Skip to main content

विश्व के सबसे बड़े हैंडीक्राफ्ट मेले में चमका मध्यप्रदेश का बाग प्रिंट!!

पंजाब विधानसभा में सांकेतिक भाषा की शुरुआत समावेशी लोकतंत्र की ओर कदम!!!!

पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पंजाब विधानसभा की कार्यवाही को बोलने और सुनने में असमर्थ लोगों तक पहुंचाने के लिए सांकेतिक भाषा में प्रसारित करने की व्यवस्था लागू कर दी है। यह पहल न केवल दिव्यांगजनों को विधानसभा की कार्यवाही से जोड़ेगी, बल्कि उन्हें राज्य की नीतियों और सरकारी फैसलों से अवगत कराने का भी काम करेगी।

पहली बार संकेत भाषा में राज्यपाल का अभिभाषण

सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर के अनुसार, 16वें पंजाब विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण को संकेत भाषा में भी सफलतापूर्वक प्रसारित किया गया। यह कदम विधानसभा की कार्यवाही को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह पहल मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार की दूरदर्शिता और समावेशी सोच को दर्शाती है।

पंजाब देश का पहला राज्य

पंजाब अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने विधानसभा सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विधायी गतिविधियों को सांकेतिक भाषा में प्रसारित करने की शुरुआत की है। इससे उन लोगों को भी सरकार की नीतियों, निर्णयों और राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी मिल सकेगी, जो सुनने और बोलने में असमर्थ हैं। यह निर्णय दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (RPWD Act) की धारा 40 के अनुरूप भी है, जो दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुगम संचार और सूचना तक पहुंच सुनिश्चित करने की बात करता है।

विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका और सरकार की पहल

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि उन्होंने पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को विधानसभा कार्यवाही को संकेत भाषा में प्रसारित करने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को स्वीकार करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने इसे लागू करने का निर्णय लिया। इसके परिणामस्वरूप, अब से विधानसभा की महत्वपूर्ण कार्यवाही सांकेतिक भाषा में भी प्रसारित की जाएगी है।

सामाजिक समावेशन की दिशा में एक मजबूत कदम

इस निर्णय से दिव्यांग समुदाय को राज्य सरकार की योजनाओं, नीतियों और विकास कार्यों की जानकारी मिलेगी, जिससे वे राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे। इसके अलावा, इस पहल से उनकी समस्याओं को भी बेहतर तरीके से समझने और हल करने में सहायता मिलेगी। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार ने सितंबर 2024 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया था, जो राज्य में समावेशिता और दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।

डॉ. बलजीत कौर ने इस पहल को लागू करने में किए गए प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय दिव्यांगजनों को सरकार की गतिविधियों से जोड़कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा।

पंजाब सरकार की यह अनूठी पहल न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दिव्यांगजनों की भागीदारी को सुनिश्चित करेगी बल्कि यह एक समावेशी समाज की स्थापना की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जिससे देशभर में समावेशी शासन व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

The News Grit, 22/03/2025

Comments

Popular posts from this blog

राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में रानी दुर्गावती महाविद्यालय में आयोजित होगा भव्य कार्यक्रम!!

बालाघाट – रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा में इस वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसंबर) के उपलक्ष्य में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (MPCST) और राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (NCSTC) द्वारा प्रायोजित किया गया है। श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर उनके गणित के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय योगदानों को समर्पित यह आयोजन 19 और 20 दिसंबर को होगा। प्राचार्य डॉ. एल एल घोरमारे ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि 19 दिसंबर को गणित के क्षेत्र में श्रीनिवास रामानुजन के योगदानों पर आधारित कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इनमें पोस्टर प्रेजेंटेशन, प्रश्नमंच, और भाषण प्रतियोगिता शामिल हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को गणित की महत्ता और श्रीनिवास रामानुजन की खोजों के बारे में जानकारी मिलेगी। 20 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम में गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन इतिहास और उनके योगदान पर एक विशिष्ट अतिथि द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, उनके जीवन और कार्यों पर आधारित एक वृत्...

स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम: रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा में सफल आयोजन!!

दिनांक 20 जनवरी 2025 को रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा के वनस्पति विभाग द्वारा एक उल्लेखनीय स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय अरण्य भारतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बैहर के 35 विद्यार्थी और प्राध्यापकगण शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल. एल. घोरमारे द्वारा स्टूडेंट एक्सचेंज गतिविधियों के महत्व पर जानकारी देने से हुई। आइक्यूएसी इंचार्ज डॉ. अरुण वैद्य ने विद्यार्थियों को इस प्रकार के कार्यक्रमों से मिलने वाले लाभों को साझा किया। वनस्पति विभाग की प्रमुख डॉ. जय श्री सूर्यवंशी ने माइक्रोऑर्गेनिज़्म कल्चर और प्रयोगशाला उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसी क्रम में बैहर महाविद्यालय की डॉ. पूजा गुप्ता ने क्यूआर कोड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट के माध्यम से छात्रों को नई तकनीकों से अवगत कराया। भौतिक शास्त्र विभाग से श्रीमती रंजना कुशवाहा ने शैक्षणिक गतिविधियों के विकास में इस प्रकार के कार्यक्रमों की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में छात्रों के बीच आपसी ज्ञान-विनिमय के साथ-साथ डेमोंस्ट्रेशन सत्र आयोजित किए गए। रा...

प्रोजेक्ट आरोहण: NHAI की नई योजना, लेकिन किसके लिए?

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI) ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल करते हुए टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और करियर निर्माण के लिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में किया। इस अवसर पर वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक एवं संयुक्त सीईओ डॉ. जफर खान और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। शिक्षा तक समान पहुँच देने का प्रयास एनएचएआई ने वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के साथ मिलकर यह योजना शुरू की है , जिसका मकसद टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं को दूर करना , सामाजिक-आर्थिक भेदों को कम करना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों , जिनमें निम्न-आय वाले परिवारों की लड़कियाँ , पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी तथा अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र शामिल हैं , के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच प्रदान करना है। एनएचएआई का मानना है कि शिक्षा ही वह साध...