थैलेसीमिया
से जूझ रहे बच्चों और उनके परिवारों के लिए एक राहत भरी खबर है। केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के
संयुक्त प्रयास से थैलेसीमिया बाल सेवा योजना (TBSY) के अंतर्गत
अब 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे बोन मैरो ट्रांसप्लांट (BMT) जैसी जटिल और
महंगी प्रक्रिया आम लोगों के लिए भी सुलभ हो सकेगी।
क्या है थैलेसीमिया?
थैलेसीमिया
एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें शरीर में
पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं बनता। इसकी वजह से रोगी को बार-बार खून
चढ़ाने की आवश्यकता होती है। लंबे समय तक इलाज महंगा होने के कारण कई परिवार इलाज
अधूरा छोड़ देते हैं।
कहां
मिलेगा इलाज?
इस योजना के
तहत देश भर के 17 सूचीबद्ध अस्पतालों में योग्य
बच्चों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा दी जा रही है। इनमें प्रमुख 10 अस्पतालों की सूची इस प्रकार है:
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All India Institute of Medical
Sciences (AIIMS), नई दिल्ली
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Christian Medical College (CMC), लुधियाना
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Christian Medical College (CMC), वेल्लोर
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Narayana Hrudyalaya, बेंगलुरु
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Post Graduate Institute of Medical
Education & Research (PGIMER), चंडीगढ़
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Rajiv Gandhi Cancer Institute &
Research Centre (RGCIRC), नई दिल्ली
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Sanjay Gandhi Post Graduate
Institute of Medical Sciences (SGPGI), लखनऊ
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Tata Medical Centre (TMC), कोलकाता
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Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital,
मुंबई
·
MCGM – CTC, PHO & BMT Centre, मुंबई इत्यादि।
क्या
कहते हैं आंकड़े?
2025 में
जुलाई तक सिकल सेल पोर्टल पर 4,361 थैलेसीमिया मरीजों का
पंजीकरण हो चुका है। इनमें से 2,579 बच्चे 12 साल से कम उम्र के हैं। वर्ष 2023 में थैलेसीमिया के
लिए एक अलग मॉड्यूल जोड़कर राज्यों को मरीजों का रिकॉर्ड रखने और इलाज की
मॉनिटरिंग में सुविधा दी गई है।
राज्यों
की भूमिका भी अहम
थैलेसीमिया
की रोकथाम और इलाज की मुख्य ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की
है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत
केंद्र सरकार राज्यों को विभिन्न मदों में सहायता देती है:
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ब्लड बैंक की सुविधा
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डे केयर सेंटर
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आवश्यक दवाएं और
प्रयोगशाला सेवाएं
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जन जागरूकता अभियान
·
स्वास्थ्य कर्मियों
का प्रशिक्षण
यह सभी
सहायता राज्य सरकारों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं के आधार पर
दी जाती है।
सरकार
का जवाब
केंद्रीय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने यह जानकारी राज्यसभा
में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत कोल इंडिया लिमिटेड
की CSR
निधि का उपयोग करके गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त उपचार दिया
जा रहा है।
देश में
चयनित अस्पतालों में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट की
उन्नत सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि
उन्हें जीवन रक्षक उपचार समय पर मिल सके।
थैलेसीमिया जैसे गंभीर रोग के इलाज में सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों की यह साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ़ जीवनरक्षा संभव होगी, बल्कि समाज में स्वास्थ्य समानता का रास्ता भी मजबूत होगा। जरूरत है कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव और हर परिवार तक पहुंचे, ताकि कोई बच्चा इलाज से वंचित न रहे।
The News Grit, 29/07/2025
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