" प्रकृति की रक्षा ही हमारी सुरक्षा है" – इसी भाव के साथ हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल हमें पर्यावरण संरक्षण की अहमियत बताता है , बल्कि यह चेतावनी भी देता है कि अब और देरी नहीं की जा सकती। 2025 का विश्व पर्यावरण दिवस “ प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” विषय पर केंद्रित है , जो आज के समय की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक बन चुकी है। प्लास्टिक: सुविधा से विनाश तक आज हमारा जीवन प्लास्टिक पर बहुत अधिक निर्भर हो गया है। पानी की बोतल , खाने के डिब्बे , किचन में उपयोग होने वाले थैले , बच्चों के खिलौने , चिकित्सा उपकरण – हर जगह प्लास्टिक ने अपनी जगह बना ली है। यह सस्ता , टिकाऊ और आसानी से उपलब्ध होता है , लेकिन इसका विनाशकारी पक्ष हम नजरअंदाज कर रहे हैं। डॉ. (सुश्री) शरद सिंह के अनुसार , " हम प्लास्टिक और उसके कचरे से घिरे हुए हैं। एक छोटी-सी सुविधा हमारी ज़िंदगी का गला घोंट रही है।" उनके इस कथन से यह स्पष्ट होता है कि प्लास्टिक सुविधा नहीं , एक धीमा ज़हर बनता जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि हर साल इतना प्लास्टिक कचरा फैलाया जा रह...
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