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ओलंपिक स्वर्ण से सेना तक: नीरज चोपड़ा बने लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद)!!

ओलंपिक स्वर्ण से सेना तक: नीरज चोपड़ा बने लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद)!!

भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) के पद का औपचारिक प्रतीक चिन्ह आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक , नई दिल्ली में आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रदान किया। इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी , प्रादेशिक सेना के वरिष्ठ अधिकारी तथा नीरज चोपड़ा के परिवारजन उपस्थित रहे। समारोह के दौरान रक्षा मंत्री ने नीरज चोपड़ा को “दृढ़ता , देशभक्ति और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की भारतीय भावना का आदर्श उदाहरण” बताया। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा अनुशासन , समर्पण और राष्ट्रीय गौरव के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक हैं , जो न केवल खेल जगत बल्कि सशस्त्र बलों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। भारतीय सेना में गौरवपूर्ण जुड़ाव नीरज चोपड़ा का सेना से रिश्ता कोई नया नहीं है। वर्ष 2016 में वे भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और राजपूताना राइफल्स में अपनी सेवाएं दीं। यह वही रेजिमेंट है , जो भारतीय सेना की सबसे पुरानी और गौरवशाली रेजिमेंट्स में से एक मानी जाती है। उनकी समर्पण भावना और खेल उपल...

रक्तवीर सुशील यादव का संकल्प: जब तक सक्षम हूं, करता रहूंगा रक्तदान!!

सागर मध्यप्रदेश के सागर जिले में जिला मलेरिया कार्यालय में कार्यरत सुशील कुमार यादव मानवता की सेवा का एक ऐसा उदाहरण बन चुके हैं , जो आज के युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहा है। वर्ष 1996 से शुरू हुई उनकी सेवा-यात्रा में अब तक वे 100 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब सदर क्षेत्र के एक गरीब परिवार को तत्काल रक्त की जरूरत थी और कोई भी मदद को आगे नहीं आया। सुशील ने न केवल रक्तदान किया , बल्कि यह प्रण लिया कि जब तक सक्षम हैं , लोगों की मदद करते रहेंगे। उनकी यह सेवा भावना उन्हें विरासत में मिली है। उनकी मां स्वर्गीय शांति देवी सागर जिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्स थीं और उन्होंने ही सुशील को बचपन से सेवा और करुणा का पाठ पढ़ाया। सुशील सिर्फ सागर में ही नहीं , बल्कि भोपाल , इंदौर , उज्जैन जैसे बड़े शहरों में भी जरूरतमंदों की मदद के लिए पहुंचे हैं। वे मानते हैं कि रक्तदान से न केवल दूसरों की जान बचती है , बल्कि इससे आत्मबल भी बढ़ता है। रक्तदान के अलावा सुशील कुमार ने मानवता की एक और मिसाल पेश की , जब उन्होंने किसी जरूरतमंद को अपनी किडनी दान करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन...