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नागालैंड में जल सुरक्षा को नई दिशा—मिशन वाटरशेड की शुरुआत!

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की 100 मीटर सीमा ईको सेंसेटिव जोन घोषित!!!!

मध्य प्रदेश सरकार ने वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से 100 मीटर के दायरे को ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया है। यह निर्णय वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस फैसले से वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखने में सहायता मिलेगी और जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

इको सेंसिटिव जोन का महत्व
इको सेंसिटिव जोन (Eco-Sensitive Zone - ESZ) वे क्षेत्र होते हैं जो राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास स्थित होते हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष रूप से चिन्हित किए जाते हैं। इन क्षेत्रों में अनियंत्रित विकास, खनन, औद्योगिक गतिविधियों और बड़े निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाता है ताकि पारिस्थितिक संतुलन बना रहे और वन्यजीवों के आवासों को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचे। इस घोषणा से वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र में जैव विविधता को संरक्षित करने, वन्यजीवों के लिए सुरक्षित गलियारे (Wildlife Corridors) बनाए रखने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी।

सीमांकन प्रक्रिया और स्थानीय सहभागिता

पिछले 15 दिनों में राजस्व विभाग और वन विभाग की एक संयुक्त समिति ने वन विहार की सीमा का सीमांकन किया। इस प्रक्रिया के दौरान स्थानीय निवासियों से कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई, जिससे इस फैसले को व्यापक स्वीकृति मिली। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थानीय समुदायों के साथ संतुलित विकास को प्रोत्साहित करने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप है।

इस क्षेत्र में आने वाले तीन गांवों – प्रेमपुरा, आमखेड़ा और धरमपुरा का सीमांकन किया गया है। विशेष रूप से, धरमपुरा में जलभराव की स्थिति के कारण सांकेतिक सीमांकन किया गया, जबकि अन्य क्षेत्रों में पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए सीमांकन किया गया है।

सरकार का दृष्टिकोण और पर्यावरणीय प्रभाव

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के 100 मीटर क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने से इस क्षेत्र में अनियंत्रित विकास पर रोक लगेगी और पारिस्थितिक संतुलन बना रहेगा। यह कदम वन्यजीव संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इससे जैव विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा।

वन्यजीव विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे एक सकारात्मक निर्णय बताया है। इस कदम से मानव और वन्यजीवों के बीच होने वाले संघर्षों में कमी आएगी और वन्यजीवों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा।

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के 100 मीटर क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने का निर्णय वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नीति न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि आसपास के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगी। सरकार द्वारा उठाए गए इस प्रयास से वन्यजीवों और स्थानीय समुदायों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी, जिससे एक सतत और सुरक्षित पर्यावरण का निर्माण संभव होगा।

The News Grit, 22/03/2025

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