राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल करते हुए टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और करियर निर्माण के लिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में किया। इस अवसर पर वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक एवं संयुक्त सीईओ डॉ. जफर खान और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
शिक्षा तक समान पहुँच देने का प्रयास
एनएचएआई ने
वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के साथ मिलकर यह योजना शुरू की है,
जिसका मकसद टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा उपलब्ध कराना है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं को दूर करना, सामाजिक-आर्थिक भेदों को कम करना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के
छात्रों, जिनमें निम्न-आय वाले परिवारों की लड़कियाँ,
पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित
जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र
शामिल हैं, के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच
प्रदान करना है।
एनएचएआई का
मानना है कि शिक्षा ही वह साधन है, जिससे
आर्थिक और सामाजिक अंतर को कम किया जा सकता है। इसलिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ का
उद्देश्य वित्तीय मदद, करियर मार्गदर्शन और कौशल विकास के जरिए
इन बच्चों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है।
कितना
फंड और किसे मिलेगा?
इस योजना के
पहले चरण के लिए 1 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है,
जो जुलाई 2025 से मार्च 2026 तक चलेगा। इस अवधि में कक्षा 11 से
लेकर स्नातक अंतिम वर्ष तक के 500 छात्रों को शामिल किया जाएगा। प्रत्येक छात्र को
वित्त वर्ष 2025-26 में 12,000 रुपये की वार्षिक छात्रवृत्ति
प्रदान की जाएगी, जबकि स्नातकोत्तर और उच्च शिक्षा की तैयारी
करने वाले 50 मेधावी छात्रों को 50,000 रुपये की विशेष
छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस प्रकार यह योजना न केवल स्कूली स्तर के बाद के छात्रों
को सहयोग देगी, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा तक पहुँचाने में भी
सहायक सिद्ध होगी।
सिर्फ
आर्थिक मदद ही नहीं, समग्र सहयोग भी
प्रोजेक्ट
आरोहण का लक्ष्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं है। इसमें छात्रों के लिए कई और
सुविधाएँ भी जोड़ी गई हैं, जैसे –
·
संरचित मार्गदर्शन (Structured
Mentorship): छात्रों को अनुभवी
लोगों से मार्गदर्शन मिलेगा।
·
कौशल-निर्माण
कार्यशालाएँ (Skill-building Workshops):
नई-नई क्षमताएँ और व्यावहारिक कौशल सिखाए जाएँगे।
·
करियर गाइडेंस (Career
Guidance): छात्रों को उच्च शिक्षा, नौकरी और उद्यमिता
(Entrepreneurship) के विकल्पों पर सही दिशा
दी जाएगी।
·
प्रगति ट्रैकिंग (Progress
Tracking): छात्रों की पढ़ाई और विकास पर लगातार
नजर रखी जाएगी ताकि उन्हें समय-समय पर सही सहयोग मिल सके।
आवेदन
प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
छात्रवृत्ति
के लिए आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगा। आवेदन करते समय छात्रों
को शैक्षणिक रिकॉर्ड, आय प्रमाण पत्र,
जाति प्रमाण पत्र और पहचान पत्र जैसे दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
चयन
प्रक्रिया को पारदर्शी और समावेशी बनाया गया है, ताकि योग्य छात्रों को ही अवसर मिले। इसके अलावा, एक
नवीनीकरण तंत्र (Renewal Mechanism) भी रखा गया है, जिससे अच्छे प्रदर्शन करने वाले छात्रों को लगातार समर्थन मिलता रहे।
अधिकारियों
ने क्या कहा?
एनएचएआई
अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने इस अवसर पर कहा –‘प्रोजेक्ट
आरोहण’ उन परिवारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है जो रोजाना हमारे
राष्ट्रीय राजमार्गों को गतिशील रखते हैं। उनके बच्चों की शिक्षा में निवेश करके
हम ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं, जहाँ ये युवा आने वाले
दशक में भारत के विकास को नई दिशा देंगे।
वहीं वर्टिस
इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक एवं संयुक्त सीईओ डॉ. जफ़र खान ने कहा
– वर्टिस में हमारा मानना है कि बुनियादी ढाँचे का निर्माण केवल सड़कों और पुलों
तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि मानव क्षमता के
निर्माण के साथ होना चाहिए। प्रोजेक्ट आरोहण इसी सोच का हिस्सा है। इससे न सिर्फ़
छात्रों को लाभ होगा, बल्कि परिवारों और स्थानीय
अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
देशभर
में होगा असर
एनएचएआई ने
यह परियोजना राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू करने की योजना बनाई है। भारत में फैले
राष्ट्रीय राजमार्गों पर मौजूद टोल प्लाज़ा का एक बड़ा नेटवर्क है। इस नेटवर्क से
जुड़े कर्मचारियों के बच्चों तक यह योजना पहुँचेगी। इस तरह,
‘प्रोजेक्ट आरोहण’ देश भर में हजारों टोल प्लाज़ा कर्मियों के
परिवारों के लिए शिक्षा और करियर के नए अवसर खोलेगा। इससे न केवल व्यक्तिगत
छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण में भी
सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
‘प्रोजेक्ट
आरोहण’ केवल एक शिक्षा-सहयोग पहल नहीं है, बल्कि यह शिक्षा,
समान अवसर और समावेशन की दिशा में एनएचएआई का एक ठोस कदम है। आर्थिक
रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को शिक्षा और करियर में आगे बढ़ने का अवसर देकर
यह परियोजना भारत के भविष्य को उजवल बनाने में मदद करेगी।
राजमार्गों
पर तैनात कर्मचारियों की सेवा जितनी महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण उनके बच्चों का उज्ज्वल भविष्य भी है। इस पहल से यह
संदेश जाता है कि देश के विकास में योगदान देने वाले हर व्यक्ति और उनके परिवार को
सम्मान और सहयोग मिलना चाहिए।
The News Grit, 30/08/2025
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