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ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

भारत-सिंगापुर सैन्य अभ्यास 'बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025' जोधपुर में शुरू!!

भारत और सिंगापुर के बीच गहराते रक्षा संबंधों का प्रतीक बन चुका सैन्य अभ्यास 'एक्सरसाइज बोल्ड कुरुक्षेत्र' एक बार फिर से शुरू हो गया है। इस अभ्यास का 14वां संस्करण आज राजस्थान के जोधपुर में आरंभ हुआ, जो कि 4 अगस्त 2025 तक चलेगा। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को मजबूती देने और सैन्य समन्वय को नए स्तर तक पहुँचाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

दोनों सेनाओं की भागीदारी

इस बार के अभ्यास में सिंगापुर सशस्त्र बलों की 4 Singapore Armoured Brigade की 42 Singapore Armoured Regiment तथा भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट भाग ले रही हैं। यह एक उच्च स्तरीय यंत्रीकृत संयुक्त अभ्यास है जिसमें युद्ध रणनीतियों का आदान-प्रदान, संयुक्त संचालन और तकनीकी समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

अभ्यास का स्वरूप: टेबल टॉप और कंप्यूटर आधारित युद्धाभ्यास

बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025 एक टेबल टॉप अभ्यास और कंप्यूटर सिमुलेशन आधारित युद्धाभ्यास के रूप में संचालित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य यंत्रीकृत युद्ध के लिए संचालन प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करना और सैन्य कमांड तथा नियंत्रण क्षमताओं को परखना है। अभ्यास के अंत में भारतीय सेना द्वारा अपने उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे तकनीकी क्षमता और कार्यकुशलता का प्रदर्शन होगा।

उद्घाटन समारोह और नेतृत्व

उद्घाटन समारोह में दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे। भारतीय सैन्य दल का नेतृत्व मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अर्जुन गणपति कर रहे हैं, वहीं सिंगापुर की ओर से 42वीं सिंगापुर आर्मर्ड रेजिमेंट के बटालियन कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल खिव झी यूंग उपस्थित हैं।

इसके अलावा, 340वीं (I) मैकेनाइज्ड ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर प्रीतम और 4th Singapore Armoured Brigade के कमांडर कर्नल वोंग ज़ेंग यू मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे।

प्रतीकात्मक ध्वज हस्तांतरण

इस संयुक्त अभ्यास के दौरान एक विशेष प्रतीकात्मक रेजिमेंटल ध्वज हस्तांतरण समारोह का आयोजन भी किया गया। 42 सिंगापुर आर्मर्ड रेजिमेंट द्वारा भारतीय दल को रेजिमेंटल ध्वज सौंपा गया, जो कि अभ्यास की अवधि में कमान के औपचारिक हस्तांतरण का प्रतीक है। यह सैन्य परंपराओं के सम्मान के साथ-साथ दो सेनाओं के बीच परस्पर विश्वास का सूचक है।

अभ्यास के उद्देश्य और महत्व

'एक्सरसाइज बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025' का प्रमुख उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के अंतर्गत दोनों सेनाओं की इंटरऑपरेबिलिटी (परस्पर संचालन क्षमता) और संयुक्त प्रशिक्षण दक्षता को बढ़ाना है। यह अभ्यास न केवल संयुक्त सैन्य संचालन को बेहतर बनाएगा बल्कि दोनों देशों के बीच रक्षा कूटनीति को भी गहराई देगा। यह अभ्यास सामरिक (tactical) और रणनीतिक (strategic) दोनों स्तरों पर आपसी समझ और सहयोग को नया आयाम देगा। इससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता, विश्वास और सामरिक संतुलन की दिशा में सकारात्मक संदेश जाएगा।

जोधपुर में शुरू हुआ यह सैन्य अभ्यास भारत और सिंगापुर के बीच न केवल सैन्य दृष्टि से सहयोग को सुदृढ़ करता है, बल्कि दोनों देशों की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीतियों में गहराते तालमेल को भी दर्शाता है। बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025 आने वाले वर्षों में भारत-सिंगापुर रक्षा संबंधों को नई दिशा और मजबूती प्रदान करेगा।

The News Grit, 28/07/2025

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