भारतीय नौसेना ने सोमवार को अपने दूसरे पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले जल के युद्धपोत ( Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft - ASW-SWC) आईएनएस आन्द्रोत को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित एक भव्य समारोह में विधिवत शामिल किया। यह आयोजन भारत की बढ़ती समुद्री आत्मनिर्भरता और नवोन्मेषी रक्षा प्रौद्योगिकियों का प्रतीक बना। इस समारोह की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने की। समारोह में नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी , गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) , कोलकाता के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। तकनीकी विशेषताएँ और क्षमताएँ आईएनएस आन्द्रोत की लंबाई 77 मीटर है और इसकी विस्थापन क्षमता लगभग 1,500 टन है। इसे विशेष रूप से तटीय और उथले जलराशि में पनडुब्बी रोधी अभियान संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पोत एक अत्याधुनिक पनडुब्बी शिकारी की तरह कार्य करता है , जो उन्नत हथियार , सेंसर प्रणाली और संचार तकनीकों से सुसज्जित है। इन तकनीकों के माध्यम से यह जहाज जल सतह के नीचे मौजूद खतरों का सटीक पता लगाने...
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