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ओलंपिक स्वर्ण से सेना तक: नीरज चोपड़ा बने लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद)!!

ओलंपिक स्वर्ण से सेना तक: नीरज चोपड़ा बने लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद)!!

भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) के पद का औपचारिक प्रतीक चिन्ह आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक , नई दिल्ली में आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रदान किया। इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी , प्रादेशिक सेना के वरिष्ठ अधिकारी तथा नीरज चोपड़ा के परिवारजन उपस्थित रहे। समारोह के दौरान रक्षा मंत्री ने नीरज चोपड़ा को “दृढ़ता , देशभक्ति और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की भारतीय भावना का आदर्श उदाहरण” बताया। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा अनुशासन , समर्पण और राष्ट्रीय गौरव के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक हैं , जो न केवल खेल जगत बल्कि सशस्त्र बलों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। भारतीय सेना में गौरवपूर्ण जुड़ाव नीरज चोपड़ा का सेना से रिश्ता कोई नया नहीं है। वर्ष 2016 में वे भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और राजपूताना राइफल्स में अपनी सेवाएं दीं। यह वही रेजिमेंट है , जो भारतीय सेना की सबसे पुरानी और गौरवशाली रेजिमेंट्स में से एक मानी जाती है। उनकी समर्पण भावना और खेल उपल...

यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल हुए भारत के 7 अनोखे स्थल – क्या आपने इनके बारे में सुना है?

भारत ने यूनेस्को की संभावित विश्व विरासत सूची में सात नए प्राकृतिक स्थलों को शामिल कर एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है इससे देश के उन स्थलों की संख्या 62 से बढ़कर 69 हो गई। ये कदम देश की जैविक और भूवैज्ञानिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर मजबूती से पेश करने की दिशा में एक रणनीतिक प्रयास है। शामिल हुए नए स्थल 1.महाराष्ट्र – पंचगनी और महाबलेश्वर स्थित डेक्कन ट्रैप: दुनिया के कुछ सर्वोत्तम संरक्षित और अध्ययन किए गए लावा प्रवाहों का घर। यह स्थल विशाल डेक्कन ट्रैप का हिस्सा है और कोयना वन्यजीव अभयारण्य के भीतर स्थित है , जो पहले से ही यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है। 2. कर्नाटक – सेंट मैरी द्वीप समूह: दुर्लभ स्तंभाकार बेसाल्टिक चट्टान संरचनाओं वाला यह द्वीप समूह उत्तर क्रेटेशियस काल (लगभग 85 मिलियन वर्ष पूर्व) का भूवैज्ञानिक चित्रण प्रस्तुत करता है। 3.मेघालय – मेघालय युग की गुफाएं: यहां की आश्चर्यजनक गुफा प्रणालियां , विशेष रूप से माव्लुह गुफा , होलोसीन युग में "मेघालय युग" के लिए वैश्विक संदर्भ बिंदु हैं। ये गुफाएं महत्वपूर्ण जलवायु और भूवैज्ञानिक परिवर्तनों को दर्शाती ह...