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ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

स्वदेशी तकनीक से बना INS निस्तार भारतीय नौसेना में शामिल, पनडुब्बी बचाव में माहिर!!

भारतीय नौसेना ने समुद्र की गहराइयों में राहत और बचाव अभियानों को नई धार देने वाला एक और स्वदेशी उपलब्धि हासिल की है। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की उपस्थिति में विशाखापत्तनम में पहली बार पूरी तरह भारतीय डिजाइन पर आधारित डाइविंग सपोर्ट वेसल (INS Nistar) को नौसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो न केवल भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

समुद्र की गहराइयों के लिए बना ‘निस्तार’

आईएनएस निस्तार को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया गया है और यह दो डाइविंग सपोर्ट वेसलों में से पहला है। यह पोत विशेष रूप से गहरे समुद्र में संतृप्ति डाइविंग (Saturation Diving) और पनडुब्बी बचाव अभियानों के लिए तैयार किया गया है। दुनिया की केवल कुछ ही नौसेनाओं के पास इस तरह की उच्च तकनीकी क्षमता है, जो भारतीय नौसेना को एक नई ऊँचाई पर स्थापित करता है।

आईएनएस निस्तार की प्रमुख विशेषताएं

आईएनएस निस्तार भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक डाइविंग सपोर्ट वेसल है, जिसकी कुल लंबाई 118 मीटर है और यह 10,000 टन से अधिक भार उठाने की क्षमता रखता है। यह पोत भारत की स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है, क्योंकि इसमें 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। इसके निर्माण में 120 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) की सक्रिय भागीदारी रही है, जिससे यह न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत है, बल्कि देश की औद्योगिक आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है।

तकनीकी रूप से, निस्तार में कई उच्चस्तरीय उपकरण लगे हैं। इसमें रिमोट से संचालित वाहन (ROV), स्व-चालित हाइपरबेरिक लाइफबोट, और डाइविंग कम्प्रेशन चेंबर जैसी सुविधाएं हैं, जो इसे गहरे समुद्र में 300 मीटर तक गोताखोरी और बचाव कार्य में सक्षम बनाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य संकट की स्थिति में पनडुब्बी से फंसे कर्मियों को सुरक्षित निकालना, डाइविंग सहायता प्रदान करना, और खोज-बचाव अभियानों में सहयोग देना है। इन क्षमताओं के साथ आईएनएस निस्तार भारतीय नौसेना की रणनीतिक और मानवीय सहायता क्षमताओं को नई ऊंचाई प्रदान करता है।


निस्तार: शक्ति, स्वदेशी क्षमता और रणनीतिक संकल्प का प्रतीक

इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा,

"आईएनएस निस्तार का जलावतरण भारतीय नौसेना की 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' और 'वरीय सुरक्षा भागीदार' की भूमिका को मजबूती से दर्शाता है। यह तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का सजीव उदाहरण है।”

उन्होंने बताया कि वर्तमान में निर्माणाधीन 57 नए युद्धपोतों का निर्माण भी स्वदेशी स्तर पर ही हो रहा है, जो भारत की सामरिक स्वाधीनता का संकेतक है। सेठ ने कहा कि भारत हर प्रकार के खतरे और दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

नौसेना प्रमुख का संदेश: 'निस्तार' सिर्फ तकनीक नहीं, एक परिचालन प्रवर्तक है

इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा,

"आईएनएस निस्तार न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण संपत्ति है, बल्कि यह एक परिचालन प्रवर्तक भी है। यह भारतीय नौसेना और क्षेत्रीय सहयोगियों को संकट के समय पनडुब्बी बचाव सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। इससे भारत इस क्षेत्र में एक 'पसंदीदा पनडुब्बी बचाव भागीदार' के रूप में उभरेगा।"

उन्होंने इसे समुद्री औद्योगिक आधार की बढ़ती क्षमता और भारत की परिपक्व इंजीनियरिंग दक्षता का प्रतीक बताया।

नए युग का आरंभ

इस समारोह में पूर्ववर्ती निस्तार के चालक दल, वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के प्रतिनिधि और अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। यह क्षण भारतीय नौसेना के तकनीकी इतिहास में एक नवीन अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है।

नौसेना में आत्मनिर्भरता की ओर निर्णायक कदम

आईएनएस निस्तार का भारतीय नौसेना में शामिल होना एक रणनीतिक उपलब्धि है जो भारत की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को वैश्विक मानकों पर स्थापित करता है। यह न केवल रक्षा तैयारियों को सशक्त बनाता है, बल्कि भारत को समुद्री आपदा प्रबंधन और पनडुब्बी बचाव जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में नेतृत्व की भूमिका के लिए तैयार करता है।

आईएनएस निस्तार केवल एक जहाज नहीं है, यह भारत के बढ़ते सैन्य कौशल, वैज्ञानिक नवाचार, और राष्ट्र निर्माण के संकल्प का परिचायक है। यह पोत समुद्र की अंधेरी गहराइयों में भारतीय साहस, स्वदेशी प्रतिभा और रणनीतिक बुद्धिमत्ता का दीपक बनकर चमकेगा।

The News Grit, 19/07/2025

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