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डॉ. यादव ने दिखाई हरी झंडी, 2100वें मेट्रो कोच का हुआ शुभारंभ!!!!

भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और स्वदेशी निर्माण क्षमताओं में तेज़ी से हो रहे विस्तार ने देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश अब मेट्रो और रेल कोच निर्माण के क्षेत्र में एक उभरता हुआ केंद्र बनता जा रहा है। राज्य में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) जैसी अग्रणी कंपनी द्वारा अत्याधुनिक निर्माण इकाइयों की स्थापना एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध हो रही है। रायसेन जिले में स्थापित की जा रही नई बीईएमएल इकाई न केवल औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। बेंगलुरू में बीईएमएल द्वारा निर्मित 2100वें मेट्रो कोच को राष्ट्र को समर्पित करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो 'मेड इन इंडिया' अभियान की सफलता और भारत की तकनीकी दक्षता का प्रतीक है।

BEML आखिर क्या है?

भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) भारत सरकार के अधीन एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो खनन, निर्माण, रेलवे, मेट्रो और रक्षा क्षेत्रों के लिए भारी मशीनरी और वाहनों का निर्माण करती है। जो एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थ मूविंग उपकरण निर्माता कंपनी है। इसकी स्थापना 11 मई 1964 में हुई थी। और इसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है। BEML बुलडोज़र, डंप ट्रक, मेट्रो ट्रेन, रेल कोच, और रक्षा क्षेत्र के लिए विशेष वाहन जैसे टाट्रा ट्रक, मोटर ग्रेडर और स्क्रैपर जैसे उत्पाद बनाती है। हाल ही में यह कंपनी मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के उमरिया ग्राम में लगभग ₹1800 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक रेल कोच निर्माण इकाई स्थापित कर रही है। 

रायसेन में BEML की नई इकाई का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रायसेन जिले के उमरिया क्षेत्र में बीईएमएल की नई रोलिंग स्टॉक विनिर्माण इकाई की स्थापना के लिए भूमि आवंटन-पत्र बीईएमएल के चेयरमेन एवं एमडी श्री शांतनु रॉय को सौंपा। यह इकाई राज्य के औद्योगिक परिदृश्य को एक नई दिशा देगी। मध्यप्रदेश शासन ने इस इकाई के लिए 60.063 हेक्टेयर भूमि के आवंटन को मंजूरी दी है, जो राज्य सरकार की औद्योगिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इकाई न केवल रोलिंग स्टॉक और मेट्रो कोच का निर्माण करेगी, बल्कि यह मध्यप्रदेश को मेट्रो निर्माण का नया हब बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम भी है। यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और एक नई दिशा प्रदान करेगी।

औद्योगिक और सामाजिक प्रभाव

बीईएमएल की यह इकाई केवल एक औद्योगिक परियोजना नहीं है, बल्कि यह समावेशी और सतत विकास की एक जीवंत मिसाल भी होगी। इस इकाई की स्थापना से औद्योगिक इको सिस्टम को सशक्त बनाने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों, युवाओं और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) को भी भरपूर लाभ मिलेगा। रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, कौशल विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली मजबूत होगी।

विशेष रूप से यह इकाई रायसेन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में सहायक होगी। इससे वहाँ की आजीविका के साधनों में सुधार होगा और स्थानीय आधारभूत संरचना को मजबूती मिलेगी। तकनीकी संस्थानों, कॉलेजों और स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए यह इकाई कौशल विकास के नए द्वार खोलेगी।

तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक 2100वां मेट्रो कोच

BEML द्वारा निर्मित 2100वां मेट्रो कोच भारत की उन्नत निर्माण क्षमता, इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और स्वदेशी तकनीक के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है। इस कोच को "ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन" मानकों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है, जो ड्राइवरलेस संचालन को सक्षम बनाता है। इसमें अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) स्मार्ट सुरक्षा प्रणालियाँ और वैश्विक मानकों के अनुरूप आधुनिक सुविधाएँ शामिल हैं।

इस कोच की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता "ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम" है, जो पहली बार भारत में किसी मेट्रो ट्रेन में लगाया गया है। यह प्रणाली पाँच प्रमुख मॉड्यूल्स पर आधारित है:

1. रेल ट्रैक की स्थिति की निगरानी

2. ओवरहेड इक्विपमेंट (OHE) की स्थिति

3. पैंटोग्राफ-ओएचई संपर्क की स्थिति

4. आर्क डिटेक्शन प्रणाली

5. रेल प्रोफाइल विश्लेषण प्रणाली

इन सभी मॉड्यूल्स की सहायता से डिपो कंट्रोल सेंटर से ही ट्रेन की स्थिति का रियल-टाइम प्रिडिक्टिव मेंटिनेंस और रिमोट डायग्नोसिस संभव हो सकेगा।

यात्रियों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएँ

इस कोच को यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। इसमें एर्गोनॉमिक इंटीरियर, डायनामिक रूट मैप्स, सीसीटीवी सुरक्षा, डिजिटल फायर डिटेक्शन सिस्टम, एडवांस्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम और साइकिल स्टैंड जैसी आधुनिक सुविधाएँ शामिल हैं। ये विशेषताएँ इसे पूरी तरह स्मार्ट और पर्यावरण-संवेदनशील मेट्रो कोच बनाती हैं।

भारत की निर्माण क्षमताओं में नया आयाम

BEML की यह पहल न केवल भारतीय रेल क्षेत्र को नई दिशा देगी, बल्कि वैश्विक रेल उद्योग में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगी। इस परियोजना के प्रथम चरण में स्टेनलेस स्टील कार बॉडी कोच का निर्माण किया जाएगा और भविष्य में एल्यूमीनियम कार बॉडी कोच निर्माण की क्षमताओं का विस्तार किया जाएगा। यह प्लांट आधुनिक आधारभूत संरचना से सुसज्जित होगा और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा ताकि इसका संचालन रणनीतिक और टिकाऊ रूप से हो सके।

मध्यप्रदेश और कर्नाटक के बीच सहयोग

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से मध्यप्रदेश और कर्नाटक के बीच औद्योगिक सहयोग और गहराएगा। दोनों राज्यों के बीच तकनीकी और उत्पादन क्षेत्र में साझेदारी के नए रास्ते खुलेंगे। डॉ. यादव ने यह भी कहा कि कर्नाटक से मध्यप्रदेश के संबंध प्रगाढ़ होंगे और हम अनेक कार्यों में परस्पर विकास के नये द्वार खोलेंगे।

BEML की प्रतिबद्धता

बीईएमएल के चेयरमेन और एमडी श्री शांतनु रॉय ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कंपनी रायसेन में स्थापित होने वाली इकाई को विश्वस्तरीय बनाएगी। उन्होंने कहा कि 2100वें मेट्रो कोच का निर्माण इस बात का प्रमाण है कि BEML पर उसके सहयोगी संस्थानों का अटूट विश्वास है। यह सफलता बीईएमएल के नवाचार, स्वदेशीकरण और गुणवत्ता के प्रति समर्पण को दर्शाती है।

बीईएमएल की नई विनिर्माण इकाई की स्थापना और 2100वें मेट्रो कोच का राष्ट्र को समर्पण न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह मध्यप्रदेश को देश के औद्योगिक मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान प्रदान करता है। रायसेन में बनने वाली यह इकाई स्थानीय विकास, रोजगार सृजन और कौशल उन्नयन के साथ-साथ शहरी परिवहन के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाएगी।

The News Grit, 15/05/2025


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