क्या आप जानते हैं?
देश में प्रतिवर्ष हजारों दोपहिया वाहन चालक केवल इसलिए अपनी जान गंवा देते हैं क्योंकि उन्होंने गैर-प्रमाणित या घटिया गुणवत्ता वाले हेलमेट पहने होते हैं। इस गंभीर और खतरनाक प्रवृत्ति को रोकने के लिए उपभोक्ता मामले विभाग (Department of Consumer Affairs) ने अब सीधी और सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। सड़क सुरक्षा को लेकर उठाए गए हालिया कदमों के तहत उपभोक्ता मामले विभाग और भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) ने दोपहिया चालकों से अपील की है कि वे केवल BIS प्रमाणित यानी ISI मार्क वाले हेलमेट का ही उपयोग करें। विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि बिना प्रमाणन वाले हेलमेट न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि सड़क दुर्घटना की स्थिति में जान के लिए भी गंभीर खतरा बन सकते हैं।
DoCA की सख्त चेतावनी: सिर्फ BIS प्रमाणित हेलमेट का करें उपयोग
उपभोक्ता मामले विभाग और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने सभी दोपहिया वाहन चालकों से आग्रह किया है कि वे केवल ISI मार्क वाले BIS प्रमाणित हेलमेट ही पहनें। विभाग ने कहा है कि जो हेलमेट BIS मानकों (IS 4151:2015) को पूरा नहीं करते, वे कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं और सड़क सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
क्या है ये BIS मानक (IS 4151:2015)?
IS 4151:2015 भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित एक महत्वपूर्ण तकनीकी मानक है, जो विशेष रूप से दोपहिया वाहन चालकों के लिए बनाए जाने वाले हेलमेट की गुणवत्ता, सुरक्षा और परीक्षण प्रक्रिया को निर्धारित करता है। इस मानक के अनुसार, हेलमेट का निर्माण ऐसा होना चाहिए कि वह दुर्घटना की स्थिति में चालक के सिर को गंभीर चोट से बचा सके। इसमें हेलमेट की डिज़ाइन, संरचना, उपयोग की गई सामग्री, मजबूती, और सिर पर लगने वाले झटकों को झेलने की क्षमता जैसी विशेषताओं की सख्त जांच की जाती है। IS 4151:2015 मानक के अंतर्गत हेलमेट को कई परीक्षणों से गुजरना होता है, जैसे शॉक एब्जॉर्प्शन (झटका अवशोषण), पैठ रोधी परीक्षण (penetration resistance), स्ट्रैप की मजबूती, विज़न क्लियरेंस, और वेंटिलेशन आदि। यदि कोई हेलमेट इन सभी मानदंडों पर खरा उतरता है, तो BIS उसे प्रमाणित करता है और उस पर ISI मार्क के साथ लाइसेंस नंबर अंकित किया जाता है। यह प्रमाणन उपभोक्ताओं के लिए एक भरोसे का संकेत होता है कि जिस हेलमेट का वे उपयोग कर रहे हैं, वह राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों पर खरा उतरा है। भारत सरकार ने 2021 में हेलमेट निर्माण और बिक्री के लिए IS 4151:2015 के अनुपालन को अनिवार्य कर दिया है, ताकि घटिया और अवैध हेलमेटों को बाजार से हटाया जा सके और सड़क पर दोपहिया चालकों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
क्यों है यह ज़रूरी?
भारत में 21 करोड़ से अधिक दोपहिया वाहन हैं और हेलमेट पहनना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत अनिवार्य है। लेकिन यदि हेलमेट घटिया है, तो वह दुर्घटना के समय जान नहीं बचा पाएगा, बल्कि गंभीर चोट का कारण बन सकता है।
BIS की सख्त कार्रवाई: 500+ हेलमेटों की जांच, 2,500 जब्त
• FY 2024-25 में BIS ने 30 से अधिक छापेमारी की और 500+ हेलमेटों की जांच की।
• दिल्ली में 9 निर्माताओं से 2,500 से ज्यादा गैर-अनुपालक हेलमेट जब्त किए गए।
• 17 रिटेल और सड़क किनारे दुकानों से भी सैकड़ों नकली हेलमेट पकड़े गए।
जागरूकता अभियान: केवल हेलमेट पहनना ही नहीं, सही हेलमेट पहनना ज़रूरी
• DoCA अब इस मुहिम को जन-जागरूकता अभियान में बदल रही है:
• जिलाधिकारियों और डीएम को निर्देश: अवैध हेलमेट बेचने वालों पर विशेष अभियान चलाएं।
• BIS चेन्नई का रोड शो: ISI हेलमेट वितरित कर आम जनता को जागरूक किया गया।
• ‘मानक मित्र’ अभियान: स्वयंसेवक जनता को हेलमेट की गुणवत्ता जांचना सिखा रहे हैं।
BIS Care App से करें हेलमेट की जांच
अब कोई भी उपभोक्ता BIS Care ऐप या BIS पोर्टल के माध्यम से यह आसानी से जांच सकता है कि कोई हेलमेट निर्माता वैध BIS लाइसेंसधारी है या नहीं। इसके अतिरिक्त, इस ऐप पर उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे वे नकली या घटिया उत्पाद की सूचना सीधे BIS को दे सकते हैं। उपभोक्ता जागरूकता को बढ़ाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा ‘क्वालिटी कनेक्ट’ नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान भी चलाया जा रहा है। इस पहल के अंतर्गत 'मानक मित्र' नामक प्रशिक्षित स्वयंसेवक आम नागरिकों से सीधे संवाद कर उन्हें हेलमेट सहित अन्य आवश्यक उत्पादों के अनिवार्य प्रमाणन, ISI मार्क की पहचान, और उपयुक्त उपयोग से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहे हैं। इस तरह की तकनीकी सुविधाओं और जनसंपर्क अभियानों के माध्यम से BIS उपभोक्ताओं को अधिक सक्षम और जागरूक बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
घटिया हेलमेट बेचने वालों पर कानूनी कार्रवाई
• जिन निर्माताओं के लाइसेंस रद्द या समाप्त हो गए हैं और फिर भी वे हेलमेट बेच रहे हैं, उन पर कानूनी कार्रवाई हो रही है।
• बाजार और फुटपाथ पर बिकने वाले सस्ते, चमकदार लेकिन असुरक्षित हेलमेट पर सरकार की नजर है।
आपके लिए संदेश:
• सिर्फ हेलमेट पहनना काफी नहीं, सही हेलमेट पहनना ज़रूरी है।
• कभी भी बिना ISI मार्क वाला हेलमेट न खरीदें।
• सड़क किनारे बिकने वाले सस्ते हेलमेट से बचें।
• BIS Care App पर स्कैन कर जांचें – हेलमेट प्रमाणित है या नहीं।
हेलमेट खरीदते समय ध्यान रखें:
DoCA का लक्ष्य है:
➡️ सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली अनावश्यक मौतों को रोकना।
➡️ हर उपभोक्ता को प्रमाणित सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना।
➡️ फर्जी उत्पादकों को बाजार से हटाना।
देश में हेलमेट पहनने की संस्कृति अब बदल रही है — सिर्फ पहनना नहीं, सही हेलमेट पहनना जरूरी है। आपकी सुरक्षा, आपके परिवार की सुरक्षा है। BIS और उपभोक्ता विभाग की इस मुहिम का हिस्सा बनें और दूसरों को भी जागरूक करें।
The News Grit, 05/07/2025
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