सीमा पर बढ़ते तनाव और संभावित सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में मध्यप्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में आपदा प्रबंधन को लेकर व्यापक सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। गृह विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी करते हुए 14 बिंदुओं पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। इन निर्देशों में सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, संचार व्यवस्था, खाद्य और ईंधन आपूर्ति, जनसहयोग, और राहत एवं बचाव कार्यों की पूर्व तैयारी शामिल है।
राज्य सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि यदि स्थिति गंभीर होती है, तो प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से तैयार हो और किसी भी संभावित आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा, जीवनरक्षा सेवाएं और आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रखी जा सके। यह निर्देश न केवल संभावित सैन्य टकराव की आशंका को ध्यान में रखते हुए दिए गए हैं, बल्कि किसी भी प्रकार की आंतरिक या बाहरी आपदा की स्थिति में भी त्वरित, संगठित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किए गए हैं।
अस्पतालों
में सभी जीवनरक्षक संसाधन उपलब्ध रहें
शासन ने
स्पष्ट किया है कि राज्य के सभी अस्पतालों में आवश्यक जीवनरक्षक दवाइयां,
उपकरण और मानव संसाधन हर समय उपलब्ध रहें। चिकित्सक और स्वास्थ्य
कर्मी अनिवार्य रूप से मौजूद हों और ब्लड बैंक में सभी रक्त समूहों की पर्याप्त
उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आपदा की स्थिति में अस्थायी रूप से स्कूलों और
अस्पतालों के बीच निवास की व्यवस्था भी की जा सकती है, जिनमें
जनरेटर अनिवार्य रूप से लगे हों।
सोशल
मीडिया पर सख्त निगरानी
शासन ने सोशल
मीडिया पर निगरानी को लेकर सख्ती दिखाई है। देशविरोधी या भड़काऊ सामग्री के
विरुद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी समय-समय
के दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य बताया गया है।
खाद्य
और ईंधन सामग्री की आपूर्ति बनी रहे
प्रत्येक जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि खाद्यान्न, पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस जैसी आवश्यक वस्तुएं हर समय उपलब्ध रहें। साथ ही लोगों को अनावश्यक भंडारण से रोका जाए, जिससे संसाधनों की समान आपूर्ति में कोई बाधा न आए।
पेयजल
की निर्बाध व्यवस्था अनिवार्य
लोक
स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया गया है कि आपात स्थितियों में भी
शुद्ध पेयजल की आपूर्ति में कोई कमी न आए। इसके लिए आवश्यक वैकल्पिक व्यवस्थाएं
समय रहते सक्रिय की जानी चाहिए।
अति संवेदनशील स्थलों की अद्यतन सूची तैयार हो
जिलों को
निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र के अस्पतालों,
पावर प्लांट्स, गैस-तेल डिपो, धार्मिक स्थलों और भारत सरकार से संबंधित संस्थानों की अद्यतन सूची तैयार
रखें ताकि किसी आपदा की स्थिति में संवेदनशील स्थानों की त्वरित सुरक्षा सुनिश्चित
की जा सके।
नागरिक
सुरक्षा पर जागरूकता
ग्राम और
पंचायत स्तर पर नागरिक सुरक्षा से जुड़ी जानकारी पहुँचाने के निर्देश भी आदेश में
शामिल हैं। इसका उद्देश्य जनता में सुरक्षा और विश्वास की भावना को मजबूत करना है।
अग्निशमन
सेवाएं पूरी तरह सक्रिय रहें
फायर ब्रिगेड
सेवाओं की सक्रियता पर विशेष बल देते हुए शासन ने कहा है कि इन सेवाओं के उपकरणों
की जांच और स्थिति की समीक्षा कर उन्हें सतत क्रियाशील रखा जाए।
संचार
व्यवस्था बाधित न हो
दूरसंचार
कंपनियों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में संचार
सेवाएं बाधित न हों। मोबाइल नेटवर्क, वायरलेस
संचार और इंटरनेट सेवाओं की सुचारू उपलब्धता को प्राथमिकता दी जाए।
पब्लिक
एड्रेस सिस्टम तैयार रखें
प्रत्येक
जिले में पर्याप्त संख्या में ध्वनि प्रसारण यंत्र (पब्लिक एड्रेस सिस्टम) को चालू
हालत में रखा जाए ताकि जनता को आपदा की स्थिति में त्वरित रूप से जानकारी दी जा
सके।
मॉक
ड्रिल और सायरन की व्यवस्था
आपदा चेतावनी
के तहत शहरों में सायरन व्यवस्था लागू करने और नियमित रूप से मॉक ड्रिल कराने के
निर्देश भी दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस
और जिला प्रशासन को मिलकर यह व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।
स्वयंसेवकों
की भागीदारी सुनिश्चित हो
आपदा प्रबंधन
की प्रक्रिया में एनजीओ, एन.सी.सी., राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और नागरिक स्वयंसेवकों की
भागीदारी सुनिश्चित की जाए ताकि राहत और बचाव कार्यों में गति लाई जा सके।
उद्योगों
की सुरक्षा और संचालन
शासन ने यह
भी स्पष्ट किया है कि राज्य में उद्योगों का संचालन किसी भी परिस्थिति में बाधित
नहीं होना चाहिए। औद्योगिक स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन को दी
गई है।
सड़कों
और पुलों की सुरक्षा
लोक निर्माण
विभाग (PWD)
को सड़कों और पुलों की सतत निगरानी और आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य
करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे आपदा के समय यातायात
अवरुद्ध न हो।
विद्युत
आपूर्ति बनी रहे
ऊर्जा विभाग को
विशेष रूप से निर्देशित किया गया है कि किसी भी संकट की घड़ी में विद्युत आपूर्ति
निर्बाध रूप से चालू रहे। इसके लिए आवश्यक तकनीकी और वैकल्पिक व्यवस्थाएं तैयार
रखी जाएं।
सीमा पर
उत्पन्न संभावित संकट की आशंका को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने जिस तरह से
तत्काल,
व्यापक और बहुस्तरीय तैयारी के निर्देश जारी किए हैं, वह राज्य प्रशासन की सजगता और दूरदृष्टि को दर्शाता है। स्वास्थ्य सेवाओं
से लेकर संचार व्यवस्था, खाद्य आपूर्ति से लेकर नागरिक
जागरूकता और जनसहयोग तक—हर पहलू को योजनाबद्ध ढंग से सक्रिय किया जा रहा है। यह
स्पष्ट है कि सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक समन्वित, सशक्त और संवेदनशील प्रशासनिक तंत्र तैयार रखना चाहती है। यदि इन
दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाता है, तो यह न केवल
संभावित संकट को कुशलता से संभालने में सहायक होगा, बल्कि
प्रदेश की जनता में सुरक्षा और विश्वास का भाव भी सुदृढ़ होगा।
The News Grit, 10/05/2025
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