तनाव मुक्ति के लिए ध्यान एवं योग हमारी प्राचीन ऋषि परंपरा की देन है। कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में पीएम उषा योजना के अंतर्गत आयोजित प्रशिक्षण कार्यशालाओं का हुआ समापन। शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय में पीएम उषा योजना के अंतर्गत शैक्षणिक स्टाफ एवं विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई अलग-अलग प्रशिक्षण कार्यशालाओं का समापन प्राचार्य डॉ जीएस रोहित ने किया। इन कार्यशालाओं का संचालन प्रशासनिक अधिकारी डॉ इमराना सिद्दीकी द्वारा किया गया।
मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पीएम उषा योजना के अंतर्गत सेडमेप के सहयोग से दिनांक 7 से 24 मार्च तक एआई एप्लीकेशन एवं कंटेंट क्रिएशन, कंप्यूटर अवेयरनेस, जीएसटी एवं टैक्सेशन, मार्केटिंग मैनेजमेंट एंड सेल्समैनशिप तथा स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड मेडिटेशन से संबंधित 7 एवं 15 दिवसीय विभिन्न प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन महाविद्यालय में अलग-अलग सत्र में किया गया।
समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. जी एस रोहित ने तनाव प्रबंधन एवं
ध्यान पर आधारित कार्यशाला के संबंध में कहा कि प्राचीन संस्कृति में ध्यान एवं
योग तथा संतुलित आहार विहार को तनाव से मुक्ति के माध्यम के रूप में अपनाया गया है।
हमारे ऋषि मुनियों से लेकर सभी स्तरों पर जिसका प्रयोग अनादि काल से किया जा रहा
है। महाविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए आयोजित इस कार्यशाला में
दिए गए प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों
और विद्यार्थियों को अध्यापन एवं अध्ययन के साथ-साथ दैनिक कार्यों के दौरान होने
वाले तनावों से मुक्ति मिलेगी तथा कार्य क्षमता में वृद्धि करने में सहायता
मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मार्केट मैनेजमेंट व सेल्समैनशिप, कंप्यूटर तथा इंटरनेट तकनीक,
जीएसटी व टैक्सेशन की कार्यशालाओ में भी विद्यार्थियों ने जिस तरह
से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है उससे उन्हें भविष्य में तकनीकी और ज्ञान आधारित
रोजगार के क्षेत्र में इसका लाभ मिलेगा। कार्यशाला की समन्वयक डॉक्टर इमराना
सिद्दीकी ने विभिन्न सत्रों में दिए गए प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी।
पी.एम. ऊषा योजना क्या है?
इस योजना का परा नाम प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा योजना अभियान (पी.एम. ऊषा) योजना है। इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा में समानता, पहुंच और समावेशन को बढ़ावा देना है। शिक्षण गुणवत्ता में सुधार करना और कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की मान्यता पर जोर देना है। पी.एम. ऊषा योजना रूसा का उत्ताराधिकारी कार्यक्रम है, जिसको 2013 में लॉन्च किया गया था। और 2018 में इसका दूसरा चरण शुरू किया गया था।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ जीएस रोहित ने कार्यशालाओं में
भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। कार्यक्रम का संचालन
सेडमैप जिला समन्वयक एनएस तोमर तथा कार्यक्रम सहायक राजकुमार चौधरी ने
प्रतिभागियों और महाविद्यालय प्रबंधन के प्रति आभार ज्ञापित किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रमुख रूप से वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ गोपा जैन, डॉ सरोज गुप्ता, डॉ रंजना मिश्रा, डॉ संगीता मुखर्जी, डॉ संगीता कुंभारे, डॉ सुनील साहू, डॉ संदीप सबलोक, डॉ भरत शुक्ला, डॉ अंकुर गौतम, डॉ संदीप तिवारी, डॉ जय नारायण यादव, डॉ कनिष्क तिवारी, डीके नामदेव, सुनील प्रजापति, डॉ अखिलेश तिवारी, सीपी सिंह, अरविंद यादव, प्रमोद सैन, राकेश सैनी, दीपक जैन चंदन सिंह आकांक्षा सोनी डॉ शालिनी परिहार राखी गौर भानुप्रिया पटेल समेत 380 छात्र-छात्राओं ने कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया।
The News Grit, 29/03/2025
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