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अलसी के डंठल: कृषि से वस्त्र उद्योग तक का सफर!!

भारत में कृषि न केवल खाद्य सुरक्षा का माध्यम है, बल्कि ग्रामीण आजीविका का एक महत्वपूर्ण आधार भी है। इस दिशा में एक अनूठी पहल करते हुए सिजेन्टा फाउंडेशन ने अलसी के डंठलों के नवाचारपूर्ण उपयोग की दिशा में कदम बढ़ाया है। आमतौर पर फसल कटाई के बाद अलसी के डंठलों को जलावन के रूप में उपयोग किया जाता था, लेकिन अब यह डंठल वस्त्र उद्योग के लिए बहुमूल्य संसाधन बनेंगे।


सिजेन्टा फाउंडेशन की पहल

सिजेन्टा फाउंडेशन ने मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत अलसी के डंठलों को उचित मूल्य पर किसानों से खरीदा जाएगा। इससे न केवल किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। इस पहल के माध्यम से कृषि अवशेषों का व्यावसायिक उपयोग बढ़ेगा, जिससे संसाधनों की बर्बादी रुकेगी और एक नई अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा।


महिला सशक्तिकरण में योगदान

सिजेन्टा फाउंडेशन ने आजीविका मिशन समूहों के माध्यम से 512 महिलाओं को कृषि उद्यमी के रूप में आत्मनिर्भर बनाया है। यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा रहा है।

अलसी डंठल का उपयोग वस्त्र उद्योग में

वस्त्र उद्योग में प्राकृतिक रेशे की मांग लगातार बढ़ रही है। अलसी के डंठलों से प्राकृतिक रेशे का उत्पादन किया जाएगा, जो वस्त्र निर्माण इकाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल होगा। इससे पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा क्योंकि यह एक जैविक उत्पाद है और इसका उपयोग टिकाऊ फैशन को बढ़ावा देने में किया जा सकता है।


किसानों को आर्थिक लाभ

रबी फसलों में अलसी एक प्रमुख फसल है और किसानों को प्रति एकड़ लगभग 8 से 10 क्विंटल डंठल प्राप्त होते हैं। अब इन डंठलों को उचित मूल्य पर बेचा जा सकेगा, जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। यह पहल उन्हें अपनी फसल के अवशेषों से भी आर्थिक लाभ प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है।

पर्यावरण संरक्षण में योगदान

यह नवाचार पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आमतौर पर फसल अवशेषों को जलाने से प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन इस नई पहल से इन अवशेषों का सही उपयोग होगा और प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सकेगा।

सिजेन्टा फाउंडेशन की यह पहल एक क्रांतिकारी कदम है जो न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगी, बल्कि महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कृषि अवशेषों का वस्त्र उद्योग में उपयोग एक अभिनव सोच को दर्शाता है, जो भविष्य में स्थायी विकास के नए अवसर प्रदान कर सकता है। इस प्रकार, अलसी के डंठल अब सिर्फ कृषि का उपोत्पाद नहीं रहेंगे, बल्कि एक नई अर्थव्यवस्था के निर्माण में सहायक सिद्ध होंगे।

The News Grit,22/02/2025                                        (सोर्स पी.आर.ओ सागर)

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