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नागालैंड में जल सुरक्षा को नई दिशा—मिशन वाटरशेड की शुरुआत!

औषधीय फसलों में मध्यप्रदेश का दबदबा, देश में 44% उत्पादन यहीं से!!

मध्यप्रदेश औषधीय फसलों के उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। राज्य में वर्ष 2024-25 में कुल 46,837 हेक्टेयर क्षेत्र में ईसबगोल , अश्वगंधा , सफेद मूसली , कोलियस सहित कई महत्वपूर्ण औषधीय फसलों की खेती की गई है। औषधीय पौधों की बढ़ती घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग के चलते किसान पारंपरिक खेती से हटकर इन उच्च-मूल्य फसलों की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। राज्य के कृषि विभाग के अनुसार , वर्ष 2024-25 में लगभग 1.25 लाख मीट्रिक टन औषधीय फसलों का उत्पादन हुआ है। यह उत्पादन वर्ष 2021-22 के 1.16 लाख मीट्रिक टन की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। वहीं , बोनी क्षेत्र भी लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2022-23 में जहां 44,324 हेक्टेयर में बोनी हुई थी , वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 46,837 हेक्टेयर हो गया , यानी 2,512 हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है। देश में 44% औषधीय उत्पादन मध्यप्रदेश में भारत में उत्पादित कुल औषधीय फसलों में से 44 प्रतिशत उत्पादन अकेले मध्यप्रदेश में होता है , जो राज्य की राष्ट्रीय भूमिका को रेखांकित करता है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को अनुदान , तकनीकी सहायता...

पेट्रोलियम मंत्रालय का स्पष्टीकरण: ई-20 से वाहनों के प्रदर्शन, सुरक्षा और बीमा पर नहीं पड़ेगा असर!!

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E-20) के माइलेज, वाहन के प्रदर्शन और जीवनकाल पर प्रभाव को लेकर उठी चिंताओं को संबोधित करते हुए विस्तृत परामर्श जारी किया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ई-20 का वाहनों के प्रदर्शन, सुरक्षा या बीमा कवरेज पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता। इसके साथ ही इस कार्यक्रम को भारत की ऊर्जा सुरक्षा, किसानों की आय वृद्धि और पर्यावरणीय लक्ष्यों की दिशा में उठाया गया अत्यंत महत्वपूर्ण कदम बताया गया। ई-20 ईंधन एक मिश्रित बायो-ईंधन है, जिसमें 20% इथेनॉल और 80% पेट्रोल होता है। इथेनॉल गन्ना, मक्का, गेहूं, ज्वार, बाजरा जैसी फसलों या गन्ने के शीरे और मक्का के स्टार्च से बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल पेट्रोल में मिलाने से वाहनों से निकलने वाला कार्बन उत्सर्जन कम होता है, प्रदूषण घटता है और कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता भी घटती है। ई-20 किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बनता है और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम भारत ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य की दिशा में सरकार ने ई-20 ज...