आदिवासी समुदाय भारत के सांस्कृतिक विविधता का अभिन्न हिस्सा हैं, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। भारत में लगभग 104 मिलियन आदिवासी लोग रहते हैं, जो कुल जनसंख्या का लगभग 8.6% हैं। इन समुदायों में शिक्षा की स्थिति चिंताजनक है। 2011 की जनगणना के अनुसार, आदिवासी क्षेत्रों में साक्षरता दर लगभग 59% है, जो राष्ट्रीय औसत 74% से काफी कम है।
आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों की कमी एक गंभीर समस्या है। भारत के कई दूरदराज के आदिवासी गांवों में स्कूल नहीं हैं, और जहाँ स्कूल हैं, वहाँ शैक्षणिक संसाधनों का अभाव तथा शिक्षकों की कमी भी देखी जाती है। 2020 में एक अध्ययन में यह पाया गया कि आदिवासी बच्चों के लिए लगभग 50% स्कूलों में आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध नहीं थी।
आदिवासी समुदायों में शिक्षा को लेकर कई सामाजिक और सांस्कृतिक पूर्वाग्रह भी मौजूद हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, और कई बार पारंपरिक मान्यताओं के कारण शिक्षा को महत्व नहीं दिया जाता। उदाहरण के लिए, अनुसूचित जनजातियों में लड़कियों की शिक्षा की दर केवल 39% है, जबकि लड़कों की शिक्षा की दर 52% है।
सरकार और गैर-सरकारी संगठनों ने इस दिशा में कई योजनाएँ शुरू की हैं। मिड-डे मील योजना, जो 2001 से लागू है, बच्चों को भोजन के साथ-साथ शिक्षा को भी प्रोत्साहित करती है। इस योजना के तहत, आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों में 90% से अधिक बच्चों को भोजन प्रदान किया जा रहा है, जिससे उनकी स्कूल जाने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
इसके अलावा, आदिवासी छात्रों के लिए विशेष विद्यालयों की स्थापना की गई है, जैसे कि "केंद्र सरकार की एकलव्य विद्यालय योजना," जिसमें आदिवासी बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।
आदिवासी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता फैलाना और सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है। स्थानीय संगठनों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाना होगा और समुदाय को स्कूलों में भागीदारी के लिए प्रेरित करना होगा।
आदिवासियों की शिक्षा केवल उनके विकास के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए भी आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना होगा कि हर आदिवासी बच्चा शिक्षा का अधिकार प्राप्त करे। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, ताकि आदिवासी समुदायों में शिक्षा की रोशनी फैल सके। एक सशक्त और शिक्षित आदिवासी समुदाय ही देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
- The News Grit
- 13/10/2024
Bilkul hona chahiye
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