भारत ने वर्ष 2030 तक 6 G तकनीक को लागू करने और इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण और रणनीतिक कदम उठाए हैं। संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि सरकार इस दिशा में शोध , विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि भारत न केवल 6 G नेटवर्क के लिए आवश्यक तकनीकी ढांचे का निर्माण कर रहा है , बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों और साझेदारियों पर भी ध्यान दे रहा है , ताकि देश इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सके। इसके तहत पायलट प्रोजेक्ट , परीक्षण नेटवर्क , स्टार्टअप और उद्योग-शोध संस्थानों के साथ सहयोग जैसी पहलें की जा रही हैं। आईटीयू-आर की अनुशंसा और 6G की दिशा अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के रेडियो संचार क्षेत्र (आईटीयू-आर) ने अनुशंसा M.2160 जारी की है , जिसका शीर्षक है “ 2030 और उसके बाद के लिए आईएमटी के भविष्य के विकास की रूपरेखा और समग्र उद्देश्य”। इस अनुशंसा में 6G या आईएमटी- 2030 के लिए दृष्टिकोण और रोडमैप बताया गया है। इसमें 6G तकनीक को 5G की तुलन...
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