशासन का महत्व बताया। एजुकेशन पोर्टल 3.0 का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ . यादव ने कार्यक्रम में एजुकेशन पोर्टल 3.0 का लॉन्च किया। इस पोर्टल से छात्रों की एडमिशन प्रक्रिया , पढ़ाई की गतिविधियां और स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ी सभी चीजें ऑनलाइन होंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार छात्रों को गणवेश , लैपटॉप , ई-स्क...

मधुमेह से मुक्ति उचित आहार, विहार और उपचार का महत्त्व

31 मार्च को गवेषणा मानवोत्थान एवं पर्यावरण तथा स्वास्थ्य समिति द्वारा जिज्ञासा वाचनालय में एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विषय था— " उचित आहार , उचित विहार , उचित उपचार के द्वारा मधुमेह (डायबिटीज/शुगर) से मुक्ति कैसे पाएं ?" इस चर्चा में प्रमुख वक्ता डॉ. नरेंद्र पाटिल ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कोशिकाओं के लिए ऊर्जा कहाँ से आती है। हम जो कुछ भी खाते हैं , वह पाचन के बाद ग्लूकोज के रूप में रक्त में प्रवेश करता है। यह ग्लूकोज मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से प्राप्त होता है। अग्न्याशय इंसुलिन नामक हार्मोन स्रावित करता है , जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है। इंसुलिन हमारे खून में ग्लूकोज (रक्त शर्करा) के स्तर को संतुलित करने और ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुँचाने में मुख्य भूमिका निभाता है। यदि हमारे शरीर में इंसुलिन नहीं बनता है , तो यह एक गंभीर समस्या है। इसके कारण रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है , जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। Type-2 Diabetes और उसके कारण डॉ. नरेंद्र पाटिल ने ...

पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम से बच्चों की आधारशिला होगी मजबूत!!

सागर जिले मे 2555 आंगनवाड़ी कार्यकर्तायें परियोजना स्तरीय 32   बैच में पोषण भी पढ़ाई भी से प्रशिक्षित: आंगनवाड़ीयों में बच्चों मे दिव्यांगता की भी होंगी पहचान , जन्म से 3 वर्ष  के बच्‍चे को मिलेगी नवचेतना , 3 से 6 वर्ष के बच्चों की बनेगी आधार शिला। कलेक्टर श्री संदीप जी आर के मार्गदर्शन मे संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार जिले मे कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय पोषण भी पढ़ाई भी का प्रशिक्षण अलग अलग 32 बेचों में परियोजना मुख्यालयों पर परियोजना अधिकारियों द्वारा आयोजित किया गया। पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश त्रिपाठी से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने आंगनवाडी केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी के रुप मे विकसित कर उनमे जन्म से तीन वर्ष के बच्चों को नवचेतना ,   तीन से छः वर्ष के बच्चों को आधार शिला एवं जन्म से छः वर्ष के बच्चों मे दिव्यांगता की पहचान हेतु पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम आरम्भ किया है। अजीम प्रेम जी फाउंडेशन समन्वय द्वारा चलाया गया कार्यक्रम जिले में इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विग...