Skip to main content

ओलंपिक स्वर्ण से सेना तक: नीरज चोपड़ा बने लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद)!!

बढ़ते एशिया को रोकने में कोरियाई उपमहाद्वीप की उथल पुथल के भरोसे अमरीकी थिंकटैंक!!

आधुनिक वित्तीय और आर्थिक प्रणाली औपनिवेशिक यूरोप और नवऔपनिवेशिक अमरीकी आधिपत्य की देन है। किंतु 21वीं सदी आते-आते एशिया की नई उभरती अर्थव्यवस्थाओं चीन, भारत, जापान, कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया आदि ने यह साबित कर दिया कि यह सदी एशिया की है। यही कारण है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एशिया में बढ़ते प्रभाव और असंतुलन को देखते हुए लगातार तनावपूर्ण बयानबाज़ी कर रहे हैं। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्युंग से उनकी हालिया मुलाक़ात इसी पृष्ठभूमि में बेहद महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है।

शांति की पहल और ट्रम्प टॉवर का सपना

व्हाइट हाउस में हुई मुलाक़ात के दौरान दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन से संवाद स्थापित करने की इच्छा जताई। ली ने कहा कि यदि विभाजित कोरिया में शांति स्थापित हो जाती है तो यह ऐतिहासिक होगा। उन्होंने व्यंग्य और संकेत दोनों में जोड़ा कि “आप (ट्रम्प) उत्तर कोरिया में ट्रम्प टॉवर बना सकते हैं, जहाँ मैं आकर गोल्फ़ खेलूँगा।” ट्रम्प ने भी पुरानी मित्रता याद दिलाई और कहा कि वे किम जोंग उन से पहले ही तीन बार मिल चुके हैं और भविष्य में दोबारा मिलने की उम्मीद रखते हैं।

जमीन की मिल्कियत पर विवाद

ट्रम्प ने बातचीत के दौरान अप्रत्याशित माँग रखी कि दक्षिण कोरिया की वह ज़मीन, जहाँ अमेरिकी सैनिक अड्डे हैं, उसे अमेरिका की स्थायी संपत्ति बनाया जाए। अभी लगभग 28,500 अमेरिकी सैनिक दक्षिण कोरिया में तैनात हैं और युद्ध की स्थिति में दक्षिण कोरियाई सेना का सेनापति अमेरिकी जनरल होता है। ट्रम्प का कहना था कि अमेरिका ने इन अड्डों पर भारी धन खर्च किया है, इसलिए “लीज़” की बजाय सीधा स्वामित्व होना चाहिए। यह मांग सियोल में चिंता का कारण बनी है क्योंकि इससे कोरियाई संप्रभुता पर सवाल उठ सकता है।

ली जे-म्युंग की नीतिगत प्राथमिकताएँ

नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ली जे-म्युंग, जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-योल के महाभियोग और गिरफ्तारी के बाद सत्ता संभाली, अब तक उत्तर कोरिया के प्रति अपेक्षाकृत उदार रुख़ दिखा रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि वे 2018 में हुई “19 सितम्बर सैन्य समझौते” को पुनर्जीवित करेंगे, जिसके तहत दोनों कोरिया सीमा क्षेत्र में सैन्य गतिविधियाँ स्थगित करते हैं। उनका मानना है कि इस कदम से उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच विश्वास बहाल होगा। हालांकि, प्योंगयांग ने इसे संयुक्त सैन्य अभ्यासों के मद्देनज़र पाखंड करार दिया है।

अमेरिकी टैरिफ़ और आर्थिक तनाव

मुलाक़ात से पहले ही ट्रम्प ने दक्षिण कोरियाई निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिसे बाद में घटाकर 15% किया गया। इस पर दोनों देशों के बीच समझौता हुआ। दक्षिण कोरिया ने बदले में अमेरिका में लगभग 350 अरब डॉलर के निवेश का प्रस्ताव दिया 150 अरब शिपबिल्डिंग और 200 अरब सेमीकंडक्टर क्षेत्र में। बावजूद इसके, कोरियाई उद्योग जगत चिंतित है कि टैरिफ़ से उनके छोटे-मध्यम निर्यातकों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

एशियाई अर्थव्यवस्था और अमेरिकी बेचैनी

विश्लेषकों का कहना है कि यह पूरा घटनाक्रम केवल सैन्य या द्विपक्षीय रिश्तों तक सीमित नहीं है। असल में यह अमेरिकी आधिपत्य और एशियाई उभार के बीच की टकराहट है। जब चीन बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव के जरिए एशिया-अफ्रीका में निवेश बढ़ा रहा है और भारत-वियतनाम जैसे देश नई आर्थिक ताक़त बन रहे हैं, तब अमेरिका अपने पारंपरिक सहयोगियों पर दबाव बनाकर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है।

ट्रम्प की जमीन पर स्वामित्व की मांग और कोरिया पर नया टैरिफ़ इसी बेचैनी को दर्शाते हैं। यह परिघटना केवल कोरिया की राजनीति तक सीमित नहीं बल्कि बदलते वैश्विक शक्ति-संतुलन का संकेत है।

The News Grit, 26/08/2025

Comments

Popular posts from this blog

राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में रानी दुर्गावती महाविद्यालय में आयोजित होगा भव्य कार्यक्रम!!

बालाघाट – रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा में इस वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसंबर) के उपलक्ष्य में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (MPCST) और राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (NCSTC) द्वारा प्रायोजित किया गया है। श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर उनके गणित के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय योगदानों को समर्पित यह आयोजन 19 और 20 दिसंबर को होगा। प्राचार्य डॉ. एल एल घोरमारे ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि 19 दिसंबर को गणित के क्षेत्र में श्रीनिवास रामानुजन के योगदानों पर आधारित कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इनमें पोस्टर प्रेजेंटेशन, प्रश्नमंच, और भाषण प्रतियोगिता शामिल हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को गणित की महत्ता और श्रीनिवास रामानुजन की खोजों के बारे में जानकारी मिलेगी। 20 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम में गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन इतिहास और उनके योगदान पर एक विशिष्ट अतिथि द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, उनके जीवन और कार्यों पर आधारित एक वृत्...

स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम: रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा में सफल आयोजन!!

दिनांक 20 जनवरी 2025 को रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा के वनस्पति विभाग द्वारा एक उल्लेखनीय स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय अरण्य भारतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बैहर के 35 विद्यार्थी और प्राध्यापकगण शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल. एल. घोरमारे द्वारा स्टूडेंट एक्सचेंज गतिविधियों के महत्व पर जानकारी देने से हुई। आइक्यूएसी इंचार्ज डॉ. अरुण वैद्य ने विद्यार्थियों को इस प्रकार के कार्यक्रमों से मिलने वाले लाभों को साझा किया। वनस्पति विभाग की प्रमुख डॉ. जय श्री सूर्यवंशी ने माइक्रोऑर्गेनिज़्म कल्चर और प्रयोगशाला उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसी क्रम में बैहर महाविद्यालय की डॉ. पूजा गुप्ता ने क्यूआर कोड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट के माध्यम से छात्रों को नई तकनीकों से अवगत कराया। भौतिक शास्त्र विभाग से श्रीमती रंजना कुशवाहा ने शैक्षणिक गतिविधियों के विकास में इस प्रकार के कार्यक्रमों की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में छात्रों के बीच आपसी ज्ञान-विनिमय के साथ-साथ डेमोंस्ट्रेशन सत्र आयोजित किए गए। रा...

प्रोजेक्ट आरोहण: NHAI की नई योजना, लेकिन किसके लिए?

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI) ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल करते हुए टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और करियर निर्माण के लिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में किया। इस अवसर पर वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक एवं संयुक्त सीईओ डॉ. जफर खान और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। शिक्षा तक समान पहुँच देने का प्रयास एनएचएआई ने वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के साथ मिलकर यह योजना शुरू की है , जिसका मकसद टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं को दूर करना , सामाजिक-आर्थिक भेदों को कम करना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों , जिनमें निम्न-आय वाले परिवारों की लड़कियाँ , पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी तथा अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र शामिल हैं , के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच प्रदान करना है। एनएचएआई का मानना है कि शिक्षा ही वह साध...