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नागालैंड में जल सुरक्षा को नई दिशा—मिशन वाटरशेड की शुरुआत!

वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को ढ़ालते इतिहास के साम्राज्यवादी अध्याय!!

द्वितीय विश्व युद्ध मानव इतिहास की सबसे भयानक और निर्णायक घटनाओं में से एक है। यह युद्ध केवल सैन्य ताक़तों की भिड़ंत नहीं था , बल्कि साम्राज्यवादी शक्तियों की महत्वाकांक्षाओं , उपनिवेशित समाजों की पीड़ा और वैश्विक व्यवस्था के पुनर्निर्माण का भी साक्षी था। यूरोप में नाज़ीवाद और फासीवाद को हराने की कहानियाँ जितनी बार दोहराई जाती हैं , उतनी ही बार एशिया और अफ्रीका के दुखद प्रसंगों को भुला दिया जाता है। यह युद्ध इतिहास का ऐसा कोश है जिसमें असंख्य कुत्सित अध्याय दर्ज हैं नरसंहार , यौन शोषण , रासायनिक प्रयोग , जबरन मजदूरी और उपनिवेशित समाजों का शोषण। किंतु विजेताओं ने हमें वही पन्ने पढ़ने दिए जो उनकी राजनीतिक जरूरतों के अनुरूप थे। हमें नायकों और खलनायकों की वही परिभाषाएँ दी गईं जो पश्चिमी शक्तियों के हितों से मेल खाती थीं। इसी वजह से नानकिंग नरसंहार , यूनिट 731 जैसे जापानी प्रयोग , चीन और सोवियत संघ की भयावह जनहानि या अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी उपनिवेशों की त्रासदी कभी मुख्यधारा की स्मृति का हिस्सा नहीं बन पाई। सोवियत संघ की भूमिका इस युद्ध में सबसे महत्वपूर्ण रही। जर्मन नाज़ी सेना का मुकाबला ...