पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा के लिए नई तकनीक भारत के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा स्मार्ट सेंसर विकसित किया है जो विस्फोटक हाइड्रोजन गैस और जहरीली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) जैसी खतरनाक गैसों का बेहद कम मात्रा में भी पता लगा सकता है। यह सेंसर न केवल सुरक्षा के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाले समय में स्वच्छ ऊर्जा और हरित परिवर्तन (Green Transition) के लक्ष्यों को हासिल करने में भी अहम योगदान देगा। हाइड्रोजन: भविष्य का ईंधन, लेकिन खतरे के साथ हाइड्रोजन को भविष्य का स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल ईंधन माना जा रहा है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन के लिए ईंधन सेल में, परिवहन क्षेत्र की गाड़ियों को चलाने में और विभिन्न औद्योगिक कार्यों में तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन इसके साथ एक बड़ी चुनौती भी जुड़ी है। हाइड्रोजन गैस बेहद ज्वलनशील और विस्फोटक होती है, और कमरे के तापमान पर भी इसकी थोड़ी-सी मात्रा का रिसाव गंभीर हादसे का कारण बन सकता है। यही वजह है कि हाइड्रोजन के भंडारण, परिवहन और उपयोग के दौरान इसका विश्वसनीय और संवेदनशील सेंसर होना बेहद आवश्यक है। पारंपरिक सेंसरों की समस्या अभी तक उपलब्ध गैस सेंसरों म...
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