अब वह दिन दूर नहीं जब गंदे और जहरीले रंगों से भरा पानी सिर्फ सूरज की रोशनी , मामूली कंपन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( AI) की थोड़ी सी मदद से पूरी तरह साफ हो जाएगा। यह कोई विज्ञान-कथा नहीं , बल्कि भारत के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक ऐसी अभिनव तकनीक है जो न सिर्फ प्रभावी , बल्कि सस्ती , टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल भी है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ( DST) के नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ( INST), मोहाली के शोधकर्ताओं ने एक 3 डी प्रिंटेड जल-शुद्धिकरण प्रणाली तैयार की है , जो विशेष रूप से प्रदूषित औद्योगिक जल की सफाई के लिए बनाई गई है। यह प्रणाली एक साथ तीन शक्तियों को जोड़ती है – सौर ऊर्जा , पीजोइलेक्ट्रिक कंपन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) । क्यों है इसकी ज़रूरत ? भारत में तेजी से बढ़ते कपड़ा , दवा और रसायन उद्योग भारी मात्रा में अपशिष्ट जल उत्पन्न करते हैं , जिसमें मेथिलीन ब्लू और कांगो रेड जैसे जहरीले रसायन शामिल होते हैं। ये रसायन केवल जल स्रोतों का रंग ही नहीं बिगाड़ते , बल्कि मानव स्वास्थ्य और जलजीवों के लिए भी गंभीर खतरा...
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