मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक, गोपालगंज, जिला सागर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के अंतर्गत निःशुल्क हृदय रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का संचालन जेके एंड एलएन हॉस्पिटल, भोपाल द्वारा किया गया, जिसमें हृदय रोग से ग्रस्त बच्चों की जांच और उपचार के लिए विशेष ध्यान दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ हुई, जिसका शुभारंभ आरजेडी सागर डॉ. ज्योति चौहान और सीएमएचओ सागर डॉ. ममता तिमोरी ने किया।
इस शिविर में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक त्रिपाठी द्वारा 98 बच्चों की ईको-कार्डियोग्राफी जांच की गई। जांच के दौरान 45 बच्चों में जन्मजात हृदय रोग पाया गया, जिनका निःशुल्क उपचार आयुष्मान भारत योजना और RBSK के अंतर्गत जेके एंड एलएन हॉस्पिटल, भोपाल में सुनिश्चित किया गया। इसके अतिरिक्त, तीन बच्चों की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें उच्च केंद्र रेफर किया गया। शिविर में सीएमएचओ सागर डॉ. ममता तिमोरी ने जानकारी दी कि बच्चों के गर्भावस्था के दौरान विकास के समय जेनेटिक समस्याओं और फोलिक एसिड की कमी के कारण हृदय में विकृतियां हो सकती हैं। हालांकि, इनमें से कई विकृतियां जन्म के बाद स्वाभाविक रूप से ठीक हो जाती हैं, लेकिन जिन मामलों में समस्या बनी रहती है, उनका सफल उपचार संभव है।
शिविर का संचालन डॉ. नरेश साहू, MO RBSK द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को आरबीएसके टीम के माध्यम से शिविर तक लाने की व्यवस्था की गई। जांच के बाद बच्चों को उनके निवास स्थान पर वापस भेज दिया गया। इस आयोजन में जिले के विभिन्न विभागों के चिकित्सा विशेषज्ञों और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस अवसर पर डॉ. आरएस जयंती, सिविल सर्जन, डॉ. एमएल जैन, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अभिषेक यादव, डीपीएम डॉ. देवेश पटेरिया, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. हेमंत कोस्टी, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम मैनेजर श्रीमती सुरभि साहू और आरबीएसके की टीम के अन्य सदस्य, जैसे पुष्पेंद्र बलैया, विक्रम सिंह ठाकुर, राकेश कुमार नेमा और नीतू साहू उपस्थित रहे।
यह शिविर न केवल चिकित्सा सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास था, बल्कि हृदय रोग से ग्रस्त बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी था। समाज के हर वर्ग को इस तरह की पहल से प्रेरणा लेकर आगे आना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को बेहतर उपचार और जीवन मिल सके।
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