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ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

जब तर्कशीलता बनती है प्रतिरोध: हैबरमास की दृष्टि में संवाद!!!!

जुर्गन हैबरमास ( J ü rgen Habermas) समकालीन युग के सबसे प्रभावशाली दार्शनिकों और समाजशास्त्रियों में गिने जाते हैं। वे फ्रैंकफर्ट स्कूल की परंपरा से जुड़े आलोचनात्मक सिद्धांत ( Critical Theory) के प्रमुख प्रतिनिधि हैं। हैबरमास का दर्शन लोकतंत्र , संवाद , सार्वजनिक क्षेत्र , और संप्रेषण ( communication) पर आधारित है। उन्होंने आधुनिकता , तर्कशीलता ( rationality), नैतिकता और सामाजिक न्याय के पुनराविष्कार में अद्वितीय योगदान दिया है। हैबरमास का जन्म जर्मनी के डसेलडोर्फ में नाज़ी शासन के दौरान 18 जून 1929 में हुआ। उनके बचपन का अनुभव और द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका ने उनकी सोच को गहराई से प्रभावित किया। वे एक धार्मिक परिवार से आए ,   लेकिन बाद में उनका रुझान धर्मनिरपेक्ष तर्क और लोकतांत्रिक मूल्यों की ओर हुआ। हैबरमास ने गोएथ विश्वविद्यालय , फ्रैंकफर्ट से दर्शन , इतिहास , मनोविज्ञान और साहित्य का अध्ययन किया। वे थिओडोर अडोर्नो और मैक्स होरकहाइमर जैसे फ्रैंकफर्ट स्कूल के प्रमुख चिंतकों के शिष्य रहे। उन्होंने 1960 के दशक में अपने पहले प्रमुख ग्रंथ The Structural Transformation of the P...

बेसहारा बच्चों को कानूनी पहचान दिलाने की एक मानवीय पहल: साथी अभियान!!!!

बेसहारा और निराश्रित बच्चों की जिंदगी में सबसे बड़ी कमी होती है – पहचान की। बिना पहचान के न तो वे स्कूल जा सकते हैं , न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकते हैं और न ही किसी सरकारी योजना का हिस्सा बन सकते हैं। इस समस्या को समझते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ( NALSA), नई दिल्ली ने " साथी अभियान" शुरू किया है , जो देशभर में तथा मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण , जबलपुर के माध्यम से प्रभावी रूप से चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य “ साथी अभियान” का मुख्य उद्देश्य है – 18 वर्ष से कम आयु के बेसहारा बच्चों को कानूनी पहचान प्रदान करना , ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और उन्हें शिक्षा , स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिल सके। यह अभियान 5 अगस्त 2025 तक चलाया जा रहा है , और इसका संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ( DLSA) और जिला प्रशासन के समन्वय से किया जा रहा है। साथी अभियान की विस्तृत अवधारणा इस राष्ट्रीय अभियान का पूरा नाम है: SAATHI – "Survey for Aadhaar and Access to Tracking and Holistic Inclusion" यह केवल आधार कार्ड बनाने तक सीमि...

मध्यप्रदेश को रेल संपर्क का नया तोहफा तीन नई ट्रेनों से विकास, यात्रा को मिलेगा बढ़ावा!!!!

मध्यप्रदेश के निवासियों के लिए मई 2025 के अंतिम सप्ताह में एक बेहद उत्साहजनक घोषणा सामने आई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में राज्य को तीन नई ट्रेन सेवाओं की सौगात देने की बात कही , जो आने वाले महीने जून में शुरू की जाएगी। ये ट्रेनें न केवल राज्य के भीतर और बाहर के प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ेंगी , बल्कि इससे शिक्षा , रोजगार , व्यापार और पर्यटन को भी अभूतपूर्व गति मिलेगी। तीन नई ट्रेनें मध्यप्रदेश से देश के तीन प्रमुख राज्यों की कनेक्टिविटी रेल मंत्री द्वारा घोषित तीन नई ट्रेनें हैं – रीवा से पुणे , जबलपुर से रायपुर और ग्वालियर से बेंगलुरु। इन सभी सेवाओं को केंद्र सरकार की ' संपर्क और समावेशन ' नीति का हिस्सा माना जा सकता है , जिसका उद्देश्य है छोटे और मध्यम शहरों को बड़े शैक्षणिक , औद्योगिक और तकनीकी केंद्रों से जोड़ना। 1.  रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे सेवा – शिक्षा और रोजगार की ओर एक आसान रास्ता रीवा और सतना जैसे शहरों के छात्र वर्षों से पुणे की ओर उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। अब जब सीधी ट्रेन सेवा शुरू होगी , तो न केवल छात्रों को राहत मिलेगी ,...

प्राकृतिक खेती अपनाएं, रासायनिक उर्वरकों से दूरी बनाएँ!!!!

सागर जिले में कृषि के क्षेत्र में एक नई पहल की गई है, जिसका उद्देश्य है किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और खेती की आधुनिक तकनीकों को प्रोत्साहित करना। इस दिशा में कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. के नेतृत्व में कई योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। प्राकृतिक खेती और हाइड्रोपोनिक माइक्रोग्रीन्स की ओर बढ़ते कदम कलेक्टर संदीप जी.आर. ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हों। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से न केवल मिट्टी उर्वरता नष्ट होती है, बल्कि यह फसलों की गुणवत्ता पर भी प्रभाव डालता है। इसके स्थान पर यदि किसान जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनाएं, तो उन्हें बेहतर उत्पादन के साथ-साथ अच्छे दाम भी प्राप्त हो सकते हैं। उन्होंने हाइड्रोपोनिक माइक्रोग्रीन्स योजना का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह तकनीक कम पानी में अधिक उपज देने में सक्षम है। इसमें न तो मिट्टी की आवश्यकता होती है और न ही अधिक भूमि की। यह प्रणाली विशेष रूप से शहरी या सीमित स्थानों वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श है। कलेक्टर ने जानक...

आधुनिक तकनीक से खेती में नया उजाला सागर जिले के किसानों की प्रेरणादायक कहानियाँ!!!!

भारत में कृषि केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि जीवनशैली और सांस्कृतिक धरोहर भी है। आज जब जलवायु परिवर्तन, सीमित जल संसाधन और पारंपरिक खेती की चुनौतियाँ किसानों के सामने हैं, ऐसे समय में सरकारी योजनाएँ और आधुनिक तकनीकें नई आशा की किरण बनकर उभरी हैं। मध्यप्रदेश के सागर जिले से चार ऐसे किसानों की कहानियाँ सामने आई हैं जिन्होंने इन संसाधनों का समुचित उपयोग कर खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला है। ये कहानियाँ केवल सफलता की नहीं, बल्कि परिवर्तन, संकल्प और सतत विकास की प्रेरणा भी हैं। नंदकिशोर पटैल – शेडनेट हाउस से मिली 4 लाख की शुद्ध आय जिला सागर के ग्राम हफसिली के निवासी नंदकिशोर पटैल ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत शेडनेट हाउस की स्थापना की और उसमें खीरे की खेती कर अपनी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि की। शेडनेट हाउस की सहायता से उन्होंने फसल को प्राकृतिक आपदाओं और कीटों से सुरक्षित रखा, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ। उनकी कुल आय 5 लाख रुपये रही, जिसमें से शुद्ध लाभ 4 लाख रुपये रहा। नंदकिशोर पटैल की यह कहानी यह दिखाती है कि यदि किसान योजनाओं की सही जानकारी लेकर उन्हे...

ड्रोन से बदलती ज़िंदगी: साक्षी और कई महिलाएं जो बदल रही हैं खेतों की तस्वीर!!!!

भारत की कृषि परंपरागत रूप से श्रम-प्रधान रही है , लेकिन अब इस क्षेत्र में तकनीक की नई बयार बह रही है। "नमो ड्रोन दीदी योजना" इसी बदलाव का प्रतीक बनकर सामने आई है। जो न केवल कृषि कार्यों को आधुनिक बना रही है , बल्कि महिलाओं को भी तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर कर रही है। यह योजना उन महिलाओं की कहानी कहती है जो खेतों में सिर्फ श्रमिक नहीं , बल्कि तकनीकी नवाचार की अगुवाई कर रहीं है। साक्षी पांडे की कहानी: बदलाव की मिसाल मध्यप्रदेश के सागर ज़िले के पडरिया गांव की रहने वाली साक्षी पांडे इस योजना की एक सशक्त उदाहरण हैं। मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के तहत वे इफको द्वारा संचालित 15 दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ीं। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क था , जिसमें उन्हें ड्रोन उड़ाने , उसकी तकनीक समझने और कीटनाशक व उर्वरक के छिड़काव की विधियों का व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। प्रशिक्षण के बाद उन्हें मार्च 2023 में एक ड्रोन , एक इलेक्ट्रिक व्हीकल और एक जनरेटर उपलब्ध कराया गया – ये सभी भी योजना के अंतर्गत निःशुल्क दिए गए संसाधन थे। अब साक्षी किसानों के खेतों मे...

नोम चोम्स्की: हमारे समय की अंतरात्मा और आलोचनात्मक विवेक की आवाज़!!!!

नोम चोम्स्की हमारे समय के सबसे प्रभावशाली बुद्धिजीवियों में से एक हैं। वे भाषा-विज्ञान , राजनीति , मीडिया आलोचना और वैश्विक सत्ता संरचनाओं पर अपने तीक्ष्ण विश्लेषण के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी सोच ने न केवल अकादमिक जगत को बल्कि आम जनमानस को भी झंकझोरा है। आज जब लोकतंत्र , स्वतंत्रता और न्याय की अवधारणाएं लगातार चुनौती के घेरे में हैं , तब चोम्स्की की वैचारिक स्पष्टता और नैतिक प्रतिबद्धता हमें दिशा देने का कार्य करती है। इसीलिए , यह लेख उनके विचारों और योगदान की प्रासंगिकता को समझने का एक विनम्र प्रयास है। नोम चोम्स्की ( Noam Chomsky) का जन्म 7 दिसंबर 1928 को फिलाडेल्फिया , अमेरिका में हुआ था। वे एक बहुचर्चित अमेरिकी भाषाविद् , दार्शनिक , राजनीतिक विचारक , सामाजिक आलोचक और मानवाधिकारों के प्रखर पक्षधर हैं। वे एमआईटी ( Massachusetts Institute of Technology) में लंबे समय तक प्रोफेसर रहे हैं। चोम्स्की को आधुनिक भाषाविज्ञान का जनक माना जाता है। वे विश्लेषणात्मक दर्शन तथा मीडिया व राजनीति की आलोचनात्मक व्याख्या के लिए भी विख्यात हैं। भाषाविज्ञान , राजनीतिक दर्शन और सामाजिक आलोचना , मीडिया व...