भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) के पद का औपचारिक प्रतीक चिन्ह आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रदान किया। इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, प्रादेशिक सेना के वरिष्ठ अधिकारी तथा नीरज चोपड़ा के परिवारजन उपस्थित रहे।
समारोह के दौरान रक्षा मंत्री ने नीरज चोपड़ा को “दृढ़ता, देशभक्ति और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की भारतीय भावना का आदर्श उदाहरण” बताया। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रीय गौरव के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक हैं, जो न केवल खेल जगत बल्कि सशस्त्र बलों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं।
भारतीय
सेना में गौरवपूर्ण जुड़ाव
नीरज चोपड़ा
का सेना से रिश्ता कोई नया नहीं है। वर्ष 2016
में वे भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और राजपूताना राइफल्स में अपनी सेवाएं दीं।
यह वही रेजिमेंट है, जो भारतीय सेना की सबसे पुरानी और
गौरवशाली रेजिमेंट्स में से एक मानी जाती है। उनकी समर्पण भावना और खेल उपलब्धियों
ने सेना में अनुशासन, परिश्रम और देशप्रेम की भावना को नई
ऊँचाइयाँ दीं।
उनके योगदान
और अद्भुत उपलब्धियों को देखते हुए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें 16 अप्रैल 2025 को प्रादेशिक सेना में मानद कमीशन
प्रदान किया था। आज रक्षा मंत्री द्वारा प्रतीक चिन्ह प्रदान किए जाने के साथ इस
सम्मान को औपचारिक रूप से पूर्णता मिली।
खेल
जगत में स्वर्णिम उपलब्धियाँ
हरियाणा के
पानीपत जिले के खंडरा गांव में 24 दिसंबर 1997 को जन्मे नीरज चोपड़ा ने बहुत कम उम्र में अपने खेल जीवन की शुरुआत की
थी। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
भारत का गौरव बढ़ाने वाला एथलीट बना दिया।
उन्होंने 2020 के टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए ट्रैक एंड फील्ड में ओलंपिक स्वर्ण
पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बने। इसके बाद उन्होंने अपनी सफलता का सिलसिला
जारी रखा और 2024 के पेरिस ओलंपिक में रजत पदक तथा 2023 की विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर विश्व मंच पर भारत
का नाम रोशन किया।
नीरज ने
एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और डायमंड लीग
स्पर्धाओं में भी कई स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। वर्ष 2025
में 90.23 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो भारतीय खेल
इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज है। यह प्रदर्शन उन्हें विश्व के
शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ियों की श्रेणी में स्थापित करता है।
सम्मान और अलंकरण
नीरज चोपड़ा
को उनकी असाधारण उपलब्धियों और देश के प्रति योगदान के लिए अनेक राष्ट्रीय और
सैन्य अलंकरणों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें पद्मश्री,
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन
पुरस्कार, परम विशिष्ट सेवा पदक (PVSM) और विशिष्ट सेवा पदक (VSM) जैसे सम्मान प्राप्त हैं।
यह सभी पुरस्कार
न केवल उनके खेल कौशल की पहचान हैं, बल्कि
उनके व्यक्तित्व में समाहित अनुशासन, देशभक्ति और समर्पण की
भावना को भी दर्शाते हैं।
रक्षा
मंत्री के शब्दों में नीरज की प्रेरक छवि
रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा -
“लेफ्टिनेंट
कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा उन भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो सपनों को साकार
करने के लिए परिश्रम और निष्ठा का मार्ग अपनाते हैं। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि
चाहे खेल का मैदान हो या देश की सेवा का क्षेत्र अनुशासन और दृढ़ता से सब कुछ संभव
है।”
खेल
और सेना - दोनों का गौरव
नीरज चोपड़ा
का यह सम्मान खेल और सेना, दोनों क्षेत्रों के
लिए गौरव का विषय है। एक ओर जहाँ वे खेल जगत में भारत के गौरव प्रतीक हैं, वहीं दूसरी ओर सेना में उनका जुड़ाव युवाओं में देशसेवा की भावना को मजबूत
करता है। लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा की यह उपलब्धि इस बात का उदाहरण है
कि खेल और राष्ट्रसेवा दोनों एक ही धारा के दो किनारे हैं, जो
एक ही उद्देश्य “भारत का गौरव” की ओर अग्रसर हैं।
नीरज चोपड़ा
का मानद सैन्य सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है,
बल्कि यह भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का दीपस्तंभ है। उनके
व्यक्तित्व में खेल का जोश, सैनिक का अनुशासन और एक सच्चे
भारतीय की देशभक्ति एक साथ दिखाई देती है। लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा अब
न केवल मैदान में स्वर्ण जीतने वाले खिलाड़ी हैं, बल्कि
भारतीय सेना के आदर्श प्रतिनिधि भी हैं जो हर भारतीय को यह सिखाते हैं कि “अगर
लक्ष्य ऊँचा हो और मन दृढ़ हो, तो सफलता निश्चित है।”
The News Grit, 22/10/2025


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