जलवायु परिवर्तन की बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत ने ऊर्जा और औद्योगिक क्षेत्रों से होने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने देश का पहला ‘कार्बन कैप्चर, उपयोग एवं भंडारण (CCUS) अनुसंधान एवं विकास रोडमैप’ जारी किया है, जिसे भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने लॉन्च किया। यह रोडमैप भारत के नेट-जीरो 2070 लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण तकनीकी और रणनीतिक दस्तावेज माना जा रहा है। स्थायी भविष्य की ओर निर्णायक कदम – PSA रोडमैप जारी करते हुए प्रो. सूद ने इसे वैश्विक सहयोग, नवाचार और जलवायु समाधान में दक्षता बढ़ाने वाला दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा कि CCUS केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि “विकसित भारत@2047” के विजन के अनुरूप वह निर्णायक कदम है, जो भारत को एक विश्वसनीय जलवायु भागीदार बनाएगा। DST की अग्रणी भूमिका और 7 वर्षों के अनुभव पर आधारित रोडमैप DST के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि विभाग पिछले सात वर्षों से CCUS अनुसंधान को सुदृढ़ करने में कार्यरत है। नए रोडमैप में-...
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