केंद्र सरकार ने देशभर में 57 नए
केंद्रीय विद्यालय (KV) खोलने को मंजूरी दी है। इस पर लगभग 5862.55 करोड़ रुपये का
खर्च आएगा, जो 2026-27 से अगले नौ सालों तक का व्यय कवर करेगा। इस योजना में 2585.52
करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 3277.03 करोड़ रुपये परिचालन व्यय के रूप में
शामिल हैं। खास बात यह है कि इन नए विद्यालयों में पहली बार बाल वाटिका
(प्री-प्राइमरी, 3 साल) की भी शुरुआत की जाएगी। इसका
मुख्य उद्देश्य केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते
हुए उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
केंद्रीय विद्यालयों की शुरुआत और उद्देश्य
भारत सरकार ने नवंबर 1962
में केंद्रीय विद्यालयों की योजना को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य था कि केंद्र
सरकार के स्थानांतरणीय और गैर-स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों को समान स्तर की
शिक्षा मिले। इसके बाद "केंद्रीय विद्यालय संगठन" की स्थापना की गई,
जो
अब शिक्षा मंत्रालय की एक इकाई के रूप में काम कर रहा है। नई
केंद्रीय विद्यालयों को खोलना एक निरंतर प्रक्रिया है। मंत्रालय और KVS को
नए विद्यालय खोलने के लिए विभिन्न प्रायोजक प्राधिकरणों से प्रस्ताव नियमित रूप से
मिलते रहते हैं।
वर्तमान स्थिति
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देश में अब तक 1288
केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं, जिनमें से 3 विदेशों में
हैं – मास्को, काठमांडू और तेहरान।
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30 जून 2025 तक इन स्कूलों
में लगभग 13.62 लाख छात्र नामांकित हैं।
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पहले स्वीकृत 85 केंद्रीय
विद्यालयों के साथ, यह तात्कालिक प्रस्ताव देशभर में संतुलित विस्तार सुनिश्चित करता है।
पूर्वोत्तर और
पहाड़ी क्षेत्रों में KV का विस्तार
प्रस्ताव में 17 राज्यों और केंद्र
शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है, ताकि देशभर में केंद्रीय विद्यालयों का समान रूप से विस्तार हो सके।
इनमें से 20 ऐसे जिले हैं जहाँ अभी कोई KV नहीं है, और
इन जिलों में नए विद्यालय खोले जाने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त, आकांक्षी जिलों में 14 KV, नक्सल प्रभावित जिलों में 4 KV, और पूर्वोत्तर तथा पहाड़ी क्षेत्रों
में 5 KV खोलने का
प्रस्ताव है। यह कदम न केवल इन क्षेत्रों में शिक्षा की पहुँच बढ़ाएगा, बल्कि समावेशिता और राष्ट्रीय एकीकरण
को भी मजबूत करेगा, साथ
ही पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में संतुलित विकास सुनिश्चित करेगा।
छात्रों और रोजगार
पर असर
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एक पूर्ण केंद्रीय विद्यालय की क्षमता
लगभग 1520 विद्यार्थी होती है।
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इन 57 नए विद्यालयों
से लगभग 86,640 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
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प्रत्येक विद्यालय में लगभग 81
स्टाफ की आवश्यकता होती है, यानी नए 57 KV से 4617
स्थायी रोजगार सृजित होंगे।
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निर्माण और अन्य गतिविधियों से कई
अस्थायी और कुशल/अकुशल रोजगार भी पैदा होंगे।
शिक्षा की
गुणवत्ता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति
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केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए
आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।
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913 KV को PM SHRI स्कूल के रूप
में नामित किया गया है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन
को दर्शाता है।
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इन विद्यालयों का लक्ष्य है – उच्च
गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा और नवीन
शिक्षण पद्धतियों के माध्यम से बच्चों की सर्वांगीण वृद्धि करना।
क्यों खास है यह
प्रस्ताव?
केंद्रीय विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता, नवीन शिक्षण पद्धतियों और अत्याधुनिक
बुनियादी ढाँचे के कारण सबसे अधिक मांग वाले स्कूलों में से हैं। हर साल बाल
वाटिका और कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या लगातार
बढ़ रही है, और
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में इनके छात्रों का प्रदर्शन सभी शिक्षा प्रणालियों में
लगातार शीर्ष स्थान पर रहा है। यह प्रस्ताव उन राज्यों और जिलों में शिक्षा का
कवरेज बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है, जो पहले कम प्रतिनिधित्व वाले थे। बड़े संख्या में केंद्र सरकार के
कर्मचारियों वाले क्षेत्रों में नए स्कूल खोलकर शिक्षा की पहुँच मजबूत होगी, साथ ही भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण
और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में KV का नेटवर्क फैलाया जाएगा।
यह प्रस्ताव देशभर में गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा की पहुँच बढ़ाने और केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों के लिए बेहतर अवसर
सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। नए केंद्रीय विद्यालय राष्ट्रीय एकीकरण, समावेशिता और रोजगार सृजन को भी सुदृढ़
करेंगे।
The News Grti, 02/10/2025

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