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SSC चयन परीक्षाओं में भारी गड़बड़ी: Eduquity की नाकामी बनी छात्रों के आंदोलन की वजह!!

SSC की हालिया चयन परीक्षाओं की ज़िम्मेदारी जब नई एजेंसी 'Eduquity' को सौंपी गई, तो छात्रों को तकनीकी गड़बड़ियों, परीक्षा रद्द होने और परीक्षा केंद्रों पर भारी अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के साथ ही प्रशासनिक लापरवाही ने हालात को और गंभीर बना दिया। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर #SSCMisManagement हैशटैग के तहत व्यापक विरोध देखने को मिला है।

एडुक्विटी – SSC परीक्षा एजेंसी क्यों बनी संकट का गढ़?

·         SSC ने Tata Consultancy Services (TCS) की जगह Eduquity Career Technologies को परीक्षा एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया।

·         इस एजेंसी ने ₹220 प्रति उम्मीदवार की दर से टेंडर जीता, जबकि TCS ₹350 प्रति उम्मीदवार के लिए प्रतियोगी कीमत रखता था। सूक्ष्म आर्थिक लाभ को प्राथमिकता देने के चलते गुणवत्ता से समझौता हुआ माना जा रहा है।

·         Eduquity की पिछली रिपोर्ट्स उज्जवल नहीं: इसे पहले काले चिट्ठे में डाला जा चुका था और कई राज्यों में पेपर लीक व धोखाधड़ी के मामलों में संदिग्ध पाया गया है।

तकनीकी और प्रशासनिक अव्यवस्था

  • परीक्षा में एडमिट कार्ड देर से जारी, केंद्र गलत आवंटित, सर्वर क्रैश, माउस / सिस्टम हैंग जैसे तकनीकी दिक्कतें सामने आईं।
  • कई उम्मीदवारों को 500 किमी से अधिक दूर परीक्षा केंद्र भेजा गया, जिससे आर्थिक और मानसिक बोझ बढ़ा।
  • कई छात्रों ने बताया कि केंद्रों पर स्टाफ ने शिकायत पर अभद्र व्यवहार किया।

“Delhi Chalo” आंदोलन और छात्रों की मांगें

  • 31 जुलाई को दिल्‍ली जंतर मंतर व CGO कॉम्प्लेक्स में हजारों SSC अभ्यर्थी और शिक्षक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए आए। पर इस प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज किया, प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, और कई को बसों में घसीटकर डाला गया।
  • वायरल वीडियो में दिखा है कि पुलिस ने छात्रों को पीछे धकेला, कुछ घायल भी हुए, और आंदोलनकारियों की आवाज़ दबाने की कोशिश की गई।
  • Students का कहना है:
    हमें खींचकर बस में डाला गया, लाठीचार्ज हुआ, और हमारी शांतिपूर्ण आवाज़ को दबाया गया।”

छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं:

·         Eduquity के ठेके को रद्द कर TCS को पुनः नियुक्त किया जाए।

·         सभी OMR शीट्स और रिकॉर्ड्स सार्वजनिक किए जाएं।

·         SSC और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।

·         आने वाली भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और भरोसेमंद प्रणाली होनी चाहिए।

SSC का यह निर्णय कि TCS के स्थान पर Eduquity को परीक्षा एजेंसी बनाया जाए – कम लागत का विकल्प जरूर था, लेकिन परिणामस्वरूप परीक्षा घोटाला, तकनीकी अराजकता और छात्रों के लिए एक बड़ा संकट बन गया। कई अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर #SSCMisManagement के जरिए अपनी नाराज़गी व्यक्त की है और गंभीर आरोप लगाए हैं। कि Eduquity न तो तकनीकी रूप से तैयार थी और न ही परीक्षा संचालन के मानकों पर खरी उतरी। परीक्षा केंद्रों पर खराब उपकरण, बिजली व्यवस्था की कमी और प्रशासनिक लापरवाही आम रही। लेकिन यह संकट केवल SSC तक सीमित नहीं है। बीते एक वर्ष में परीक्षा व्यवस्था पूरे देश में विश्वास के संकट से गुजर रही है:

·         live hindustan news द्वारा NEET 2024 पेपर लीक: 4 जून 2024 को आयोजित हुई इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक की पुष्टि खुद NTA (National Testing Agency) द्वारा की गई। बिहार और गुजरात में FIR दर्ज हुई, और कई अभ्यर्थियों को पहले से उत्तरपत्र मिलने की पुष्टि ने NEET की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए।

·         Adda 24/7 द्वारा CBSE 10+2 Board Exams: मार्च-अप्रैल 2025 में 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक की अफ़वाहें फैलीं, विशेषकर फिजीकल ऐजुकेशन और Physics जैसे विषयों को लेकर। हालांकि CBSE ने इन रिपोर्ट्स को "अफवाहें" करार दिया, लेकिन छात्रों और अभिभावकों में संशय बना रहा।

·         jansatta news द्वारा Jharkhand Board (JAC) 10वीं परीक्षा: झारखंड शैक्षणिक परिषद (JAC) की वेबसाइट पर दी गई सूचना के अनुसार, अंग्रेज़ी सहित कई विषयों के प्रश्नपत्र लीक हुए और परीक्षा को स्थगित या दोबारा कराना पड़ा। यह घटना मार्च 2025 की शुरुआत में सामने आई।

·         the indian express द्वारा तेलंगाना SSC बोर्ड परीक्षा तारीख: 21 मार्च 2025 स्थान नलगोंडा जि‍ला एक नाबालिग छात्र ने परीक्षा के दौरान पेपर की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की, जो एक निजी शिक्षक और फोटोकॉपी संचालक तक पहुंची। पांच लोग गिरफ्तार हुए और मामला सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत दर्ज किया गया।

इन सब घटनाओं ने मिलकर यह साफ़ किया है कि भारत की परीक्षा प्रणाली केवल तकनीकी नहीं, बल्कि नैतिक और प्रशासनिक विफलताओं की शिकार हो रही है। अब हमारी जवाबदारी बनती है कि छात्रों के बीच से उठती आवाजो के जवाब दें – क्या SSC और अन्य परीक्षा निकाय केवल आर्थिक लाभ को छात्रों के भविष्य व भरोसे से ऊपर रखेंगे? या फिर इन घटनाओं ने यह सच्चाई उजागर कर दी है कि अब परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करना अनिवार्य और तत्काल हो गया है?

The News Grit, 01/08/2025

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