Skip to main content

नागालैंड में जल सुरक्षा को नई दिशा—मिशन वाटरशेड की शुरुआत!

FASTag के गलत इस्तेमाल पर NHAI सख्त – ‘Loose FASTag’ होंगे ब्लैकलिस्ट!

देशभर में टोल टैक्स प्रणाली को और अधिक तेज़, पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में एक नया कड़ा कदम उठाया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने साफ किया है कि अब जो वाहन चालक FASTag को नियमों के अनुसार गाड़ी पर नहीं लगाते, यानी ‘Loose FASTagया 'हाथ में टैग' लेकर टोल पार करते हैं — उनके टैग ब्लैकलिस्ट कर दिए जाएंगे।Loose FASTag क्या है?

Loose FASTag क्या है?

‘Loose FASTag’ का मतलब है वह FASTag जो गाड़ी की विंडस्क्रीन पर ठीक से चिपकाया नहीं गया हो, और जिसे वाहन चालक टोल पार करते समय हाथ में लेकर दिखाते हैं।

इस गलत तरीके से उपयोग के कारण कई समस्याएँ उत्पन्न होती हैं:

·         टोल लेन में जाम: स्कैनिंग में अधिक समय लगता है, जिससे लंबी कतारें लग जाती हैं।

·         फर्जी लेन-देन: टैग का दुरुपयोग कर फर्जी चार्जबैक या ट्रांजैक्शन दर्ज कर दिए जाते हैं।

·         इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम का दुरुपयोग: यह प्रणाली बिना रुके टोल भुगतान के लिए बनी है, लेकिन Loose FASTag इसका मकसद विफल करता है।

·         अन्य यात्रियों को असुविधा: देरी और अव्यवस्था से हर कोई प्रभावित होता है।

NHAI का नया नियम क्या कहता है?

NHAI ने टोल ऑपरेटर्स और कंसेशनरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि कोई Loose FASTag इस्तेमाल करता है तो उसकी तुरंत रिपोर्ट की जाए। इसके लिए NHAI ने एक स्पेशल ईमेल आईडी भी जारी की है, जिस पर ऐसी शिकायतें भेजी जा सकती हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित FASTag को तुरंत ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर दिया जाएगा।

इस नियम की ज़रूरत क्यों पड़ी?

सरकार निकट भविष्य में दो महत्वपूर्ण तकनीकें लागू करने की तैयारी में है — एनुअल पास सिस्टम और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF)। एनुअल पास सिस्टम के तहत वार्षिक पासधारकों को टोल पार करते समय ज्यादा सहजता मिलेगी, वहीं MLFF तकनीक के जरिए वाहन बिना रुके ऑटोमैटिक रूप से टोल चुका सकेंगे।

इन आधुनिक प्रणालियों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए जरूरी है कि FASTag का सही और पारदर्शी उपयोग हो यदि टैग को नियमों के अनुसार गाड़ी पर न लगाया जाए और उसका गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो पूरा सिस्टम बाधित हो सकता है। इसलिए, दुरुपयोग को रोकने और व्यवस्था को विश्वसनीय बनाए रखने के लिए यह नया नियम बेहद जरूरी हो गया है।

भारत में FASTag की स्थिति

·         आज देश में 98% से अधिक गाड़ियाँ FASTag से टोल भर रही हैं।

·         यह टेक्नोलॉजी कैशलेस, पेपरलेस और समय बचाने वाली प्रणाली बन चुकी है।

·         लेकिन कुछ लोगों द्वारा सिस्टम का गलत इस्तेमाल सभी के लिए परेशानी का कारण बनता है।

इससे क्या फायदा होगा?

·         टोल लेन पर जाम और देरी में कमी आएगी।

·         FASTag प्रणाली और अधिक भरोसेमंद बनेगी।

·         सभी नियमित यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।

·         राजमार्गों पर सफर तेज़, आसान और सुविधाजनक होगा।

NHAI का यह कदम दिखाता है कि सरकार डिजिटल इंडिया और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रही है। अब यह वाहन मालिकों की जिम्मेदारी है कि वे FASTag का सही तरीके से इस्तेमाल करें, ताकि पूरा देश स्मार्ट टोलिंग की ओर तेज़ी से बढ़ सके।

The News Grit, 11/07/2025

Comments

Popular posts from this blog

स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम: रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा में सफल आयोजन!!

दिनांक 20 जनवरी 2025 को रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा के वनस्पति विभाग द्वारा एक उल्लेखनीय स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय अरण्य भारतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बैहर के 35 विद्यार्थी और प्राध्यापकगण शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल. एल. घोरमारे द्वारा स्टूडेंट एक्सचेंज गतिविधियों के महत्व पर जानकारी देने से हुई। आइक्यूएसी इंचार्ज डॉ. अरुण वैद्य ने विद्यार्थियों को इस प्रकार के कार्यक्रमों से मिलने वाले लाभों को साझा किया। वनस्पति विभाग की प्रमुख डॉ. जय श्री सूर्यवंशी ने माइक्रोऑर्गेनिज़्म कल्चर और प्रयोगशाला उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसी क्रम में बैहर महाविद्यालय की डॉ. पूजा गुप्ता ने क्यूआर कोड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट के माध्यम से छात्रों को नई तकनीकों से अवगत कराया। भौतिक शास्त्र विभाग से श्रीमती रंजना कुशवाहा ने शैक्षणिक गतिविधियों के विकास में इस प्रकार के कार्यक्रमों की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में छात्रों के बीच आपसी ज्ञान-विनिमय के साथ-साथ डेमोंस्ट्रेशन सत्र आयोजित किए गए। रा...

प्रोजेक्ट आरोहण: NHAI की नई योजना, लेकिन किसके लिए?

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI) ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल करते हुए टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और करियर निर्माण के लिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में किया। इस अवसर पर वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक एवं संयुक्त सीईओ डॉ. जफर खान और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। शिक्षा तक समान पहुँच देने का प्रयास एनएचएआई ने वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के साथ मिलकर यह योजना शुरू की है , जिसका मकसद टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं को दूर करना , सामाजिक-आर्थिक भेदों को कम करना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों , जिनमें निम्न-आय वाले परिवारों की लड़कियाँ , पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी तथा अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र शामिल हैं , के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच प्रदान करना है। एनएचएआई का मानना है कि शिक्षा ही वह साध...

अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाया, लाखों नौकरियों पर संकट!!

अमेरिका ने बुधवार से भारत से आने वाले अधिकांश आयातित उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है। यह कदम अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा ( CBP) द्वारा जारी नोटिस के बाद प्रभावी हुआ , जिसमें कहा गया था कि यह आदेश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 6 अगस्त 2025 के कार्यकारी आदेश 14329 के तहत लागू किया जा रहा है। इस आदेश का शीर्षक था – “रूसी संघ की सरकार द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए खतरों को संबोधित करना।” किन उत्पादों पर लागू और किन्हें छूट सीबीपी के अनुसार , यह शुल्क उन सभी भारतीय वस्तुओं पर लागू होगा जो अमेरिका में उपभोग के लिए आयातित की जाती हैं। हालांकि , लोहा , इस्पात , एल्युमीनियम , वाहन , तांबा और इनके कुछ व्युत्पन्न उत्पादों को इस अतिरिक्त ड्यूटी से बाहर रखा गया है। वहीं , अमेरिकी बाजार में भारत के करीब 30.2% निर्यात (लगभग 27.6 अरब डॉलर) को शुल्क मुक्त प्रवेश मिलता रहेगा। इसमें फार्मा ( 12.7 अरब डॉलर) , इलेक्ट्रॉनिक्स ( 8.18 अरब डॉलर) , रिफाइंड लाइट ऑयल और एविएशन टरबाइन फ्यूल ( 3.29 अरब डॉलर) , पुस्तकें और ब्रोशर ( 165.9 मिलियन डॉलर) तथा प्लास्टिक ( 155.1 मिलियन...