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ओलंपिक स्वर्ण से सेना तक: नीरज चोपड़ा बने लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद)!!

सागर को कैंसर अस्पताल की सौगात, मातृ-शिशु स्वास्थ्य सुधार की ओर बढ़ता मजबूत कदम!!

राज्य सरकार ने बुंदेलखंड अंचल के लिए एक ऐतिहासिक स्वास्थ्य क्रांति की शुरुआत करते हुए सागर में 80 करोड़ रुपये की लागत से टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई की तर्ज पर अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की स्थापना की घोषणा की है। साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाने और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की भी रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।

यह घोषणा राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्‍ल ने सागर जिला अस्पताल परिसर में आयोजित लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में की। इस अवसर पर उन्होंने 24 करोड़ रुपये से अधिक लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।

महिला-शिशु रोग विभाग और पब्लिक हेल्थ लैब का शुभारंभ

उपमुख्यमंत्री शुक्‍ल ने 100 बिस्तरों वाले नवीन महिला एवं शिशु रोग विभाग और एकीकृत पब्लिक हेल्थ लैब का लोकार्पण किया। उन्होंने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में क्रिटिकल केयर यूनिट के निर्माण हेतु भूमि पूजन भी किया। इस अवसर पर जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधि, अधिकारी, चिकित्सकगण एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।

कैंसर अस्पताल: सागर को मिलेगा स्वास्थ्य का बड़ा तोहफा

राज्य सरकार ने सागर में 80 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की स्थापना का निर्णय लिया है। यह अस्पताल जी प्‍लस 6 भवन में स्थापित होगा और आगामी माह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसका भूमि पूजन करेंगे। अस्पताल में टाटा अस्पताल, मुंबई की तर्ज पर सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे बुंदेलखंड के मरीजों को इलाज के लिए भोपाल, दिल्ली या मुंबई नहीं जाना पड़ेगा।

सरकार देगी भवन, डॉक्टर डालें आत्मा

उपमुख्यमंत्री श्री शुक्‍ल ने कहा, “सरकार भवन और संसाधनों के लिए धन दे सकती है, लेकिन उस भवन में आत्मा डालने का कार्य डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का है।” उन्होंने डॉक्टरों से आह्वान किया कि वे समाज का विश्वास जीतें और सेवा के भाव से कार्य करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार 30,000 से अधिक मेडिकल और पैरामेडिकल कर्मियों की भर्ती कर रही है।

मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए अभियान

मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर अब भी एक गंभीर चिंता का विषय है। शुक्‍ल ने कहा कि इसके समाधान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। गर्भावस्था के पहले महीने से ही जाँच, पंजीयन और टीकाकरण अनिवार्य रूप से किया जाएगा। आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम और मेडिकल अधिकारियों को प्रशिक्षित कर सशक्त बनाया जाएगा।

टेलीमेडिसिन को मिलेगा बढ़ावा

टेलीमेडिसिन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए भी योजना बनाई गई है। प्रत्येक स्वास्थ्य परीक्षण के लिए टेलीमेडिसिन सेवा प्रदाता डॉक्टर को ₹50 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले मरीजों को समय पर परामर्श और उपचार मिल सकेगा।

सागर में स्वास्थ्य अधोसंरचना को लेकर सरकार की यह पहल न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि पूरे बुंदेलखंड अंचल को सुदृढ़ और समावेशी स्वास्थ्य तंत्र प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लक्षित रणनीति, टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार और कैंसर जैसे जटिल रोगों के इलाज हेतु अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना — ये सभी कदम इस सोच को बल देते हैं कि इलाज केवल पहुंच तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसकी गुणवत्ता और गरिमा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

The News Grit, 04/08/2025

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