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RBI ने रेपो रेट में की साल में दूसरी बार 25 बे‍सिस की कटौती!!!!

जल संरक्षण के लिए जल गंगा जल संवर्धन अभियान की शुरूआत!!!!!

मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा जल बचाओं की मुहीम के लिए किए जा रहे प्रयास 30 मार्च 2025 से ‘जल गंगा जल संवर्धन अभियान’ की शुरूआत होगी, जो तीन माह के लिए चलेगा और यह 30 जून तक चलाया जाएगा। इस अभियान की थीम ‘जन सहभागिता से जल स्‍त्रोतों का संवर्धन एवं संरक्षण’ रखी गई है। इस थीम के अनुसार लोगों को जल को संरक्षण के बारे में शिक्षित करना है जिससे जलचक्र, जल प्रदूषण, जल का सदउपयोग करना, जल व्‍यर्थ न करना शामिल है।  ‘जल है तो कल है’ जैसे नारों को सत्‍यापित करने के लिए कार्य करना जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए जल का संरक्षण किया जा सके। और सभी लोगों की भागीदारी इसे सफल बनाती है। मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा जल गंगा जल संवर्धन अभियान के लिए बैठक कि गई जिसमें उन्‍होने कहा है-  इस अभियान के अनुसार जल संरक्षण को बचाने के लिए व्‍यापक गतिविधियां चलाई जा रही है। अभियान में वर्षा जल संचयन जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपने पर विशेष जोर दिया जाए। सभी विभाग जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता देकर अधिक से अधिक लोगों को अभियान से जोड़ें। अभियान के अंतर्गत जल संचयन की व...

पंजाब विधानसभा में सांकेतिक भाषा की शुरुआत समावेशी लोकतंत्र की ओर कदम!!!!

पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पंजाब विधानसभा की कार्यवाही को बोलने और सुनने में असमर्थ लोगों तक पहुंचाने के लिए सांकेतिक भाषा में प्रसारित करने की व्यवस्था लागू कर दी है। यह पहल न केवल दिव्यांगजनों को विधानसभा की कार्यवाही से जोड़ेगी , बल्कि उन्हें राज्य की नीतियों और सरकारी फैसलों से अवगत कराने का भी काम करेगी। पहली बार संकेत भाषा में राज्यपाल का अभिभाषण सामाजिक सुरक्षा , महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर के अनुसार , 16 वें पंजाब विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण को संकेत भाषा में भी सफलतापूर्वक प्रसारित किया गया। यह कदम विधानसभा की कार्यवाही को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह पहल मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार की दूरदर्शिता और समावेशी सोच को दर्शाती है। पंजाब देश का पहला राज्य पंजाब अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने विधानसभा सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विधायी गतिविधियों को सांकेतिक भाषा में प्रसारित करने की शुरुआत की है। इससे उन लोगों को भी सरकार की नीतियों , निर्णयों और राजनीतिक गतिविधि...

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की 100 मीटर सीमा ईको सेंसेटिव जोन घोषित!!!!

मध्य प्रदेश सरकार ने वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से 100 मीटर के दायरे को ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया है। यह निर्णय वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस फैसले से वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखने में सहायता मिलेगी और जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इको सेंसिटिव जोन का महत्व इको सेंसिटिव जोन ( Eco-Sensitive Zone - ESZ) वे क्षेत्र होते हैं जो राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास स्थित होते हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष रूप से चिन्हित किए जाते हैं। इन क्षेत्रों में अनियंत्रित विकास , खनन , औद्योगिक गतिविधियों और बड़े निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाता है ताकि पारिस्थितिक संतुलन बना रहे और वन्यजीवों के आवासों को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचे। इस घोषणा से वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र में जैव विविधता को संरक्षित करने , वन्यजीवों के लिए सुरक्षित गलियारे ( Wildlife Corridors) बनाए रखने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने म...

सरकार की घोषणा डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए नई योजना!!!!

भारत सरकार ने डिजिटल भुगतान ( UPI, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन) को बढ़ावा देने के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई ( P2M) लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को स्वीकृति देने पर आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में "डिजिटल इंडिया" का संकल्प साकार हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए 2,000 रुपये तक के लेन-देन पर 0.15% प्रति लेन-देन की दर से इन्सेन्टिव प्रदान करने की योजना ऐतिहासिक है। इससे न केवल डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा , बल्कि छोटे व्यापारियों को भी सशक्त किया जाएगा। योजना का काम करने का तरीका सरकार ने इस योजना के तहत बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर ( PSP) को भुगतान करने के लिए एक खास तरीका अपनाया है , जिससे डिजिटल ट्रांजैक्शन को और सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा सके। अगर किसी बैंक या भुगतान सेवा प्रदाता ( PSP) को ₹100 करोड़ का भुगतान मिलना था , तो उसे तीन हिस्सों म...

वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की पुण्यतिथि सागर विश्वविद्यालय में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन!

वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी का जन्म 16 अगस्त , 1831 को मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के मनकेहड़ी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम राव जुझार सिंह था और माता का नाम कृष्णा बाई था। वे लोधी परिवार से थीं। रानी अवंतीबाई लोधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक वीरांगना थीं , जिन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध साहसिक संघर्ष किया। वे बाल्यकाल से ही तेजस्वी और वीर स्वभाव की थीं। विवाह के पश्चात वे रामगढ़ की रानी बनीं , लेकिन दुर्भाग्यवश उनके पति विक्रमादित्य लोधी अस्वस्थ हो गए , जिसके बाद राज्य की बागडोर रानी अवंतीबाई ने संभाली। जब अंग्रेजों ने राज्य की सत्ता हथियाने की कोशिश की , तब उन्होंने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद बहादुरी से उनका मुकाबला किया। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वे प्रमुख योद्धाओं में से एक थीं। अपने सैन्य नेतृत्व और संघर्ष की भावना के कारण वे इतिहास में अमर हो गईं। 20 मार्च 1858 को उन्होंने अंग्रेजों से हार न मानते हुए स्वयं बलिदान दे दिया। पुण्यतिथि कार्यक्रम का आयोजन - रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय , सागर में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की पुण्यतिथि पर एक विशेष कार्यक्रम का ...

भोपाल एम्स में हृदय रोगों के इलाज में बड़ी सफलता, पहली बार हुआ TAVI!!!!

मध्य प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई है। मध्‍यप्रदेश मेंमें पहली बार किसी शासकीय अस्पताल में ट्रांसकैथेटर एऑर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन ( TAVI) की प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई। यह प्रक्रिया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में संपन्न हुई , जो कि प्रदेश में चिकित्सा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है। क्या है TAVI प्रक्रिया ? TAVI एक न्यूनतम इनवेसिव हृदय वॉल्व प्रतिस्थापन तकनीक है , जो उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए ओपन हार्ट सर्जरी का एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में पैर की धमनी के माध्यम से एक कृत्रिम हृदय वाल्व को हृदय तक पहुंचाया जाता है और इसे प्रभावित वाल्व के स्थान पर प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया की विशेषता यह है कि इसमें चीरा लगाने , सामान्य एनेस्थीसिया देने या वेंटिलेटर के उपयोग की आवश्यकता नहीं होती , जिससे मरीज की तेजी से रिकवरी संभव होती है और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। डॉक्टरों और चिकित्सा दल की भूमिका इस उपलब्धि को एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक प्र...

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने की अंतरिक्ष यात्रा के बाद सफल वापसी!!!!

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने सहयोगी बुच विल्मोर के साथ 9 महीने बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आईं। 5 जून 2024 को , वे बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में ISS के लिए रवाना हुए थे। यह मिशन एक परीक्षण उड़ान थी , लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी यात्रा केवल 8 दिनों की बजाय 9 महीने लंबी हो गई। अंततः , 19 मार्च 2025 को , नासा और बोइंग के संयुक्त अभियान के तहत उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया गया , जिससे यह मिशन बोइंग के स्टारलाइनर यान के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण बन गया। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा सुनीता विलियम्स: का पूरा नाम सुनीता लिन पांड्या विलियम्स है। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहायो , अमेरिका में हुआ था। उनके पिता दीपक पांड्या भारतीय मूल के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट थे , जबकि उनकी माँ स्लोवेनियाई मूल की थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नीधम हाई स्कूल , मैसाचुसेट्स से पूरी की और आगे यूनाइटेड स्टेट्स नेवल अकादमी से भौतिक विज्ञान में स्नातक ( 1987) किया। बाद में उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर ऑफ साइंस...

ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में रसायनों का उपयोग क्यों कम करें??

  कृषि के क्षेत्र में बढ़ती आधुनिक तकनीकों और उन्नत किस्मों के बावजूद रासायनिक कीटनाशकों और नीदानाशकों का अत्यधिक उपयोग एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। विशेष रूप से ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में इनका अधिक प्रयोग न केवल फसल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है , बल्कि पर्यावरण , मिट्टी और मानव स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना की अपील किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में कीटनाशकों और नीदानाशकों का न्यूनतम उपयोग करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अत्यधिक रासायनिक दवाओं का प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुंचाता है और यह जल स्रोतों को भी प्रदूषित करता है। श्री कंषाना ने यह भी बताया कि कुछ किसान मूंग की फसल को जल्दी पकाने के लिए पेराक्वाट डायक्लोराइड जैसे नीदानाशकों का प्रयोग करते हैं , जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। यह रसायन फसल में कई दिनों तक बना रहता है , जिससे इसे उपभोग करने वाले लोगों और जानवरों पर गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव पड़ सकते हैं। रासायनिक दवाओं के...