मध्यप्रदेश के सागर जिले का नाम एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर रोशन हुआ है। मकरोनिया दूरसंचार कॉलोनी निवासी हर्षित शर्मा, होनहार युवा ने UPSC द्वारा आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की परीक्षा में ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल कर पूरे शहर, प्रदेश और देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है।
23 वर्षीय हर्षित शर्मा का चयन असिस्टेंट कमांडेंट (ACP) के पद पर हुआ है, जो भारतीय सेना में कैप्टन और भारतीय पुलिस सेवा में ASP (Assistant Superintendent of Police) के समकक्ष पद है। यह उनके जीवन की पहली कोशिश थी, और उसी में उन्होंने अपार सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया।
सेना की वर्दी से मिली प्रेरणा,
मेहनत ने दिलाया मुकाम
हर्षित के पिता दिनेश शर्मा,
भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हवलदार हैं। उनका सपना था कि उनका बेटा एक
दिन उनसे भी ऊँचे पद पर पहुँचे – और हर्षित ने उस सपने को साकार कर दिखाया। मां रश्मि
शर्मा, एक गृहिणी हैं, जिन्होंने बेटे की
पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी।
हर्षित बताते हैं कि बचपन में अपने पिता
को सेना की वर्दी में देखकर उनके मन में भी राष्ट्रसेवा का बीज अंकुरित हुआ। वे कहते
हैं,
“वर्दी में मेरे पापा को देखना मेरे लिए गर्व की बात होती थी। तभी से
मैंने ठान लिया था कि मुझे भी वर्दी पहननी है।”
NDA में भी झलकी प्रतिभा,
लेकिन चुना UPSC का मार्ग
हर्षित की प्रतिभा कोई एक दिन की नहीं
है। महज 18
साल की उम्र में उन्होंने NDA (नेशनल डिफेंस अकादमी)
की परीक्षा में 526वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल की थी। साथ ही OTA
(ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) में भी 62वीं रैंक के
साथ चयनित हुए।
हालांकि,
कुछ व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने NDA जॉइन नहीं
किया, और फिर UPSC-CAPF की दिशा में पूरी
ताकत से लग गए। उन्होंने तैयारी को गंभीरता से लिया, रणनीति बनाई,
समय का सदुपयोग किया और पहले ही प्रयास में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज कर
ली।
पिता की आंखों में गर्व और नम्रता दोनों
यह केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं,
बल्कि सागर जिले की युवा प्रतिभा और मेहनत का प्रतीक है। ऐसे उदाहरण
यह दिखाते हैं कि अगर जुनून हो, लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत ईमानदार
हो – तो कोई भी ऊँचाई दूर नहीं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
हर्षित शर्मा
की यह उपलब्धि उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो UPSC
या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उनका संघर्ष,
अनुशासन और समर्पण यह साबित करता है कि सही दिशा में की गई मेहनत कभी
व्यर्थ नहीं जाती।
The News Grit, 26/06/2025
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