नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने सहयोगी बुच विल्मोर के साथ 9 महीने बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आईं। 5 जून 2024 को, वे बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में ISS के लिए रवाना हुए थे। यह मिशन एक परीक्षण उड़ान थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी यात्रा केवल 8 दिनों की बजाय 9 महीने लंबी हो गई। अंततः, 19 मार्च 2025 को, नासा और बोइंग के संयुक्त अभियान के तहत उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया गया, जिससे यह मिशन बोइंग के स्टारलाइनर यान के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण बन गया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सुनीता
विलियम्स: का पूरा नाम सुनीता लिन पांड्या विलियम्स है। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहायो, अमेरिका
में हुआ था। उनके पिता दीपक पांड्या भारतीय मूल के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट थे,
जबकि उनकी माँ स्लोवेनियाई मूल की थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक
शिक्षा नीधम हाई स्कूल, मैसाचुसेट्स से पूरी की और आगे
यूनाइटेड स्टेट्स नेवल अकादमी से भौतिक विज्ञान में स्नातक (1987) किया। बाद में उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर ऑफ
साइंस की डिग्री प्राप्त की।
बुच विल्मोर: जिनका पूरा नाम
बैरी यूजीन विल्मोर है, एक अमेरिकी नासा अंतरिक्ष यात्री और
संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के परीक्षण पायलट हैं। उनका जन्म 29 दिसंबर 1962 को मर्फ़्रीज़बोरो, टेनेसी, अमेरिका में हुआ था। उन्होंने माउंट जूलियट
हाई स्कूल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और टेनेसी टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की।
इसके अलावा, उन्होंने टेनेसी विश्वविद्यालय से विमानन
प्रणालियों में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री ली। फुटबॉल टीम के सदस्य, लेटरमैन और टीम के कप्तान थे ।
नौसेना और
अंतरिक्ष यात्री बनने का सफर
सुनीता
विलियम्स: ने अपने करियर की शुरुआत अमेरिकी नौसेना से की, जहाँ वे एक हेलीकॉप्टर पायलट बनीं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण अभियानों में
हिस्सा लिया और जल्द ही नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुनी गईं। जून 1998
में नासा में उनका चयन हुआ और उन्होंने अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण
शुरू किया। वे भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं जो अमेरिका के अंतरिक्ष मिशन पर गईं।
उन्होंने 30 अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में 2770 उड़ानें भरी हैं और सोसाइटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलेट्स, सोसाइटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स और अमेरिकी हेलिकॉप्टर एसोसिएशन जैसी
संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं।
बुच विल्मोर: को जुलाई 2000 में नासा द्वारा एक पायलट के रूप में चुना गया और उन्होंने अगस्त 2000
में प्रशिक्षण शुरू किया। दो वर्षों के प्रशिक्षण और मूल्यांकन के
बाद, उन्हें अंतरिक्ष शटल प्रणोदन प्रणालियों के मुद्दों पर
अंतरिक्ष यात्री कार्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले तकनीकी कर्तव्यों को सौंपा
गया। उन्होंने अंतरिक्ष यात्री सहायता टीम में भी काम किया, जो
लॉन्च और लैंडिंग संचालन के समर्थन में कैनेडी स्पेस सेंटर की यात्रा करती थी।
अंतरिक्ष में
सफर और रिकॉर्ड
सुनीता
विलियम्स:
·
2006-2007: पहली बार अंतरिक्ष यात्रा,
ISS पर 195 दिन बिताने वाली पहली महिला।
·
2012: दूसरी बार ISS यात्रा,
127 दिन का मिशन।
·
2024-2025: बोइंग स्टारलाइनर मिशन, 9 महीने अंतरिक्ष में बिताए।
·
अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली
महिला (195 दिन, 2007 तक)।
·
सबसे अधिक स्पेसवॉक करने वाली महिला (7 बार, 50 घंटे से अधिक)।
·
अंतरिक्ष में दौड़ पूरी करने वाली पहली
महिला (बोस्टन मैराथन, 2007)।
बुच विल्मोर:
·
2009: STS-129 मिशन, 11-दिवसीय अंतरिक्ष शटल मिशन।
·
2014-2015: सोयुज TMA-14M, ISS पर 167 दिन बिताए।
·
2024-2025: बोइंग स्टारलाइनर मिशन, 9 महीने का मिशन।
गौरवपूर्ण
सम्मान
सुनीता
विलियम्स:
·
पद्म भूषण (भारत सरकार द्वारा)।
·
नासा स्पेस फ्लाइट मेडल।
·
नौसेना और मरीन कॉर्प्स कमेंडेशन मेडल।
·
और अन्य प्रतिष्ठित
सम्मान शामिल हैं।
बुच विल्मोर:
·
डिस्टिंग्विश्ड फ्लाइंग क्रॉस।
·
डिफेंस सुपीरियर सर्विस मेडल।
·
नासा स्पेस फ्लाइट मेडल।
·
और अन्य प्रतिष्ठित
सम्मान शामिल हैं।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की 9 महीने लंबी अंतरिक्ष यात्रा न केवल उनकी दृढ़ता और साहस को दर्शाती है,
बल्कि यह भी दिखाती है कि भविष्य में अंतरिक्ष अभियानों के लिए
तकनीकी और वैज्ञानिक चुनौतियाँ कैसी हो सकती हैं। उनके योगदान ने अंतरिक्ष अन्वेषण
के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ा है और वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने
रहेंगे।
The News Grit, 20/03/2025
Comments
Post a Comment