क्रिकेट को अक्सर "जेंटलमैन का खेल" कहा जाता है , लेकिन 21 से 25 अप्रैल 1976 के बीच जमैका के सबीना पार्क में खेले गए भारत और वेस्ट इंडीज के बीच चौथे टेस्ट मैच ने इस धारणा को गहराई से चुनौती दी। यह मैच न केवल वेस्ट इंडीज की आक्रामक गेंदबाजी रणनीति के लिए , बल्कि भारतीय बल्लेबाज अंशुमान गायकवाड़ की अद्वितीय साहसिक पारी के लिए भी याद किया जाता है। पृष्ठभूमि: पोर्ट ऑफ स्पेन की ऐतिहासिक जीत इस टेस्ट से पहले , भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन में 403 रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक चेज़ करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। इस जीत ने वेस्ट इंडीज की क्रिकेट बादशाहत को चुनौती दी और कप्तान क्लाइव लॉयड को गहरी चिंता में डाल दिया। उन्होंने अपने गेंदबाजों से तीखे शब्दों में कहा , " आखिर कितना स्कोर बना कर दें कि तुम लोग डिफेंड कर पाओ ?" इस बयान ने आगामी टेस्ट में वेस्ट इंडीज की आक्रामक रणनीति की नींव रखी। सबीना पार्क: एक युद्धभूमि 21 अप्रैल 1976 को शुरू हुए चौथे टेस्ट मैच से पहले सीरीज़ में दोनों देश 1-1 से बराबर थे. वेस्ट इंडीज़ उस वक्त 1975 की वर्ल्ड चैंपियन थी। तब वेस्ट इंडीज़ के...
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