भारतीय नौसेना के चौथे सहायक पोत के निर्माण की शुरुआत: हिंदुस्तान शिपयार्ड में हुआ इस्पात कटाई समारोह!!
विशाखापत्तनम, 19 जून 2025 - भारतीय नौसेना की क्षमता को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नौसैनिक बेड़े के लिए पाँच सहायक जहाजों (Fleet Support Ships - FSS) में से चौथे पोत के निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत कर दी गई है। इस अवसर पर विशाखापत्तनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) में “इस्पात कटाई समारोह” का आयोजन किया गया, जिसमें नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा और समुद्री शक्ति में बढ़ोतरी
यह परियोजना
भारतीय नौसेना की "ब्लू वॉटर
नेवी" बनने की महत्वाकांक्षा को बल देने वाली है। इन सहायक जहाजों की सहायता
से समुद्र में लंबे समय तक तैनात नौसेना पोतों को बिना किसी बंदरगाह पर लौटे
आवश्यक संसाधन जैसे ईंधन, पानी, गोला-बारूद
और अन्य आवश्यक सामग्री पहुँचाई जा सकेगी। इससे भारतीय नौसेना की रणनीतिक पहुँच,
गतिशीलता और समुद्री संचालन की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। इन
जहाजों का कुल विस्थापन 40,000 टन से अधिक होगा, जिससे यह भारत द्वारा बनाए गए सबसे बड़े सहायक पोतों में गिने जाएंगे।
बहुआयामी
भूमिका वाले पोत
इन पोतों की
भूमिका केवल रसद पहुँचाने तक सीमित नहीं होगी। इन्हें विशेष रूप से इस प्रकार
डिजाइन किया जा रहा है कि ये आपदा राहत कार्य (HADR) और गैर-लड़ाकू निकासी अभियानों (NEO) में भी
महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। इसका अर्थ यह है कि प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध अथवा संकट की स्थिति में भी ये जहाज मानवीय सहायता, राहत सामग्री वितरण और नागरिकों की सुरक्षा निकासी जैसे कार्य कर सकेंगे।
आत्मनिर्भर
भारत और ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में एक ठोस कदम
इस परियोजना
की एक बड़ी विशेषता यह है कि यह पूरी तरह स्वदेशी डिजाइन पर आधारित है और इसमें
इस्तेमाल होने वाले अधिकांश उपकरण भारतीय कंपनियों से प्राप्त किए जा रहे हैं।
इससे न केवल देश के रक्षा उत्पादन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा,
बल्कि स्वदेशी तकनीक और निर्माण क्षमता को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
यह
परियोजना केंद्र सरकार की प्रमुख पहलों - ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘मेक इन इंडिया’, और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ - के उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में एक मजबूत योगदान देती है।
अनुबंध
और आगामी योजनाएँ
गौरतलब है कि
अगस्त 2023
में भारतीय नौसेना ने पाँच सहायक जहाजों के निर्माण के लिए
हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के साथ एक प्रमुख अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, इन पोतों का जलावतरण
वर्ष 2027 के मध्य से शुरू होगा और धीरे-धीरे इन्हें भारतीय
नौसेना में शामिल किया जाएगा।
इस अवसर पर
पूर्वी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर,
नौसेना डिज़ाइन विभाग (CWP&A) के वाइस
एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, एचएसएल के अध्यक्ष और प्रबंध
निदेशक कमोडोर हेमंत खत्री, तथा भारतीय नौसेना और शिपयार्ड
के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस इस्पात
कटाई समारोह के माध्यम से एक और स्वदेशी युद्धपोत निर्माण परियोजना की शुरुआत हुई
है,
जो न केवल भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि देश को वैश्विक समुद्री शक्तियों की पंक्ति में खड़ा करने की दिशा
में भी एक सशक्त कदम है। यह पहल भारतीय जहाज निर्माण उद्योग, रक्षा क्षेत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगी।
The News Grit, 21/06/2025
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