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ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

सेप्सिस का मिनटों में पता लगाने वाला नया नैनो-सेंसर विकसित: भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता!!

कालीकट , जुलाई 2025: गंभीर संक्रमण सेप्सिस की कुछ ही मिनटों में पहचान करने वाला एक नया , सस्ता और अत्यधिक संवेदनशील नैनो-सेंसर विकसित किया गया है। यह खोज न केवल रोगियों की जान बचाने में मददगार होगी , बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में भी अत्यंत उपयोगी साबित हो सकती है। यह नई तकनीक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान , कालीकट ( NIT Calicut) के वैज्ञानिकों की टीम ने विकसित की है , जिसका नेतृत्व प्रोफेसर डॉ. एन. संध्यारानी कर रही हैं। इस टीम ने एंडोटॉक्सिन नामक एक विषैले तत्व की त्वरित पहचान के लिए आठ अलग-अलग सेंसर आर्किटेक्चर और एक पोर्टेबल डिवाइस तैयार किया है। सेप्सिस क्या है और इसका पता कैसे लगाया जाता है ? सेप्सिस एक जानलेवा स्थिति होती है , जो शरीर में संक्रमण फैलने के कारण होती है। यह हालत अंगों के फेल होने , शॉक और मृत्यु तक पहुंच सकती है। सेप्सिस के इलाज में समय ही सबसे अहम भूमिका निभाता है। इसका पता एंडोटॉक्सिन जैसे बायोमार्कर से लगाया जा सकता है , जो ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया की बाहरी झिल्ली में पाया जाता है। इसकी मौजूदगी से यह संकेत मिलता है कि स...

लद्दाख में दिखी उत्तरी रोशनी (Northern Lights): भारतीय वैज्ञानिकों ने सौर विस्फोटों की जटिल श्रृंखला का किया खुलासा!!

मई 2024 की दुर्लभ खगोलीय घटना ने चौंकाया भारत के लद्दाख क्षेत्र में रहने वालों को एक अद्भुत और बेहद दुर्लभ नजारा देखने को मिला - उत्तरी ध्रुवीय रोशनी ( Northern Lights या ऑरोरा बोरेलिस)। आमतौर पर यह खगोलीय दृश्य कनाडा , नॉर्वे और आइसलैंड जैसे उच्च अक्षांश वाले देशों में देखा जाता है , लेकिन पहली बार भारत के आकाश में यह चमकता हुआ चमत्कार नजर आया। अब वैज्ञानिकों ने इस रहस्य से पर्दा हटाया है: यह दृश्य सूर्य पर हुए छह शक्तिशाली और परस्पर क्रियाशील सौर विस्फोटों ( Coronal Mass Ejections - CMEs) का परिणाम था। CME: सूर्य से निकली अद्भुत ऊर्जा Coronal Mass Ejection (CME) सूर्य की सबसे बाहरी परत " कोरोना" से निकलने वाला तेज़ गति से फैला हुआ प्‍लाजमा विस्फोट होता है , जिसमें गर्म गैसें , आवेशित कण , और तीव्र चुंबकीय क्षेत्र शामिल होते हैं। जब ये विस्फोट सीधे पृथ्वी की ओर आते हैं , तो वे भू-चुंबकीय तूफान ( Geomagnetic Storm) पैदा करते हैं। इसका प्रभाव पृथ्वी पर मौजूद सैटेलाइट संचालन , जीपीएस , कम्युनिकेशन नेटवर्क , और बिजली ग्रिड पर पड़ सकता है। इससे रेडियो तरंगों में रुकावट , सैटेल...