लेजर की बढ़ती ताकत और खतरे - आज के वैज्ञानिक और तकनीकी युग में लेजर तकनीक का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। चिकित्सा (जैसे आंखों की सर्जरी) , सैन्य (जैसे रडार या हथियार) , और उद्योग (जैसे काटने या मापने की मशीनों) में तेज लेजर बीम का उपयोग आम हो गया है। लेकिन यह तकनीक जहां सुविधाएं देती है , वहीं नाजुक ऑप्टिकल उपकरणों और मानव आंखों के लिए खतरनाक भी हो सकती है। तेज लेजर की किरणें आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए अब ज़रूरत है ऐसी लेजर सुरक्षा तकनीकों की जो प्राकृतिक , सस्ती , और पर्यावरण के अनुकूल हों। सागौन के पत्तों से बनी जैविक लेजर सुरक्षा भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ( DST) के अंतर्गत आने वाले रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ( RRI) के वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत प्राकृतिक विकल्प खोजा है - सागौन के पेड़ ( Teak – Tectona grandis ) की फेंकी जाने वाली पत्तियाँ। वैज्ञानिकों ने पाया कि ये पत्तियाँ एक विशेष प्राकृतिक रंगद्रव्य एंथोसायनिन ( Anthocyanin) से भरपूर होती हैं , जो इन्हें लाल-भूरा रंग देता है और यही रंग लेजर सुरक्षा में सहायक बन सकता है। इस खोज के बारे में RRI ...
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