Skip to main content

Posts

Showing posts with the label IndianNavy

ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

स्वदेशी तकनीक से बना INS निस्तार भारतीय नौसेना में शामिल, पनडुब्बी बचाव में माहिर!!

भारतीय नौसेना ने समुद्र की गहराइयों में राहत और बचाव अभियानों को नई धार देने वाला एक और स्वदेशी उपलब्धि हासिल की है। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की उपस्थिति में विशाखापत्तनम में पहली बार पूरी तरह भारतीय डिजाइन पर आधारित डाइविंग सपोर्ट वेसल ( INS Nistar) को नौसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो न केवल भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाता है , बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। समुद्र की गहराइयों के लिए बना ‘निस्तार’ आईएनएस निस्तार को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया गया है और यह दो डाइविंग सपोर्ट वेसलों में से पहला है। यह पोत विशेष रूप से गहरे समुद्र में संतृप्ति डाइविंग (Saturation Diving) और पनडुब्बी बचाव अभियानों के लिए तैयार किया गया है। दुनिया की केवल कुछ ही नौसेनाओं के पास इस तरह की उच्च तकनीकी क्षमता है , जो भारतीय नौसेना को एक नई ऊँचाई पर स्थापित करता है। आईएनएस निस्तार की प्रमुख विशेषताएं आईएनएस निस्तार भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक डाइविंग सपोर्ट वेसल है , जिसकी कुल लंबाई 118 मीटर है और यह ...

भारतीय नौसेना के चौथे सहायक पोत के निर्माण की शुरुआत: हिंदुस्तान शिपयार्ड में हुआ इस्पात कटाई समारोह!!

विशाखापत्तनम , 19 जून 2025 - भारतीय नौसेना की क्षमता को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए , नौसैनिक बेड़े के लिए पाँच सहायक जहाजों ( Fleet Support Ships - FSS) में से चौथे पोत के निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत कर दी गई है। इस अवसर पर विशाखापत्तनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ( HSL) में “ इस्पात कटाई समारोह” का आयोजन किया गया , जिसमें नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा और समुद्री शक्ति में बढ़ोतरी यह परियोजना भारतीय नौसेना की " ब्लू वॉटर नेवी" बनने की महत्वाकांक्षा को बल देने वाली है। इन सहायक जहाजों की सहायता से समुद्र में लंबे समय तक तैनात नौसेना पोतों को बिना किसी बंदरगाह पर लौटे आवश्यक संसाधन जैसे ईंधन , पानी , गोला-बारूद और अन्य आवश्यक सामग्री पहुँचाई जा सकेगी। इससे भारतीय नौसेना की रणनीतिक पहुँच , गतिशीलता और समुद्री संचालन की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। इन जहाजों का कुल विस्थापन 40,000 टन से अधिक होगा , जिससे यह भारत द्वारा बनाए गए सबसे बड़े सहायक पोतों में गिने जाएंगे। ...

सागर की शान बनी इशिता शर्मा – अपने सपने को हकीकत में बदलने वाली बेटी!!!!

बेटियां अभिशाप नहीं , वरदान होती हैं। वे दो कुलों को आगे बढ़ाने वाली शक्ति होती हैं। अगर उन्हें सही दिशा , साथ और समर्थन मिले , तो वे हर वो सपना साकार कर सकती हैं , जिसे समाज कभी असंभव समझता था। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है मध्य प्रदेश के सागर की बहादुर बेटी इशिता शर्मा की , जिन्होंने अपने मजबूत इरादों और कठिन मेहनत के बल पर भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट का गौरव हासिल किया है। जब सपना बना संकल्प और संकल्प बना उपलब्धि इशिता का बचपन सेना के अनुशासित माहौल में बीता। उनके पिता दीपक शर्मा , जो मिलेट्री इंजीनियरिंग सर्विस में अधिकारी हैं , ने परिवार में देशसेवा की भावना को पनपने दिया। इशिता ने इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्युनिकेशन में बीटेक करने के बाद टीसीएस जैसी प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कंपनी में मुंबई में नौकरी की , लेकिन मन हमेशा वर्दी और देश सेवा के प्रति ही आकर्षित रहा। यही जज्बा उन्हें वापस एसएसबी की ओर खींच लाया। दादा-दादी की छांव में मिली शिक्षा की नींव इशिता के पिता की नौकरी की प्रकृति के कारण लगातार स्थानांतरण होते रहे , ऐसे में इशिता की स्कूली शिक्षा की ज़िम्मेदारी निभाई दादा आर....