भारत सरकार ने औषधि (फार्मास्यूटिकल) क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने के लिए कई योजनाओं पर काम तेज कर दिया है। संसद में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार , इन पहलों का उद्देश्य न केवल दवाओं के कच्चे माल ( API/KSM/DI) का घरेलू उत्पादन बढ़ाना है , बल्कि उच्च-मूल्य वाली दवाओं और शोध-नवाचार को भी मज़बूत करना है। थोक औषधियों के लिए PLI योजना औषधि विभाग ने आयात पर निर्भरता घटाने और प्रमुख कच्चे माल ( API, KSM, DI) के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ₹ 6 , 940 करोड़ की PLI योजना शुरू की है , जिसके तहत 32 फार्मा कंपनियों को 48 परियोजनाओं के लिए चुना गया है। इस योजना के अंतर्गत अब तक ₹ 4 , 709 करोड़ का निवेश हो चुका है , जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। इसके परिणामस्वरूप घरेलू स्तर पर 26 उत्पादों का उत्पादन प्रारंभ हो गया है। साथ ही ₹ 1 , 962 करोड़ की बिक्री दर्ज की गई है , जिसमें ₹ 479 करोड़ का निर्यात भी शामिल है। इस योजना से ₹ 1 , 483 करोड़ के आयात की बचत हुई है , जिससे देश की आत्मनिर्भरता को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला है। फार्मास्यूटिकल्स के लिए PLI योजना भारत को उच्च-मूल्य वाली दवा...
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