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Showing posts from July, 2025

FASTag के गलत इस्तेमाल पर NHAI सख्त – ‘Loose FASTag’ होंगे ब्लैकलिस्ट!

FASTag के गलत इस्तेमाल पर NHAI सख्त – ‘Loose FASTag’ होंगे ब्लैकलिस्ट!

देशभर में टोल टैक्स प्रणाली को और अधिक तेज़ , पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में एक नया कड़ा कदम उठाया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( NHAI) ने साफ किया है कि अब जो वाहन चालक FASTag को नियमों के अनुसार गाड़ी पर नहीं लगाते , यानी ‘ Loose FASTag ’ या ' हाथ में टैग ' लेकर टोल पार करते हैं — उनके टैग ब्लैकलिस्ट कर दिए जाएंगे। Loose FASTag क्या है ? Loose FASTag क्या है ? ‘Loose FASTag’ का मतलब है वह FASTag जो गाड़ी की विंडस्क्रीन पर ठीक से चिपकाया नहीं गया हो , और जिसे वाहन चालक टोल पार करते समय हाथ में लेकर दिखाते हैं। इस गलत तरीके से उपयोग के कारण कई समस्याएँ उत्पन्न होती हैं: ·          टोल लेन में जाम: स्कैनिंग में अधिक समय लगता है , जिससे लंबी कतारें लग जाती हैं। ·          फर्जी लेन-देन: टैग का दुरुपयोग कर फर्जी चार्जबैक या ट्रांजैक्शन दर्ज कर दिए जाते हैं। ·          इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम का दुरुपयोग: यह प्रणाली बिना रुके टोल भुगतान के ल...

बिहार को रेलवे और डिजिटल सेक्टर में बड़ी सौगात: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की महत्‍वपूर्ण घोषणाएं!!

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने बिहार दौरे के दौरान राज्य के लिए कई अहम घोषणाएं की। इन घोषणाओं का उद्देश्य राज्य में यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाना , रेलवे संपर्क को सशक्त करना और आधारभूत ढांचे को मजबूत करना है। उनका कहना था कि यह पहलें बिहार को एक नई रफ्तार देने और भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक अहम कदम हैं। चार नई अमृत भारत ट्रेनों की घोषणा केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि बिहार के लिए चार नई अमृत भारत ट्रेनें शुरू की जा रही हैं , जो राज्य को देश के विभिन्न हिस्सों से बेहतर रूप से जोड़ेंगी। उन्होंने कहा कि वंदे भारत और नामो भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के बाद यह बिहार के लोगों के लिए प्रधानमंत्री की ओर से एक और विशेष उपहार है। घोषित ट्रेनें निम्नलिखित रूटों पर चलेंगी: ·          पटना से दिल्ली ( रोजाना सेवा) ·          दरभंगा से लखनऊ (गोमती नगर) – सप्ताह में एक बार ·          मालदा से लखनऊ (गोमती नगर) – सप्ताह में एक बार ·   ...

ब्रिक्स 2025: दक्षिण से उभरता नया शक्ति केंद्र!!

 ब्रिक्स 2025 सम्मेलन (17वाँ शिखर सम्मेलन) 6–7 जुलाई 2025 को रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील में आयोजित हुआ। सम्मेलन का मुख्य विषय था 'इंक्लूसिव एंड सस्टेनेबल ग्लोबल साउथ', जिसका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण देशों के लिए अधिक समावेशी, न्यायपूर्ण और सतत शासन ढाँचे की स्थापना करना है। परिवर्तनशील विश्व व्यवस्था में ब्रिक्स के लक्ष्य ब्रिक्स समुदाय ने इस वर्ष की बैठक में बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की दिशा में स्पष्ट संकल्प व्यक्त किया। अमरीका की संरक्षणवादी नीतियों और डॉलर के प्रभुत्व के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देते हुए, सम्मेलन में निम्नलिखित प्रमुख लक्ष्यों को प्राथमिकता दी गई: 1 ग्लोबल गवर्नेंस सुधार - संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं में विकासशील देशों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व की मांग। 2 वित्तीय स्वायत्तता - सदस्यों के बीच लोकल करेंसी में व्यापार बढ़ाने और SWIFT (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) जैसे सिस्टम से निर्भरता कम करने की पहल, जिसमें "ब्रिक्स पे" और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सिस्टम पर चर्चा शामिल रही...

भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में ऐतिहासिक पहल – पहला राष्ट्रीय बायोबैंक शुरू

अब हर भारतीय को मिल सकेगा आनुवंशिक आधार पर व्यक्तिगत इलाज , केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और सीएसआईआर ( Council of Scientific and Industrial Research ) के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने राजधानी स्थित सीएसआईआर-आईजीआईबी ( Institute of Genomics and Integrative Biology ) में भारत के पहले अत्याधुनिक " राष्ट्रीय बायोबैंक" का उद्घाटन किया। इसके साथ ही भारत के स्वदेशी जनसंख्या डेटा अध्ययन (longitudinal population study) की भी शुरुआत की गई। बायोबैंक क्या है ? बायोबैंक एक ऐसा वैज्ञानिक संग्रहण केंद्र होता है , जहाँ आम लोगों से लिए गए रक्त , डीएनए , ऊतक और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को एकत्र कर सुरक्षित रखा जाता है। यह डेटा रोगों की पहचान , इलाज और नई दवाओं के विकास में अहम भूमिका निभाता है। फेनोम इंडिया – भारत का स्वास्थ्य डेटा मिशन यह बायोबैंक " फेनोम इंडिया" परियोजना के तहत शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य है पूरे भारत से 10,000 से अधिक लोगों का जीनोमिक , जीवनशैली और स्वास्थ्य डेटा एकत्र करना। यह मॉडल यूके बायोबैंक से प्रेरित है ...

सिर की सुरक्षा से समझौता नहीं: केवल BIS प्रमाणित हेलमेट का ही करें उपयोग!!

  क्या आप जानते हैं? देश में प्रतिवर्ष हजारों दोपहिया वाहन चालक केवल इसलिए अपनी जान गंवा देते हैं क्योंकि उन्होंने गैर-प्रमाणित या घटिया गुणवत्ता वाले हेलमेट पहने होते हैं। इस गंभीर और खतरनाक प्रवृत्ति को रोकने के लिए उपभोक्ता मामले विभाग (Department of Consumer Affairs) ने अब सीधी और सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। सड़क सुरक्षा को लेकर उठाए गए हालिया कदमों के तहत उपभोक्ता मामले विभाग और भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) ने दोपहिया चालकों से अपील की है कि वे केवल BIS प्रमाणित यानी ISI मार्क वाले हेलमेट का ही उपयोग करें। विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि बिना प्रमाणन वाले हेलमेट न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि सड़क दुर्घटना की स्थिति में जान के लिए भी गंभीर खतरा बन सकते हैं। DoCA की सख्त चेतावनी: सिर्फ BIS प्रमाणित हेलमेट का करें उपयोग उपभोक्ता मामले विभाग और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने सभी दोपहिया वाहन चालकों से आग्रह किया है कि वे केवल ISI मार्क वाले BIS प्रमाणित हेलमेट ही पहनें। विभाग ने कहा है कि जो हेलमेट BIS मानकों (IS 4151:2015) को पूरा नहीं करते, वे कानूनी रूप से प...

भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार की सुपरचार्ज्ड ग्रीन एनर्जी सामग्री!!

भारत के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है , जो आने वाले समय में ऊर्जा प्रणाली को नई दिशा दे सकती है। ऊर्जा भंडारण तकनीक में महत्‍वपूर्ण खोज , LCD चलाने में भी सफल — यह साबित हुआ है बेंगलुरु स्थित नैनो और मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र ( CeNS) और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ( AMU) के वैज्ञानिकों के साझा प्रयास से। दोनों संस्थानों की टीम ने मिलकर एक उन्नत ग्रीन एनर्जी सामग्री विकसित की है , जो सुपरकैपेसिटर ( Supercapacitor) की कार्यक्षमता को नाटकीय रूप से बेहतर बनाती है। यह नई सामग्री न केवल ऊर्जा को तेज़ी से चार्ज और डिस्चार्ज करती है , बल्कि अधिक समय तक संचित भी रख सकती है। खास बात यह है कि इससे निर्मित सुपरकैपेसिटर प्रोटोटाइप ने सफलतापूर्वक एक LCD डिस्प्ले को भी संचालित किया है , जिससे इसके व्यावहारिक उपयोग की पुष्टि होती है। यह खोज भारत की ऊर्जा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि मानी जा रही है। क्या है सुपरकैपेसिटर ? सुपरकैपेसिटर एक उन्नत ऊर्जा भंडारण उपकरण है जो पारंपरिक बैटरियों की तुलना में बहुत तेज़ी से चार्ज और डिस्चार्ज हो सकता है। इसका ...

साइबर ठगी से बचाव के लिए RBI और दूरसंचार विभाग की महत्‍वपूर्ण पहल!!

30 जून 2025 डिजिटल इंडिया की ओर तेज़ी से बढ़ते भारत में साइबर वित्तीय अपराधों से नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक महत्‍वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI) ने सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों , लघु वित्त बैंकों , भुगतान बैंकों और सहकारी बैंकों को निर्देशित किया है कि वे दूरसंचार विभाग ( DoT) द्वारा विकसित " वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक" ( Financial Fraud Risk Indicator – FRI) को अपने सिस्टम में एकीकृत करें। इस महत्वपूर्ण निर्णय का दूरसंचार विभाग ने स्वागत किया है , जो सरकार की विभिन्न एजेंसियों के बीच बढ़ते सहयोग और डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ एकजुट लड़ाई का प्रतीक है। क्या है FRI ( वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक) ? यह एक तकनीकी उपकरण है , जिसे मई 2025 में दूरसंचार विभाग की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य किसी मोबाइल नंबर के आधार पर यह आकलन करना है कि वह नंबर वित्तीय धोखाधड़ी के लिहाज से कितना जोखिमपूर्ण है। यह प्रणाली मोबाइल नंबरों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करती है – मध्यम जोखिम , उच्च जोखिम और बहुत उच्च जोखिम – जिससे संबंधित संस्...