Skip to main content

नागालैंड में जल सुरक्षा को नई दिशा—मिशन वाटरशेड की शुरुआत!

भोपाल में होम्योपैथिक चिकित्सालय में लकवा मरीजों के लिए विशेषज्ञ इकाई का शुभारंभ!!

भोपाल: शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, भोपाल ने लकवा ग्रस्त मरीजों के लिए एक विशेषज्ञ इकाई स्थापित की है। यह पहल भारत सरकार और केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से की गई है और इसे रोगियों के संपूर्ण पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस इकाई का उद्देश्य लकवा से प्रभावित मरीजों को समग्र उपचार और जीवन गुणवत्ता में सुधार की सुविधा प्रदान करना है।

इस विशेषज्ञ इकाई में लकवा मरीजों का उपचार होम्योपैथिक दवा, फिजियोथैरेपी, आहार चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से किया जाएगा। विशेषज्ञ चिकित्सक दल मरीजों का व्यक्तिगत मूल्यांकन कर उनकी चिकित्सकीय आवश्यकता के अनुसार उपचार योजना तैयार करेगा। इकाई में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे गंभीर अवस्था में आए मरीजों का निरंतर चिकित्सकीय निगरानी और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।

मरीजों को उपचार और सेवाओं का लाभ लेने के लिए अपॉइंटमेंट लेना अनिवार्य है। इसके लिए दूरभाष क्रमांक 0755-299 2970 पर शासकीय कार्यदिवसों के समय संपर्क किया जा सकता है। प्रत्येक कार्यदिवस पर अपॉइंटमेंट के अनुसार मरीज का परीक्षण और उपचार शुरू किया जाएगा।

कार्यक्षेत्र और समय:

·         बाह्य मरीज: प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक

·         भर्ती मरीज: 24 घंटे

प्रधानाचार्य डॉ. एस.के. मिश्रा ने बताया कि यह प्रदेश का पहला ऐसा केंद्र है, जहां शासकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय द्वारा लकवा ग्रस्त मरीजों के लिए विशेषज्ञ इकाई की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से मरीजों को संपूर्ण चिकित्सा और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी। इस इकाई में विशेषज्ञ फिजियोथैरेपी लैब का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे मरीजों का पुनर्वास अधिक प्रभावी और व्यवस्थित तरीके से किया जा सके।

डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि लकवा जैसी गंभीर समस्या अक्सर उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उत्पन्न होती है। मरीज इस स्थिति को अपने जीवन का स्थायी हिस्सा मान लेते हैं और अपने दैनिक कार्यों में सीमित रहने लगते हैं। इस विशेषज्ञ इकाई का मुख्य उद्देश्य मरीजों को सामान्य जीवनचर्या और दैनिक क्रियाओं में लौटने में सहायता देना है। इसके लिए व्यक्तिगत आहार, जीवनशैली, फिजियोथैरेपी और होम्योपैथिक उपचार का समन्वित उपयोग किया जाएगा।

फिजियोथैरेपी विशेषज्ञ डॉ. अनंत सिंह ने बताया कि वर्तमान विज्ञान और तकनीक के पास ऐसे सरल और प्रभावी उपाय हैं, जिनके माध्यम से लकवा मरीज न केवल अपनी सामान्य जीवनचर्या में लौट सकते हैं, बल्कि भविष्य में इस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से रक्षा और बचाव भी सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही समय पर उपचार और पुनर्वास से मरीजों में स्वास्थ्य सुधार, आत्मनिर्भरता और जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय बदलाव देखा जा सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस इकाई की स्थापना केवल भोपाल तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आसपास के जिलों और क्षेत्रों के लकवा ग्रस्त मरीजों के लिए होम्योपैथिक और फिजियोथैरेपी आधारित समग्र उपचार की नई दिशा प्रस्तुत करेगी। इससे मरीजों को एक ही स्थान पर विशेषज्ञ मूल्यांकन, उपचार और पुनर्वास का लाभ मिलेगा।

इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि शासकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय केवल उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि लकवा ग्रस्त रोगियों के पुनर्वास और स्वास्थ्य सुरक्षा को भी प्राथमिकता देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसे होम्योपैथिक और फिजियोथैरेपी आधारित विशेषज्ञ केंद्र देश के अन्य प्रदेशों और शहरों में भी स्थापित किए जाने चाहिए, ताकि लकवा ग्रस्त मरीजों को इस तरह की समग्र और विशेषज्ञ सुविधाएं पूरे देश में उपलब्ध हो सकें, न केवल इलाज, बल्कि पुनर्वास और स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से।

The News Grit, 10/10/2025

Comments

Popular posts from this blog

स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम: रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा में सफल आयोजन!!

दिनांक 20 जनवरी 2025 को रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा के वनस्पति विभाग द्वारा एक उल्लेखनीय स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय अरण्य भारतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बैहर के 35 विद्यार्थी और प्राध्यापकगण शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल. एल. घोरमारे द्वारा स्टूडेंट एक्सचेंज गतिविधियों के महत्व पर जानकारी देने से हुई। आइक्यूएसी इंचार्ज डॉ. अरुण वैद्य ने विद्यार्थियों को इस प्रकार के कार्यक्रमों से मिलने वाले लाभों को साझा किया। वनस्पति विभाग की प्रमुख डॉ. जय श्री सूर्यवंशी ने माइक्रोऑर्गेनिज़्म कल्चर और प्रयोगशाला उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसी क्रम में बैहर महाविद्यालय की डॉ. पूजा गुप्ता ने क्यूआर कोड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट के माध्यम से छात्रों को नई तकनीकों से अवगत कराया। भौतिक शास्त्र विभाग से श्रीमती रंजना कुशवाहा ने शैक्षणिक गतिविधियों के विकास में इस प्रकार के कार्यक्रमों की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में छात्रों के बीच आपसी ज्ञान-विनिमय के साथ-साथ डेमोंस्ट्रेशन सत्र आयोजित किए गए। रा...

प्रोजेक्ट आरोहण: NHAI की नई योजना, लेकिन किसके लिए?

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI) ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल करते हुए टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और करियर निर्माण के लिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में किया। इस अवसर पर वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक एवं संयुक्त सीईओ डॉ. जफर खान और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। शिक्षा तक समान पहुँच देने का प्रयास एनएचएआई ने वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के साथ मिलकर यह योजना शुरू की है , जिसका मकसद टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं को दूर करना , सामाजिक-आर्थिक भेदों को कम करना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों , जिनमें निम्न-आय वाले परिवारों की लड़कियाँ , पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी तथा अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र शामिल हैं , के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच प्रदान करना है। एनएचएआई का मानना है कि शिक्षा ही वह साध...

अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाया, लाखों नौकरियों पर संकट!!

अमेरिका ने बुधवार से भारत से आने वाले अधिकांश आयातित उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है। यह कदम अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा ( CBP) द्वारा जारी नोटिस के बाद प्रभावी हुआ , जिसमें कहा गया था कि यह आदेश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 6 अगस्त 2025 के कार्यकारी आदेश 14329 के तहत लागू किया जा रहा है। इस आदेश का शीर्षक था – “रूसी संघ की सरकार द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए खतरों को संबोधित करना।” किन उत्पादों पर लागू और किन्हें छूट सीबीपी के अनुसार , यह शुल्क उन सभी भारतीय वस्तुओं पर लागू होगा जो अमेरिका में उपभोग के लिए आयातित की जाती हैं। हालांकि , लोहा , इस्पात , एल्युमीनियम , वाहन , तांबा और इनके कुछ व्युत्पन्न उत्पादों को इस अतिरिक्त ड्यूटी से बाहर रखा गया है। वहीं , अमेरिकी बाजार में भारत के करीब 30.2% निर्यात (लगभग 27.6 अरब डॉलर) को शुल्क मुक्त प्रवेश मिलता रहेगा। इसमें फार्मा ( 12.7 अरब डॉलर) , इलेक्ट्रॉनिक्स ( 8.18 अरब डॉलर) , रिफाइंड लाइट ऑयल और एविएशन टरबाइन फ्यूल ( 3.29 अरब डॉलर) , पुस्तकें और ब्रोशर ( 165.9 मिलियन डॉलर) तथा प्लास्टिक ( 155.1 मिलियन...