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Gwada Negative: दुनिया का 48वां ब्लड ग्रुप — अभी सिर्फ एक व्यक्ति में मिला!!

फ्रांसीसी ब्लड संस्थान (Établissement français du sang, EFS) ने हाल ही में एक नए और बेहद दुर्लभ रक्त प्रकार की खोज की है, जिसे उन्होंने “Gwada Negative” नाम दिया है। यह अब तक विश्व में दर्ज 48वां ब्लड ग्रुप माना गया है। इस रक्त प्रकार के संबंध में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस समय सिर्फ एक ही व्यक्ति में इसकी पुष्टि हुई है।

खोज का सफर: कैसे मिली यह पहचान?

2001 में ग्वाडेलूप निवासी एक महिला का रक्त परीक्षण पेरिस में हुआ था, जब वे सर्जरी के लिए तैयारी कर रही थीं। उस समय उनका ब्लड ग्रुप पहचान में नहीं आया। 2011 में उनके ब्लड टेस्ट में एक "बहुत असामान्य" एंटीबॉडी मिली, लेकिन उस समय आगे की जांच के साधन उपलब्ध नहीं थे।

2019 में जीन्स सीक्वेंसिंग के माध्यम से पाया गया कि रक्त कोशिकाओं की सतह पर एक विशेष जीन (PIGZ) में उत्परिवर्तन था, जिसने इस नए रक्त प्रकार को जन्म दिया। इस अनुवांशिक जीन दोष को महिला के माता-पिता से विरासत में मिला माना जा रहा है। इस खोज को International Society of Blood Transfusion (ISBT) ने जून 2025 में आधिकारिक रूप से मान्यता दी।

विशेष क्या है "Gwada Negative" में?

यह ब्लड ग्रुप पूरी तरह अनन्य है; इस महिला को केवल उसकी खुद की रक्त ही उपयुक्त है — किसी अन्य रक्त से ट्रांसफ्यूजन खतरनाक साबित हो सकता है। Thierry Peyrard (EFS) का कहना है, "यह निस्संदेह दुनिया का एकमात्र ज्ञात केस है, और वह केवल अपने आप के साथ जमती हैं।"

वैज्ञानिक और चिकित्सीय महत्व

1. रक्त ट्रांसफ्यूजन सुरक्षा: नवीनतम और दुर्लभ रक्त समूहों की पहचान से मरीजों को बेहद सुरक्षित तरीके से रक्त उपलब्ध कराया जा सकता है 

2. आनुवंशिक विविधता पर प्रकाश: यह खोज PIGZ जीन में अनुवांशिक विविधता को उजागर करती है, जो रक्त कोशिका सतह को प्रभावित करती है 

3. भविष्य के लिए राह: शोधकर्ता अब ग्वाडेलूप जैसे क्षेत्रों में रक्तदाताओं में इस रक्त प्रकार की तलाश करना चाहते हैं, ताकि संभावित अन्य केस्स का पता चल सके।

वर्तमान में ISBT द्वारा मान्यता प्राप्त ब्लड समूहों की संख्या 48 है, जिनमें इस खोज से यह संख्या बढ़कर 48 हुई है। दुनिया में हजारों संभावित रक्त समूह हो सकते हैं, क्योंकि 600 से अधिक एंटीजन्स रक्त कोशिकाओं पर मौजूद हैं। डीएनए सीक्वेंसिंग तकनीकों की प्रगति ने नई खोजों को गति दी है — उदाहरण के लिए, 44वां ब्लड ग्रुप "Er" साल 2022 में मिला। जीववैज्ञानिकों की इस खोज से स्पष्ट है कि रक्त समूहों का अध्ययन केवल चार सामान्य प्रकारों (A, B, O, AB) तक सीमित नहीं है। “Gwada Negative” जैसी गहरी जीन-स्तरीय खोज से उपचार में नई संभावनाएं खुलती हैं। जैसे-जैसे डीएनए विश्लेषण में सुधार होगा, हम अनगिनत दुर्लभ रक्त समूहों को पहचान सकते हैं, जो लाखों लोगों के जीवन को बचाने में सहायक सिद्ध होंगे।

The News Grit, 28/06/2025

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