प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के साथ एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (Comprehensive Economic and Trade Agreement) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इससे भारत के किसानों, कारीगरों, छोटे उद्योगों और पेशेवरों को सीधा लाभ मिलेगा। यह समझौता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर की उपस्थिति में हुआ। भारत की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन की ओर से व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इस पर हस्ताक्षर किए।
भारत की चीज़ें अब बिना टैक्स के बिकेंगी ब्रिटेन में
भारत और ब्रिटेन
के बीच हुए CETA समझौते के तहत अब भारत के लगभग
99% उत्पादों को शून्य आयात शुल्क (Zero Tariff) के साथ ब्रिटेन में बेचा जा सकेगा। यानी इन सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा,
जिससे भारतीय उत्पाद ब्रिटिश बाज़ार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे।
इस सूची में कपड़ा, चमड़ा और जूते, समुद्री
उत्पाद (जैसे झींगा मछली), खिलौने, खेल
के सामान, रत्न और आभूषण, ऑटो पार्ट्स और
इंजीनियरिंग सामान जैसे प्रमुख श्रम-प्रधान और तेज़ी से बढ़ते क्षेत्र शामिल हैं। इसका
सीधा फायदा भारत के निर्यात को मिलेगा, जो बड़े पैमाने पर कारीगरों,
मजदूरों और एमएसएमई इकाइयों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
सेवा
क्षेत्र में भी मिलेगा बड़ा फायदा
भारत
के IT,
फाइनेंस, एजुकेशन, टेलीकॉम,
लॉ जैसे क्षेत्रों को अब
ब्रिटेन में बेहतर बाज़ार और ज़्यादा मौके
मिलेंगे। इससे भारत के
इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वकील,
योग प्रशिक्षक, शेफ और अन्य पेशेवरों को ब्रिटेन
में काम करने का
रास्ता आसान होगा।
वीज़ा
और रोजगार में राहत
भारतीय पेशेवरों के लिए वीज़ा नियमों को आसान और सरल बनाया गया है। इसका लाभ उन सभी लोगों को मिलेगा जो ब्रिटेन में काम करना चाहते हैं। इसमें शामिल हैं – बड़ी कंपनियों के कर्मचारी, कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले प्रोफेशनल्स, और स्वतंत्र रूप से काम करने वाले योग प्रशिक्षक, संगीतज्ञ, शेफ आदि। अब इन सभी श्रेणियों के लिए वीज़ा मंज़ूरी जल्दी और सुगम तरीके से दी जाएगी। इससे भारतीय प्रतिभाओं को ब्रिटेन में काम करने के अधिक अवसर मिलेंगे, साथ ही सीमा-पार सहयोग और अनुभव का आदान-प्रदान भी तेज़ी से बढ़ेगा।
भारतीय कर्मचारियों को ब्रिटेन में मिलेगा बड़ा
फायदा
भारत और
ब्रिटेन ने एक खास समझौता किया है जिसे दोहरा
अंशदान अभिसमय (Double
Contribution Convention – DCC) कहा
जाता है। इसके तहत अब जो भारतीय
कर्मचारी ब्रिटेन में काम करेंगे, उन्हें
और उनकी कंपनियों को तीन साल तक
वहां की
सामाजिक सुरक्षा (Social
Security) का टैक्स नहीं देना होगा। इसका सीधा फायदा यह होगा कि कर्मचारियों की सैलरी ज़्यादा मिलेगी,
क्योंकि उनकी तनख्वाह से टैक्स नहीं कटेगा।
महिलाओं,
किसानों और स्टार्टअप को भी मिलेगा मौका
भारत-ब्रिटेन
व्यापार समझौता सिर्फ बड़ी कंपनियों के लिए ही नहीं, बल्कि महिला उद्यमियों, किसानों, छोटे कारोबारियों (MSME) और
स्टार्टअप्स के लिए भी
नए रास्ते खोलता है। अब इन्हें वैश्विक बाज़ारों से जुड़ने का मौका मिलेगा,
जिससे वे अपने उत्पाद और सेवाएं विदेशों में भी बेच सकेंगे। इसके
अलावा, यह समझौता नवाचार (Innovation)
और पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों
(सस्टेनेबल
टेक्नोलॉजी) को बढ़ावा देगा। साथ ही, व्यापार में आने वाली तकनीकी और
कागज़ी अड़चनों को भी आसान किया जाएगा, ताकि छोटे उद्यम आसानी से अंतरराष्ट्रीय व्यापार कर सकें।
भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ यह समझौता
व्यापार,
सेवाओं, रोजगार और प्रतिभा के आदान-प्रदान के क्षेत्र
में एक नया अध्याय साबित हो सकता है। भारतीय निर्यात को नई गति मिलेगी और देश को वैश्विक
आर्थिक ताकत बनने की दिशा में मजबूती मिलेगी। यह समझौता दोनों देशों के बीच सहयोग को
और गहरा करेगा और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ावा
देगा।
The News Grit, 26/07/2025
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