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Showing posts with the label Science

नशे के दुष्परिणामों के खिलाफ लड़ाई छात्रावासों में बनेगी नशा-मुक्ति समितियां!!!!

मध्यप्रदेश को 1230 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली!!!!

मध्यप्रदेश को आगामी दो से तीन वर्षों में दो चरणों में 1230 मेगावॉट विद्युत की अतिरिक्त उपलब्धता रहेगी , इस हेतु बिजली कंपनी के मुख्यालय जबलपुर में आर.ई.सी. ने अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड को ट्रांसमिशन एस.पी.व्ही. सौंपा। इस परियोजना के तहत मेसर्स महान एनर्जेन लिमिटेड के बंधौरा (सिंगरौली) पावर जनरेटिंग प्लांट से मध्यप्रदेश के हिस्से की 1230 मेगावॉट विद्युत निकासी के लिये ट्रांसमिशन नेटवर्क तैयार किया जाना है। पारेषण अद्योसंरचना होगी विस्तारित एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता श्री देवाशीष चक्रवर्ती ने बताया कि मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 1230 मेगावॉट विद्युत प्रदाय हेतु मेसर्स महान एनर्जेन लिमिटेड से पॉवर परचेस अनुबंध किया था , उक्त हेतु मेसर्स महान एनर्जेन लिमिटेड द्वारा 2X800 मेगावॉट क्षमता के पावर जनरेटिंग प्लांट की स्थापना प्रस्तावित है। उक्त पावर प्लांट से मध्यप्रदेश के हिस्से की 1230 मेगावॉट विद्युत निकासी के लिये नियामक आयोग के विनियमानुसार टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धा बोली प्रक्रिया के अंतर्गत पारेषण अद्योसंरचना के विस्तार हेतु मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मध्यप...

पीएम-उषा योजना के तहत शिक्षकों और छात्रों को विशेष प्रशिक्षण!!!!

तनाव मुक्ति के लिए ध्यान एवं योग हमारी प्राचीन ऋषि परंपरा की देन है। कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में पीएम उषा योजना के अंतर्गत आयोजित प्रशिक्षण कार्यशालाओं का हुआ समापन। शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय में पीएम उषा योजना के अंतर्गत शैक्षणिक स्टाफ एवं विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई अलग-अलग प्रशिक्षण कार्यशालाओं का समापन प्राचार्य डॉ जीएस रोहित ने किया। इन कार्यशालाओं का संचालन प्रशासनिक अधिकारी डॉ इमराना सिद्दीकी द्वारा किया गया। मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पीएम उषा योजना के अंतर्गत सेडमेप के सहयोग से दिनांक 7 से 24 मार्च तक एआई एप्लीकेशन एवं कंटेंट क्रिएशन , कंप्यूटर अवेयरनेस , जीएसटी एवं टैक्सेशन , मार्केटिंग मैनेजमेंट एंड सेल्समैनशिप तथा स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड मेडिटेशन से संबंधित 7 एवं 15 दिवसीय विभिन्न प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन महाविद्यालय में अलग-अलग सत्र में किया गया। समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ . जी एस रोहित ने तनाव प्रबंधन एवं ध्यान पर आधारित कार्यशाला के संबंध में कहा कि प्राचीन संस्कृति में ध्यान एवं योग तथा स...

AIIMS नई दिल्‍ली और SAMEER बीच चिकित्‍सा इलेक्‍ट्रानिक्‍स उपकरण के विकास को लेकर हुआ समझौता!!!!

NMR विभाग के 32वें स्‍थापना दिवस पर 25 मार्च को सोसायइटी फॉर एम्‍लाइड माइक्रोवेव इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च ( S AMEER ) और ( AIIMS ) ने मिलकर एक दूसरे के सहयोग से चिकित्‍सा उपकरणों के विकास करने पर एमओयू ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। ताकि दोनों संस्‍थान उच्‍च क्षेत्र/निम्‍न क्षेत्र चुम्‍बकीय अनुदान इमेंजिंग (एमआरआई) परमाणु चुम्‍बकीय अनुदान (एनएमआर) प्रणालियों को विकसित करने और चिकित्‍सा अनुप्रयोगों के लिए रेडियो आवृत्ति , आरएफ , माइक्रोवेव , प्रणालियों और संबंद्ध क्षेत्रों में अनुसाधन को बढ़ावा देने के लिए सहयोत्‍मक रूप से काम कर सके। इस समझौता ज्ञापन में पांच प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं: 1. चिकित्सा उपकरणों के विकास में सहयोगात्मक अनुसंधान। 2. समीर , मुंबई द्वारा विकसित स्वदेशी 1.5 टी एमआरआई प्रणाली का नैदानिक ​​ सत्यापन। 3. तस्‍वीर संवर्द्धन और त्वरित इमेजिंग के लिए एआई/एमएल में सहयोगात्मक अनुसंधान। 4. उच्च/निम्न क्षेत्र एमआरआई स्कैनर के उप-प्रणालियों का डिजाइन और विकास। 5. उच्च क्षेत्र जीव एमआरआई स्कैनर के लिए आरएफ उप-प्रणालियों का विकास। भारत में एमआरआई तकनीक का वि...

उज्जैन में राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव!!!!

27 मार्च को उज्जैन में महाराजा विक्रमादित्य शोघपीठ द्वारा उनके युग , भारत उत्कर्ष , नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2025 के अंतर्गत राष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं विज्ञान उत्सव का शुभारंभ। यह उत्सव पंडित सूर्य नारायण व्यास संकुल कालिदास अकादमी उज्जैन में सुबह 11:00 बजे से आरंभ हुआ। (विकास की बात विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नव विचार के साथ) , विकास- समाज अर्थव्‍यवस्‍था शिक्षा आदि का सुधार तब अधिक प्रभावी होते हैं , जब उसे विज्ञान प्रोद्योगिकी की (तकनीकी की उन्‍नति) और नव विचार (नई खोजें व सुधार) के साथ जोड़ा जाए। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक द्वारा श्रीराम तिवारी ने बताया कि विक्रमोत्सव अंतर्गत   27   मार्च से राष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं विज्ञान उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन को तीन भागों में बांटा गया है। पहला है राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन ,   दूसरा है   40 वां मध्यप्रदेश युवा वैज्ञानिक सम्मेलन और अंतिम है विज्ञान उत्सव। उन्‍होने ने बताया कि राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन की थीम ‘विकास की बात विज्ञान ,   प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के साथ’ पर...

भोपाल एम्स में हृदय रोगों के इलाज में बड़ी सफलता, पहली बार हुआ TAVI!!!!

मध्य प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई है। मध्‍यप्रदेश मेंमें पहली बार किसी शासकीय अस्पताल में ट्रांसकैथेटर एऑर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन ( TAVI) की प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई। यह प्रक्रिया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में संपन्न हुई , जो कि प्रदेश में चिकित्सा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है। क्या है TAVI प्रक्रिया ? TAVI एक न्यूनतम इनवेसिव हृदय वॉल्व प्रतिस्थापन तकनीक है , जो उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए ओपन हार्ट सर्जरी का एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में पैर की धमनी के माध्यम से एक कृत्रिम हृदय वाल्व को हृदय तक पहुंचाया जाता है और इसे प्रभावित वाल्व के स्थान पर प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया की विशेषता यह है कि इसमें चीरा लगाने , सामान्य एनेस्थीसिया देने या वेंटिलेटर के उपयोग की आवश्यकता नहीं होती , जिससे मरीज की तेजी से रिकवरी संभव होती है और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। डॉक्टरों और चिकित्सा दल की भूमिका इस उपलब्धि को एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक प्र...

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने की अंतरिक्ष यात्रा के बाद सफल वापसी!!!!

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने सहयोगी बुच विल्मोर के साथ 9 महीने बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आईं। 5 जून 2024 को , वे बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में ISS के लिए रवाना हुए थे। यह मिशन एक परीक्षण उड़ान थी , लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी यात्रा केवल 8 दिनों की बजाय 9 महीने लंबी हो गई। अंततः , 19 मार्च 2025 को , नासा और बोइंग के संयुक्त अभियान के तहत उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया गया , जिससे यह मिशन बोइंग के स्टारलाइनर यान के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण बन गया। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा सुनीता विलियम्स: का पूरा नाम सुनीता लिन पांड्या विलियम्स है। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहायो , अमेरिका में हुआ था। उनके पिता दीपक पांड्या भारतीय मूल के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट थे , जबकि उनकी माँ स्लोवेनियाई मूल की थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नीधम हाई स्कूल , मैसाचुसेट्स से पूरी की और आगे यूनाइटेड स्टेट्स नेवल अकादमी से भौतिक विज्ञान में स्नातक ( 1987) किया। बाद में उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर ऑफ साइंस...

ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में रसायनों का उपयोग क्यों कम करें??

  कृषि के क्षेत्र में बढ़ती आधुनिक तकनीकों और उन्नत किस्मों के बावजूद रासायनिक कीटनाशकों और नीदानाशकों का अत्यधिक उपयोग एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। विशेष रूप से ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में इनका अधिक प्रयोग न केवल फसल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है , बल्कि पर्यावरण , मिट्टी और मानव स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना की अपील किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में कीटनाशकों और नीदानाशकों का न्यूनतम उपयोग करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अत्यधिक रासायनिक दवाओं का प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुंचाता है और यह जल स्रोतों को भी प्रदूषित करता है। श्री कंषाना ने यह भी बताया कि कुछ किसान मूंग की फसल को जल्दी पकाने के लिए पेराक्वाट डायक्लोराइड जैसे नीदानाशकों का प्रयोग करते हैं , जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। यह रसायन फसल में कई दिनों तक बना रहता है , जिससे इसे उपभोग करने वाले लोगों और जानवरों पर गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव पड़ सकते हैं। रासायनिक दवाओं के...